Agra, Uttar prades, India. दीपावली की खरीदारी धनतेरस को ही क्यों की जाती है? उसके पीछे सबसे महत्वपूर्ण ज्योतिषीय कारण ये है कि दीपावली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को ही मनाया जाता है। चतुर्दशी तिथि को कोई भी वास्तु नही खरीदी जाती है, क्योंकि ये रिक्ता तिथि है अतः शुभ नही है। दीपावली के दिन अमावस्या तिथि होने के कारण भी कोई वस्तु एवं खरीदारी के लिए बिल्कुल भी शुभ नहीं और अमावस्या को किया गया कार्य एवं खरीदी गई वस्तु हमारे लिए शुभ नहीं है। इसी लिए इस पंच दिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ एवं खरीदारी धनतेरस को ही की जाती है।
इस दिन भगवान धन्वंतरि जी की जयंती भी होने के कारण हमें स्वास्थ्य वर्धक, सुखद, शुभ, आनंदायक, श्री गणेश जी और लक्ष्मी जी, मिट्टी, चाँदी, सोना, ताँबा, पीतल, कासां आदि से बनी वस्तुओं को ही खरीदना चाहिए। डरावनी, नुकीली, चमड़े आदि से वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए।
धनतेरस १२ नवम्बर को रात्रि ९ बजकर २८ मिनट त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी। १३ नवम्बर शुक्रवार को है। इश दिन त्रयोदशी तिथि सायं ५ बजकर ५६ मिनट तक रहेगी। इसलिए धनतेरस 13 नवम्बर को मनानी चाहिए।
१३ नवम्बर को प्रातः से रात्रि ११ बजकर ३ मिनट तक चित्रा नक्षत्र रहेगा । यह भी खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र की तरह ही है ।
पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर १ बजे से २ बजकर ३० मिनट तक अति शुभ समय, दोपहर २:३० से ४ बजे तक शुभ समय रहेगा ।
विशेष वाहन, भवन आदि कीमती वस्तुओं की खरीदारी हेतु अपनी जन्म राशि से दिन का नेष्ट चन्द्रमा ( ४,८,१२) का विचार अवश्य करें ।
ज्योतिषाचार्य डॉ.अरविन्द मिश्र, आगरा
संपर्क सूत्र – ०९४१२३४३५६० .
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