तहलका के तरुण तेजपाल समेत चार पर दो करोड़ का हर्जाना, मानहानि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का 22 साल बाद आया फैसला – Up18 News

तहलका के तरुण तेजपाल समेत चार पर दो करोड़ का हर्जाना, मानहानि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का 22 साल बाद आया फैसला

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दिल्ली हाईकोर्ट ने सेना के पूर्व अफसर मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया मानहानि केस में 22 साल बाद फैसला सुनाते हुए दोषियों पर दो करोड़ का हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने कहा कि यह पैसा आरोपियों तहलका डॉट कॉम, (Tehelka.com, ) इसके ओनर मेसर्स बुफालो कम्युनिकेशन्स, प्रोप्राइटर तरुण तेजपाल दो पत्रकारों अनिरुद्ध बहल और मैथ्यू सैमुअल से वसूला जाएगा।

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने कहा कि पीड़ित सैन्य अधिकारी बीते कई सालों से इस बदनामी के साथ समाज में रहने को मजबूर है। वर्ष 2002 में पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया ने केस दायर किया था।

कोर्ट ने कहा कि पीड़ित सैन्य अधिकारी पहले ही कोर्ट आफ इंक्वायरी का भी सामना कर चुके हैं। स्टिंग ऑपरेशन में लगाए गए आरोप के कारण उन्हें सेना अधिकारी के लिए अयोग्य भी घोषित किया गया था। ऐसे में इस मामले में माफी मांगना ने केवल कम है बल्कि इसका कोई मतलब भी नहीं है।

कोर्ट ने अब्राहम लिंकन की बात को दोहराते हुए कहा कि, ‘सच को झूठ के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव माना जाता है। फिर भी, समाज के सामने बिगड़ी हुई छवि को इतनी जल्दी नहीं सुधारा जा सकता। खोया हुआ सम्मान वापस पाना कठिन होता है।’

ऐसे में पीड़ित को मुआवजे के रूप में आरोपियों को दो करोड़ रुपए हर्जाने के तौर पर देने होंगे। कोर्ट ने कहा कि पीड़ित पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से न सिर्फ उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची थी बल्कि उनके चरित्र पर भी दाग लग गया था। तहलका और उसके पत्रकारों ने खबरें लिखकर अहलूवालिया को बदनाम किया, जबकि उन्होंने कभी किसी पैसे की मांग नहीं की थी।

करीब 22 साल पहले रक्षा सौदों में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक न्यूज पोर्टल तहलका डॉट कॉम के कथित स्टिंग ऑपरेशन ने तहलका मचा दिया था। ‘ऑपरेशन वेस्ट एंड’ नाम के इस स्टिंग ऑपरेशन में आर्मी के एक मेजर जनरल को दिखाया गया कि उन्होंने एक डिफेंस डील के एवज में अंडरकवर जर्नलिस्ट से 10 लाख रुपये और ब्लू लेबल व्हिस्की की एक बोतल की मांग की थी।

  1. अंडरकवर जर्नलिस्ट खुद को डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर बताकर उनसे मिला था। तहलका डॉट कॉम के इस कथित स्टिंग ऑपरेशन ने तहलका मचा दिया था। स्टिंग से अपनी प्रतिष्ठा धूमिल होने और दाग लगने पर आर्मी अफसर ने ‘तहलका’, उसके संस्थापक और संबंधित पत्रकारों पर मानहानि का केस दर्ज कराया। अब 22 साल बाद दिल्ली हाई कोर्ट में मेजर जनरल की बड़ी जीत हुई है।
Dr. Bhanu Pratap Singh