कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले, पीएम मोदी से नफरत के चक्कर में कुछ लोग अपना सत्‍यानाश कर रहे हैं

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आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने विपक्षी नेताओं को नसीहत दी है। उन्‍होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत करने में कुछ लोग अपना सत्‍यानाश करने में लगे हैं। पीएम का विरोध करना ठीक है। उनके फैसलों की आलोचना करने में भी बुराई नहीं है लेकिन नफरत सही नहीं है। लोकतंत्र में इसकी गुंजाइश नहीं है। इसी निगेटिविटी के चक्‍कर में लोगों ने बनी बनाई सरकारों को गिराया है। लोकतंत्र में स्‍वस्‍थ आलोचना की जगह है। निगेटिविटी की नहीं।

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर का भी जिक्र किया। उन्‍होंने राम का विरोध करने वाले को नास्तिक बताया। प्रमोद कृष्‍णम ने कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन समूचे देश का उत्‍सव है। जिन लोगों को भी राम मंदिर के उद्घाटन पर जाने का निमंत्रण मिला है, उन्‍हें वहां जरूर जाना चाहिए। यह सौभाग्‍य होगा। निमंत्रण ठुकराना दुर्भाग्‍य की बात होगी।

लोकतंत्र में निगेटिविटी की गुंजाइश नहीं

प्रमोद कृष्‍णम से पूछा गया था कि उनकी पार्टी के साथ दूसरे विपक्षी दलों के भी कुछ नेता मोदी सरकार पर राम मंदिर के नाम पर वोट बटोरने का आरोप लगा रहे हैं। इस पर कांग्रेस नेता ने नसीहत देते हुए कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्‍य है।

लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए। आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करें, उनके फैसलों की अलोचना करें लेकिन मोदी से नफरत करें यह लोकतंत्र की निशानी नहीं है। कुछ लोग ऐसे हैं जो नरेंद्र मोदी से नफरत करने में अपना सत्यानाश कर रहे हैं।

आचार्य प्रमोद कृष्‍णम बोले, विपक्ष में कुछ नेता ऐसे हैं जिन्‍होंने अपनी बनी बनाई सरकारों को गिराया है। यह तो सत्यानाश ही है। यह निगेटिव एनर्जी है। लोकतंत्र में निगेटिविटी की गुंजाइश नहीं है। आलोचना की गुंजाइश है।

राम का विरोध करने वाला नास्तिक

कांग्रेस नेता ने राम का विरोध करने वालों को नास्तिक बताया। वह बोले, जो राम का विरोध करे वो नास्तिक। राम का विरोध करने वाले को तो राजनीति करने का अधिकार नहीं है। राम का विरोध कर भारत में राजनीति करने वाले को जनता नकारती है।

प्रमोद कृष्‍णम ने कहा कि राम के मंदिर का उद्घाटन भारत का उत्सव है। इसमें नेगेटिव बातें कर द्वेश और ईर्ष्‍या लाना ठीक नहीं है। यह हमारी संस्कृति नहीं है। दुश्मन के घर में भी अगर खुशी होती है तो हम खुशी मनाते हैं। यह भारत है। जिन्‍हें रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह में निमंत्रण मिला है, उनका परम सौभाग्‍य है। जो नहीं जाएंगे यह उनका दुर्भाग्‍य होगा।

Compiled: up18 News

Dr. Bhanu Pratap Singh