अबू सलेम को लेकर प्रत्यर्पण के वक्त किए गए वादे पर अमल होगा: केंद्र सरकार

अबू सलेम को लेकर प्रत्यर्पण के वक्त किए गए वादे पर अमल होगा: केंद्र सरकार

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केंद्रीय गृह सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि गैंगस्टर अबू सलेम को अधिकतम 25 साल की सजा का वादा पूरा किया जाएगा। यह वादा तत्कालीन डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी ने सलेम के पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के वक्त वहां की सरकार से किया था।
ऐसे में माना जा रहा है कि 2030 में सलेम की 25 साल की सजा पूरी होने पर उसे रिहा कर दिया जाएगा। सलेम ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर कहा था कि भारत सरकार ने 2002 में पुर्तगाल सरकार से वादा किया था कि उसे न तो फांसी की सजा दी जाएगी, न ही किसी भी केस में 25 साल से अधिक कैद होगी।
इस केंद्र सरकार ने कहा कि वह गैंगस्टर सलेम की रिहाई पर साल 2030 में विचार करेगी। सरकार उस वादे को पूरा करेगी जो अबू सलेम के प्रत्यर्पण के वक्त तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने किया था।
अभी रिहाई की मांग गलत, नवंबर 2030 में खत्म होगी मियाद
शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय गृह ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से दायर जवाब में कहा गया है कि 25 साल अधिकतम कैद की सजा की ये मियाद 10 नवंबर 2030 को खत्म होगी। उससे पहले नहीं, जैसा कि अबू सलेम दावा कर रहा है। ऐसे में अबू सलेम का अभी से ही मुंबई के विशेष टाडा कोर्ट की ओर से दी गई उम्रकैद की सजा पर सवाल उठाते हुए रिहाई की मांग करना गलत है।
वादे से सरकार बंधी है, अदालत नहीं
केंद्रीय गृह सचिव ने सुप्रीम कोर्ट दायर हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया है कि पुर्तगाल सरकार से किए गए वादे से केंद्र सरकार बंधी है। अदालतें भारतीय कानून के अनुसार सजा व फैसला दे सकती हैं। पुर्तगाल से किया गया वादा सरकार का विषय है, न कि अदालतों का। मामलों के गुणदोष के आधार पर कोर्ट को फैसला करना चाहिए।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh