बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण का एक और बड़ा दांव खेला है। बिहार सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को आरक्षण देने का फैसला लिया है। इस फैसले को कैबिनेट मंजूरी दे दी गई है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को 10% का लाभ मिलेगा। न्यायिक सेवा में भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके अलावा मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में 14 एजेंडों पर मुहर लगी है।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक के दौरान नीतीश कैबिनेट के सभी मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे। कैबिनेट की बैठक मुख्य सचिवालय सभागार में हुई। इसमें कुल 14 एजेंडों पर मुहर लगी। ग्रामीण विकास विभाग, विज्ञान प्रावैधिकी और तकनीती शिक्षा विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण विभाग, योजना और विकास विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन, परिवहन और पथ निर्माण विभाग से जुड़े प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दी है।
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण
कैबिनेट के फैसलों के दौरान जाति आधारित जनगणना का असर भी देखने को मिला। कैबिनेट सेक्रेटरी एस सिद्धार्थ ने मीडिया को ब्रीफ करते हुए बताया कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण दिया गया है। इसका लाभ न्याययिक सेवा में मिलेगा।
बिहार उच्च न्याय सेवा संशोधन नियामवली 1951 और बिहार असैनिक सेवा न्याय शाखा भर्ती नियमावली 1955 में संशोधन पर भी मुहर लगी है। बिहार उच्च न्याय सेवा संशोधन नियमावली 2023 और बिहार असैनिक सेवा न्याय शाखा भर्ती संशोधन नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गई है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यथियों को 10 फीसदी का लाभ मिलेगा।
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