सही फ़ैसला लेते तो राष्ट्रीय लीडर हो सकते थे जयंत चौधरी: सुरेश राणा

UP Election 2022 सही फ़ैसला लेते तो राष्ट्रीय लीडर हो सकते थे जयंत चौधरी: सुरेश राणा

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उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि इस गठबंधन का असर ‘ज़मीन पर नहीं दिखता’ है.
राणा ने बीबीसी से ख़ास बातचीत में कहा, “ये गठबंधन दिल्ली में बैठकर हुआ है. सड़क पर गठबंधन नहीं है.”
राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी ने शुक्रवार को कहा था कि वो गृह मंत्री (अमित शाह) के न्योते को गंभीरता से नहीं लेते.
अमित शाह ने 26 जनवरी को दिल्ली में जाट नेताओं से मुलाक़ात की थी, उसके बाद बीजेपी नेताओं ने राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी के लिए दरवाज़े खुले होने की बात की थी.
जयंत चौधरी की प्रतिक्रिया को लेकर सुरेश राणा ने कहा, “जयंत चौधरी गंभीरता से लेते हैं या नहीं ये सवाल नहीं है. सवाल ये है कि मतदाता क्या सोचता है? ”
सुरेश राणा ने कहा, “आप बात करें तो लोकदल के ज़्यादातर समर्थक कहेंगे कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन ग़लत किया है.”
उन्होंने कहा कि “हां… अमित शाह जी ने जो कहा है, उस पर आपको गौर करना चाहिए. अमित शाह ने कहा कि उन्होंने (जयंत ने) ग़लत राह चुनी है. उनका मतलब है कि यदि सही फ़ैसला लेते तो आज जयंत चौधरी भी राष्ट्रीय पटल के लीडर होते और जो उनसे जुड़े हुए लोग हैं, आरएलडी के कार्यकर्ता हैं, उनके चेहरों पर भी मुस्कुराहट होती.”
दूसरे की पर्ची पर तुलवाया गन्ना
सुरेश राणा ने दोनों पार्टियों के गठजोड़ को लेकर कई और सवाल उठाए.
उन्होंने कहा, “अब समाजवादी पार्टी का आदमी आरएलडी के सिंबल पर लड़ रहा है. सारे टिकट तो सपा के लोगों ने ले लिए आरएलडी में. ”
राणा ने चुटकी लेते हुए कहा, “देसी भाषा में किसान कह रहे थे ये तो ऐसा हुआ कि दूसरे की पर्ची पर दूसरे ने गन्ना तुलवा लिया हो.”
जयंत चौधरी किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर बीजेपी को लगातार कठघरे में खड़ा कर रहे हैं.
जयंत चौधरी लखीमपुर खीरी घटना का भी ज़िक्र कर रहे हैं. इस बारे में पूछने पर यूपी सरकार के मंत्री सुरेश राणा ने समाजवादी पार्टी पर आरोपों की बौछार कर दी और जयंत चौधरी के अखिलेश यादव के साथ जाने को लेकर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा, “ये वही समाजवादी पार्टी है जिसने मुजफ़्फरनगर में दंगा कराया. ये वही समाजवादी पार्टी है जिसने 12 हज़ार किसानों पर झूठे मुक़दमे किए. ये वही समाजवादी पार्टी है जिन युवाओं को सेना में जाना था, पुलिस में जाना था, उनके ख़िलाफ़ झूठे मुक़दमे कायम किए. इसी समाजवादी पार्टी ने चौधरी अजित सिंह जी को मुख्यमंत्री बनते-बनते रोक दिया. समाजवादी पार्टी को यहां के बच्चे-बच्चे ने देखा है.”
राणा ने दावा किया कि चौधरी चरण सिंह के विचारों पर सिर्फ़ बीजेपी ही चल रही है. राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते हैं.
गन्ना किसानों के बकाए पर क्या बोले?
गन्ना किसानों के बकाए के भुगतान से जुड़े सवाल पर सुरेश राणा ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसका भी समाधान कर दिया है.
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में 120 चीनी मिल हैं. उनमें से 94 ऐसी मिल हैं जिनका 14 दिन के अंदर हम भुगतान कर रहे हैं. जो बची हुई मिल हैं 26 उनमें से 16 ऐसी हैं जो इस समय करंट में भी 70 परसेंट पर हैं. बची 10, उनके लिए हम क़ानून लेकर आ गए हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “अगर शुगर मिल भुगतान नहीं करतीं तो उसकी जो सहायक कंपनी है, उसकी संपत्ति को भी हम ज़ब्त करके भुगतान सुनिश्चित कर सकते हैं, वही हमने किया, हमने बजाज शुगर मिल का पैसा देने के लिए बजाज एनर्जी से पैसा ज़ब्त किया. एक हज़ार करोड़ रुपये ज़ब्त करके गन्ना किसानों का भुगतान सुनिश्चित करने का काम किया.”
सुरेश राणा को बीजेपी ने शामली ज़िले की थानाभवन विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. उनका मुख्य मुक़ाबला राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी अशरफ अली ख़ान से माना जा रहा है.
इस सीट पर कुल तीन लाख 44 हज़ार वोटरों में से करीब 98 हज़ार मुस्लिम मतदाता हैं. जाट वोटरों की संख्या करीब 40 हज़ार बताई जाती है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि मौजूदा विधानसभा चुनाव में मुक़ाबला 80 बनाम 20 का होगा. लेकिन राणा की सीट पर क्या स्थिति रहेगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा, “चुनाव सीधा-सीधा क़ानून व्यवस्था और विकास पर हो रहा है. बेहद शानदार क़ानून व्यवस्था है.”