Agra, Uttar Pradesh, India.बालाजीपुरम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ पर विराजमान संत रामप्रपन्नाचार्य ने नन्दोत्सव, श्रीकृष्ण बाल लीलाएं, ऊखल बंधन, पूतना उद्धार, श्री गोवर्धन पूजा आदि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया।
सृष्टि का सार तत्व परमात्मा
संत रामप्रपन्नाचार्य ने कहा श्री कृष्ण की बाल लीलाएं मनोहारी है। गोकुल की गलियों में उनका विचरण, घुटनों के बल चलना और मक्खन की चोरी कर खाना आदि घटनाएं बरबस ही मन मोह लेती है। उनकी बाल लीलाओं का आध्यात्मिक पक्ष सुन भक्त भावविभोर हो गये। उन्होंने बताया कि दूध का सार तत्व मक्खन है। श्रीकृष्ण मक्खन खाते थे क्योंकि वह सार तत्व ही ग्रहण करते थे, वह हमें यह संदेश देना चाहते थे कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। आरोग्य होना चाहते हो, संतान को स्वस्थ देखना चाहते हो तो परिवार के साथ भगवान के अवतार की कथा सुननी चाहिए, नहीं तो यह शरीर मछली और कछुआ का भोज बनेगा, यह मानव शरीर साधारण नहीं है।
सूर्योदय से पूर्व उठें
उन्होंने कहा कि नियम पर चलना शुरू करें, सूर्योदय से पूर्व उठें, भगवान को अर्पण कर भोजन ग्रहण करें। सूर्योदय से पूर्व शूरवीर उठता है आगे चलकर सूरमा बनता है। स्कूल और कॉलेज में अर्थ और भोग की शिक्षा मिलती है। धर्म की शिक्षा, सत्य की शिक्षा, संस्कार की शिक्षा केवल संतों के सत्संग में मिलती है। जो भगवान विष्णु का भक्त होता है वह किसी भी योनि में चला जाए, उसका कल्याण हो जाता है।
देवताओं की जड़ भगवान विष्णु
गुरु वही जो हरि भजन करावे, यज्ञ करावे, ना कि टिकट दिलावे। जिस प्रकार शाखा और पत्तियों में पानी डालने से पेड़ का विकास नहीं होता है, उनका विकास और हरा-भरा जड़ में पानी डालने से होता है। उसी प्रकार देवताओं की जड़ भगवान विष्णु है। उनकी भक्ति से सभी देवताओं की भक्ति हो जाती है। जो जन्मा है उसकी मृत्यु निश्चित है सबको जाना है, मृत्यु को स्वीकार करो, शीघ्र ही प्रभु के चरणों की ओर बढ़ते चलो। जैसे दूध में घी है और रहते हुए घी दिखता नही है,तिल में तेल नही दिखता, उसी प्रकार जीव में आत्मा नहीं दिखती।
ये रहे मौजूद
कथा में कुलदीप तिवारी, केके भारद्वाज, राम प्रकाश शर्मा, रमेश चंद शर्मा दूरा वाले, पं. रघुवीर दास दीक्षित, किशन स्वरूप लवानियां, मुन्नालाल कुलश्रेष्ठ, अर्जुन भक्तमाली आदि प्रमुख मौजूद रहे।
- हिंदी से न्याय अभियान: देशभर से अब तक पौने दो करोड़ हस्ताक्षर - September 28, 2024
- अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव में नौ हस्तियों को नवरत्न सम्मान, यहां देखें पूरी सूची - September 22, 2024
- अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव में देश-विदेश से आए रंगकर्मी जमा रहे रंग, चाहिए आपका संग, आज अंतिम दिन - September 22, 2024