Agra, Uttar Pradesh, India. आइए, आज आपको गार्गी से मिलवाते हैं। कक्षा 11 में पढ़ती है। सिर्फ 15 साल की है। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो गई है। यह जानकर तो आपकी आँखें आश्चर्य से फैल जाएंगी कि वह 20 महिलाओं को रोजगार भी दे रही है। इस तरह वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ को सार्थक कर रही है।
क्यों की शुरुआत
भारत का सीमा पर चीन से विवाद बढ़ा। 20 भारतीय सैनिकों का बलिदान हुआ। यह जानकर मोहनपुरा, आगरा (जिलाधिकारी शिविर कार्यालय के पीछे) निवासी गार्गी का मन गुस्से से विचलित हो उठा। तब गार्गी ने तय किया कि वह चीन निर्मित किसी सामान का प्रयोग नहीं करेगी। चीन के माल की सर्वाधिक खपत होती है दीपावली पर। इसलिए उसने तय किया क वह चीन निर्मित झालरों का प्रयोग रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करेगी।
क्या कर रही
गार्गी ने अत्यंत आकर्षक मोम के दीपक तैयार किए। देखने में ऐसे कि चित्त को भा जाएं। आसपास के लोगों ने इन्हें पसंद किया। सब उसकी कला की तारीफ करने लगे। गार्गी का उत्साह बढ़ गया। उसने और दीपक बनाए।
रोजगार भारती की भूमिका
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुसांगिक संगठन रोजगार भारती को गार्गी की कारीगरी के बारे में जानकारी मिली। मौके पर जाकर उसके बनाए दीपक देखे। रोजगार भारती के महामंत्री सीए प्रमोद सिंह चौहान कारीगरी देखकर अचरज में पड़ गए। उन्होंने तय किया कि गार्गी के कार्य को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने गार्गी के दीपकों की ‘दीपज्योतिका’ नाम से ब्रांडिंग शुरू की। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली। एक घंटे के अंदर ही 10 हजार दीपक बनाने का ऑर्डर मिल गया। फिर क्या था, गार्गी ने अपने साथ 20 महिलाओं को और जोड़ लिया है। सब दीपावली का आर्डर पूरा करने में लगी हैं। आप चाहें तो 09411410043 पर दीपक बनाने का ऑर्डर दे सकते हैं।
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