नगर निगम की ओर से बिना पार्किंग के वसूली का ऑटो चालक कर रहे हैं विरोध

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा नगर निगम की ओर से बसूले जाने वाले पार्किंग शुल्क और उसके विरोध का सिलसिला एक बार फिर शुरू गया है। कोरोनाकाल में करीब नौ महीने तक नगर निगम की ओर से ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के अलावा दूसरे वाहनों से भी पार्किंग शुल्क नहीं वसूला गया। हालांकि नगर निगम ने यह फैसला किस आधार पर और क्यों लिया इस पर निगम की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। ज्ञात रहे कि पार्किंग शुल्क के नाम पर मथुरा में प्रवेश शुल्क की भी वसूली होती है। यह वसूली उन प्रवेश और निकास मार्गों पर भी होती रही है जिन्हें नगर निगम ने पार्किंग शुल्क के लिए भी नहीं चुना है। दूसरा यह साल दो साल नहीं बल्कि वर्षों से होता रहा है। वर्तमान में नगर में प्रवेश शुल्क की वसूली नहीं हो रही है लेकिन पार्किंग शुल्क के नाम पर प्रवेश शुल्क वसूलने के प्रयास निरंतर जारी है।

बडी संख्या में ऑटो और ई-रिक्शा चालक इस वसूली के विरोध में हडताल पर चले गये

15 दिसम्बर से एक बार फिर गोवर्धन चौराहे पर ऑटो और ई-रिक्शा चालकों से पार्किंग शुल्क की वसूली शुरू हुई है। हालांकि इसे लेकर भी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। शुक्रवार को बडी संख्या में ऑटो और ई-रिक्शा चालक इस वसूली के विरोध में हडताल पर चले गये। नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की। चालकों की मांग थी कि शहर में कही भी नगर निगम की ओर से पार्किंग नहीं दी गई है। सभी ऑटो और ई-रिक्शा सडक किनारे ही खडे होते हैं। पुलिसकर्मी कभी भी इन्हें यहां से भगा देते हैं। समय-समय पर चालान भी करते रहते हैं। अगर निगर निगम पार्किंग शुल्क वसूल रहा है तो पुलिस चालान नहीं करेगी यह बात की गारंटी दे। पुलिस की भी मार पडे और पार्किंग शुल्क भी दें यह संभव नहीं हैं। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है। यह लगातार किसी न किसी तिराहे चौराहे पर होता रहता है। ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का विरोध जारी रहता है और वसूली भी निरंतर चलती है। यह सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है।

नगर निगम लिखी गाडी से वसूली को पहुंचा युवक
गोवर्धन चौराहे पर मौनू चतुर्वेदी नामक युवक नगर निगम खिली गाडी से बाकायदा ई मशीन के साथ पार्किंग शुल्क की रसीद काट रहा था। हालांकि संदेह तब हुआ जब उसने कहाकि अभी किसी की रसीद नहीं काटी गई है और जिनकी रसीद काटी गई है उन्होंने पैसे नहीं दिये हैं। जबकि चालक रसीद दिखा कर बता रहे थे कि उनसे पैसे ले लिये गये हैं।

रसीद पर नहीं थे किसी के हस्ताक्षर
ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का कहना था कि रसीद पर किसी भी ठेकेदार अथवा अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। सिर्फ नगर निगम लिखा हुआ है। हम पैसे दे रहे हैं तो इस वसूली की कोई तो जिम्मेदारी ले। ऑटो चालकों का यह भी आरोप था कि दावा किया जाता है कि यह रसीद 24 घंटे के लिए मान्य है लेकिन कोई दूसरा ठेकेदार जब चाहे रोक कर रसीद कटवाने का दबाव बनाने लगता है और पहले रसीद को फर्जी बता देता है।

ऑटो से 35, ई-रिक्शा से वसूले जा रहे 15 रूपये
ऑटो की 35 रूपये और ई-रिक्शा की 15 रूपये की रसीद काटी जा रही है। रसीद काट रहे युवक ने बताया कि उसे नगर निगम के अधिकारियों ने भेजा है। पार्किंग नहीं है या पुलिस चालान कर रही है इसमें वह कुछ नहीं कर सकता है। इसके लिए इन लोगों को अधिकारियों से मिलना पडेगा। हालांकि यह सिलसिला अभी पूरे शहर में शुरू नहीं हुआ है। कोरोनाकाल में यह पार्किंग शुल्क वसूली का पहला मामला सामने आया है।  

Dr. Bhanu Pratap Singh