Lucknow, Uttar Pradesh, India. बीजेपी में शामिल हुईं समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने एक तस्वीर ट्वीट की है जिसमें वो मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद ले रही हैं.अपर्णा यादव ने ट्वीट किया है, “भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के पश्चात लखनऊ आने पर पिताजी/नेताजी से आशीर्वाद लिया.”
अपर्णा यादव ने बुधवार को बीजेपी का दामन थाम लिया था. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में अपर्णा यादव पार्टी में शामिल हुईं.
पार्टी का हाथ थामने के बाद संवाददाता सम्मेलन में अपर्णा यादव ने कहा कि “मैं प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित रही हूं. स्वच्छ भारत जैसे बीजेपी के अभियानों से हमेशा प्रभावित रही हूं. मेरे लिए राष्ट्रधर्म सबसे ज़रूरी है और मैं उसी राह पर निकली हूं.” उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने अपर्णा यादव को समझाने की कोशिश की थी कि वो भारतीय जनता पार्टी के साथ न जाएं. अखिलेश यादव ने कहा, “नेताजी ने बहुत कोशिश की समझाने की.”
अब ये तस्वीर किस विचारधारा का प्रचार करेगी
अखिलेश यादव ने ये कहकर रफा दफा किया कि.. अच्छा है समाजवादी विचारधारा का प्रसार हो रहा है. अब ये तस्वीर किस विचारधारा का प्रचार करेगी, ये भी सोच लीजिए। समाजवादी पार्टी के मुखिया भारतीय जनता पार्टी के संभावित उम्मीदवार और अपनी बहू को आशीर्वाद दे रहे हैं. निश्चित तौर पर सैफई से सहारनपुर तक यही मैसेज जाएगा. खासकर यादव वोट बैंक पर इसका असर पड़ना लाजिमी है. अपर्णा भले परिवार पर चुप हैं लेकिन प्रमोद गुप्ता बहुत कुछ कह चुके हैं. और परिवार जिस संकट से 2017 से पहले गुजरा है उसमें शिवपाल यादव, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने एक दूसरे का साथ जो किया वो बहुत पुराना नहीं हुआ है. यही अखिलेश अपने पिता मुलायम सिंह यादव को पार्टी से बाहर कर चुके हैं. और मुलायम कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं.
हाल ही में जब राष्ट्रयी स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ उनकी तस्वीर आई तो भी कहानियां बनीं. कई बार ऐतिहासिक कड़वाहटें वक्त को दवा बना दब भी जाती हैं. मुलायम और संघ के साथ भी ऐसा ही है। इसलिए सरसंघचालक की समाजवादी पार्टी के नेता से मुलाकात कोई ऐतिहासिक घटना नहीं थी. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ऑन रिकॉर्ड मुलायक की तारीफ कर चुका है. आज नहीं बल्कि कारसेवकों पर फायरिंग के 10 साल बाद ही जब नेताजी फिर से यूपी के सीएम की कुर्सी पर काबिज थे. बात 2003 की है जब मायावती की पार्टी फोड़ मुलायम सीएम बने थे. तब संघ ने हिंदी और स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए मुलायम सिंह यादव की जमकर तारीफ की थी.
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