केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजौरी में मेगा रैली को संबोधित करते हुए पहाड़ी, गुर्जर और बकरवाल को जल्द आरक्षण का ऐलान किया है। उन्होंने आरक्षण मुद्दे पर पहाड़ी बनाम गुर्जर बकरवाल की जंग पर विपक्षी दलों पर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि लोगों ने गुर्जर और बकरवाल भाइयों को उकसाना शुरू कर दिया है। राजौरी में रैली के दौरान अमित शाह ने कहा, ‘मेरा वादा है कि पहाड़ी भी आएंगे और गुर्जर बकरवाल का एक फीसदी भी कम नहीं होगा। फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है।’
रैली संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘आपके साथ अब तक अन्याय हुआ है। पहले आपको आरक्षण मिलता था क्या? गुर्जर बकरवाल को मिलता था क्या? मोदी जी ने आर्टिकल 370 हटाकर आरक्षण का रास्ता क्लियर कर दिया। एसटी आरक्षण का रास्ता अब साफ हो गया है।’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘जस्टिस शर्मा कमीशन ने अपनी सिफारिशें भेज दी है। उसमें बकरवाल गुर्जर और पहाड़ी तीनों को आरक्षण की सिफारिश की है। देश के पीएम का बहुत बड़ा मन है। सिफारिशों की प्रशासनिक प्रक्रिया समाप्त होते ही तीनों समुदायों को आरक्षण का लाभ मिलने वाला है।’
राजौरी-बारामूला में तीनों समुदाय की बड़ी आबादी
गौरतलब है कि राजौरी और बारामूला में पहाड़ियों के साथ गुर्जर और बकरवाल की भी बड़ी आबादी रहती है। पहाड़ियों को एसटी का दर्जा देकर बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में ज्यादातर सीटें अपने नाम करने का राजनीतिक कदम उठाया है। बीजेपी ने इन दोनों इलाकों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय की लंबे समय से मांग के तहत उन्हें अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने का वादा किया था।
आरक्षण पर पहाड़ी बनाम गुर्जर-बकरवाल
हालांकि पहाड़ियों को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव पर गुर्जरों और बकरवालों ने नाराजगी जताई है। गृह मंत्री की ओर से बड़ी घोषणा की उम्मीद में पहाड़ियों में भारी उत्साह है लेकिन गुर्जर और बकरवाल समुदायों ने इससे अनुसूचित जनजाति का दर्जा कमजोर होने की आशंका जताई है।
यहां हजारों की संख्या में गुर्जर और बकरवाल समुदाय के कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों ने पहाड़ी भाषी लोगों को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का विरोध करने के लिए शांतिपूर्ण मार्च निकाला।
परिसीमन के बाद एसटी को 10 फीसदी आरक्षण
हाल ही में परिसीमन की कवायद के बाद पहली बार अनुसूचित जनजाति को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। अनुसूचित जनजाति के लिए नौ सीट आरक्षित की गई हैं, जबकि सात अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं।
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