यूक्रेन से जंग के बीच भारत ने पश्चिम के दबाव को पूरी तरह खारिज कर दिया: रूस

INTERNATIONAL

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ़ करते हुए कहा है कि यूक्रेन से जंग के बीच भारत ने पश्चिम के दबाव को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया.

रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि एस जयशंकर ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर पश्चिमी देशों के सवाल का क़ायदे से जवाब दिया था.

सर्गेई लावरोफ़ रविवार को रूसी शहर सोची में वर्ल्ड यूथ फोरम को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उनसे रूस से भारत के तेल ख़रीदने को लेकर सवाल पूछा गया था.

लावरोफ़ ने जयशंकर के जवाब को याद करते हुए कहा, ”भारतीय विदेश मंत्री ने यूरोप को कहा था कि दूसरों को उपदेश देने से पहले ख़ुद को देखें. भारत हमेशा से रूस का दोस्त रहा है.”

रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ”भारत के विदेश मंत्री और मेरे दोस्त एस जयशंकर एक बार संयुक्त राष्ट्र में भाषण दे रहे थे. उनसे रूस से तेल ख़रीदने को लेकर सवाल पूछा गया था. जयशंकर ने पश्चिम को जवाब दिया कि वो ख़ुद को देखे और भारत को उपदेश ना दे.”

”जयशंकर ने याद दिलाया कि भारत पर रूस से तेल ख़रीदने को लेकर सवाल उठाने वाले ख़ुद ही भारत की तुलना में रूस से कई गुना ज़्यादा तेल ख़रीद रहे हैं. जयशंकर ने जो जवाब दिया, उसे ही राष्ट्रीय गौरव कहते हैं.”

ऐतिहासिक संबंध 

अपने संबोधन में लावरोफ़ ने रूस और भारत की ऐतिहासिक साझेदारी को भी रेखांकित किया.

उन्होंने कहा कि शीतयुद्ध के दौरान सोवियत संघ ने भारत की मदद की थी. तब पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था और भारत ने इस खेमे में शामिल होने से इनकार कर दिया था.

रूसी विदेश मंत्री भारत के साथ सोवियत यूनियन और बाद में रूस के साथ बढ़ते सहयोग का हवाला देते हुए कहा, ”जब पश्चिम के देश भारत में आधुनिक हथियार भेजने के लिए सोचते तक नहीं थे तब सोवियत यूनियन और बाद में रूस ने न केवल आधुनिक हथियारों की आपूर्ति की, बल्कि हाईटेक मिसाइल का संयुक्त उत्पादन भी शुरू किया.

मिसाल के तौर पर ब्रह्मोस मिसाइल. इसी का नतीजा है कि हम मुश्किल वक़्त में भी हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं. हम इसे कभी भूल नहीं पाते हैं और भारतीयों में भी यह ख़ूबी है.”

जयशंकर रूस से भारत के तेल ख़रीदने का बचाव कई मंचों पर कई बार बेधड़क कर चुके हैं. पिछले साल जनवरी में जयशंकर ने कहा था कि फ़रवरी 2022 के बाद से यूरोप ने रूस से भारत की तुलना में छह गुना ज़्यादा तेल आयात किया है.

पिछले साल मई महीने में यूरोपियन यूनियन के एक अधिकारी ने भारत से रिफाइन होकर यूरोप आने वाले रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. तब जयशंकर ने कहा था कि यह ईयू के नियमों का उल्लंघन नहीं है.

ईयू के विदेश और रक्षा नीति मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा था कि भारतीय रिफाइनरीज व्यापक पैमाने पर रूसी तेल ख़रीदकर प्रोसेस करने बाद यूरोप में बेच रही हैं.
बोरेल ने कहा था कि ईयू को इस मामले में तत्काल कोई क़दम उठाना चाहिए.

बोरेल की टिप्पणी पर जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा था, ”यह ईयू के नियमों का उल्लंघन नहीं है क्योंकि उसका नियम है कि रूस का तेल किसी तीसरे देश से आता है तो उसे रूस के तेल की तरह नहीं देखा जाएगा.”

भारत अभी रूस के कच्चे तेल के बड़े ख़रीदारों में से एक है.
फ़रवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब से रूसी तेल का आयात भारत बढ़ाता गया.

2022 के अक्तूबर में तो रूस भारत में सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया था. इससे पहले सऊदी अरब और इराक़ भारत के बड़े तेल आपूर्तिकर्ता देश थे.

अप्रैल 2022 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
जयशंकर तब अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के साथ वॉशिंगटन में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. एक पत्रकार ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर सवाल पूछा था.

इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा था, ”आप भारत के तेल ख़रीदने से चिंतित हैं लेकिन यूरोप जितना तेल एक दोपहर में ख़रीदता है, उतना भारत एक महीने में भी नहीं ख़रीदता है.”

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh