अमेरिका का भारतवंशी समुदाय भारत में CAA लागू किए जाने पर खुश

INTERNATIONAL

अमेरिका में भारतवंशी समुदाय ने भारत में सीएए लागू किए जाने पर खुशी जाहिर की है। अमेरिकी हिंदू समूहों का मानना है कि भारत में सोमवार को अधिसूचित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) अमेरिका में धार्मिक शरणार्थियों के लिए लागू लाडेनबर्ग संशोधन को प्रतिबिंबित करता है।

भारतीय संसद से दिसंबर 2019 में पारित और सोमवार को अधिसूचित सीएए के तहत केंद्र सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धर्म के आधार पर उत्पीड़न का शिकार होने के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान कर सकेगी।

अमेरिका में हिंदुओं के संगठन ने जताई खुशी

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) की कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा, “भारत में लंबे समय से लंबित सीएए कुछ अत्यंत असहाय शरणार्थियों की रक्षा करता है। यह उन्हें वह मानवाधिकार प्रदान करता है, जिनसे उन्हें वंचित कर दिया गया था। यह उन्हें अपने जीवन का पुनर्निर्माण करने के लिए आवश्यक नागरिकता का स्पष्ट और त्वरित मार्ग प्रदान करता है।”

एचएएफ ने एक बयान में कहा कि सीएए किसी भी भारतीय नागरिक के अधिकारों में बदलाव नहीं करता।

सीएए के नियम तत्काल प्रभाव से लागू

नियमों के अनावरण के साथ, मोदी सरकार अब तीन देशों के सताए हुए गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगी। बता दें कि इसके नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh