shilendra kumar sharma agra

अमर उजाला कॉम्पैक्ट, बीपीएन टाइम्स, सी एक्सप्रेस, सच का उजाला, दैनिक सवेरा समेत 17 पत्र-पत्रिकाओं का पंजीकरण निरस्त की संस्तुति, सिर्फ ई-पेपर या पीडीएफ से संचालित अखबार अवैध, DIO का नोटिस पढ़िए

BUSINESS

3 वर्षों से रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज पेपर्स, नई दिल्ली के कार्यालय में वार्षिक विवरणी नहीं की प्रस्तुत, प्रकाशन का निरस्तीकरण होगा

डीआईओ शीलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा- सभी अखबार नियमित रूप स एक प्रति जिला सूचना कार्यालय में भेजें अन्यथा…

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Agra, Uttar Pradesh, India. जिला सूचना अधिकारी शीलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि आगरा से प्रकाशित 17 पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन निरस्तीकरण किया जा रहा है। पिछले तीन वर्ष से इन समाचार पत्रों ने आर.एन.आई. कार्यालय में कोई विवरण प्रस्तुत नहीं किया है। साथ ही उन्होंने सभी समाचार पत्रों को एक नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि प्रकाशित समाचार पत्र की एक प्रति जिला सूचना कार्यालय को नियमित भेजें।

आगरा से प्रकाशित समाचार पत्रों (पंजीकृत) के स्वामियों/प्रकाशकों द्वारा विगत् 03 वर्षों से रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज पेपर्स (आ.एन.आई.) नई दिल्ली के कार्यालय में वार्षिक विवरणी निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत नहीं की गई है। इस हेतु पूर्व में इन समाचार पत्रों के स्वामियों व प्रकाशकों को निर्धारित प्रारूप में अपनी वार्षिक विवरण देने हेतु सूचित किया गया था। रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज पेपर्स, नई दिल्ली द्वारा प्रेस एक्ट 1867 के सेक्शन-8 के तहत उनके प्रकाशन के निरस्तीकरण की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए गये हैं। इन समाचार पत्रों के जनपद में प्रकाशन प्रस्थिति के बारे में सूचना प्रेषित करने को निर्देशित किया गया है।

इन पर गिरी गाज

व्यास दृष्टि मासिक, तस्वीरे भारत हिन्दी दैनिक, शैक्षिक उनमेश हिन्दी पाक्षिक, ब्यूटी सर्किल द्विभाषीय पाक्षिक, हिचकी द्विभाषीय मासिक, बीपीएन टाइम्स हिन्दी दैनिक,  पार्लियामेंट स्ट्रीट बहुभाषीय साप्ताहिक, सच का उजाला हिन्दी दैनिक सांध्य, अग्रवाल टुडे द्विभाषीय मासिक, द सी एक्सप्रेस हिन्दी दैनिक, प्रवासी जगत हिन्दी त्रैमासिक, आगरा वैटरनरी जर्नल अंग्रेजी वार्षिक, अमर उजाला कॉम्पैक्ट हिन्दी दैनिक, न्याय दृष्टि द्विभाषीय साप्ताहिक, ग्राम सुगंध हिन्दी साप्ताहिक, प्रतियोगी उपवन हिन्दी दैनिक, दैनिक सवेरा हिन्दी दैनिक।

 जिला सूचना अधिकारी द्वारा 19 मई, 2023 को  प्रिंट मीडिया को नोटिस

सेवा में,

सम्पादक, प्रकाशक / ब्यूरो प्रमुख प्रिन्ट मीडिया

जनपद आगरा।

महोदय,

आप अवगत हैं कि पीआरबी अधिनियम 1867 की धारा 11क व 11ख के तहत प्रकाशित समाचार पत्रों की एक-एक प्रति जिला सूचना अधिकारी व अधिनियम में वर्णित विभिन्न कार्यालयों को निःशुल्क नियमित उपलब्ध कराया जाना होता है एवं जनपद में समाचार पत्र प्रसारित भी होना चाहिए।

यह तथ्य प्रकाश में आया है कि उपरोक्त प्राविधानों का जनपद से प्रकाशित समाचार पत्रों द्वारा अनुपालन नहीं किया जाता है और न ही प्राविधानों के अनुरूप समाचार पत्रों की निःशुल्क प्रति जिला सूचना अधिकारी व अधिनियम में वर्णित विभिन्न कार्यालयों को उपलब्ध करायी जाती है। जनपद में समाचारपत्रों के प्रसार संख्या की भी कोई जानकारी उपलब्ध नही है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाता है कि इन समाचारपत्रों में जनपद के समाचार प्रकाशित होते हैं अथवा नहीं। यदि ये समाचारपत्र कार्यालय में आते तो जनहित में प्रकाशित समाचारों का संज्ञान जिला प्रशासन लेता और उस पर अपेक्षित कार्यवाही भी कराया जाता। समाचारपत्र नहीं आने से जनहित भी प्रभावित हो रहा है तथा प्रेस नियमों का भी पालन नहीं हो रहा है। यह तथ्य प्रकाश में आया है कि कुछ समाचार पत्रों द्वारा मुद्रण तथा प्रकाशन के स्थान में परिवर्तन / स्वामित्व परिवर्तन कर समाचार पत्रों का प्रकाशन किया जा रहा है, जबकि नियमतः मुद्रण / प्रकाशन के स्थान परिवर्तन व स्वामित्व परिवर्तन पर नई घोषणा करना आवश्यक है। यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि ऐसे समाचार पत्र व पत्रिकायें जिनकी प्रति जिला सूचना कार्यालय में प्राप्त नहीं हो रही हैं, लेकिन वह ई-पेपर / पीडीएफ द्वारा संचालित हैं, जो अनुमन्य नहीं है इनके पंजीकरण को रद्द कराने हेतु आरएनआई को रिपोर्ट प्रेषित की जायेगी।

जनपद से प्रकाशित विभिन्न समाचार पत्रों (पंजीकृत) के स्वामियों / प्रकाशकों द्वारा विगत 03 वर्षों से रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज पेपर्स, नई दिल्ली के कार्यालय में वार्षिक विवरणी प्रस्तुत नहीं की गई है, अतिशीघ्र सम्बन्धित विवरण प्रेषित करें। जनपद से प्रकाशित सभी दैनिक साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक समाचार पत्र / पत्रिकाओं का प्रमाणित सर्कुलेशन प्रपत्र जिला सूचना कार्यालय में एक सप्ताह में उपलब्ध करायें, जिससे कि सम्बन्धित समाचार पत्र / पत्रिकाओं की वास्तविक प्रसार संख्या की जांच की संस्तुति की जा सके।

उल्लेखनीय है कि जनपद में समाचारपत्र की अदृश्यता / नगण्य सर्कुलेशन के बावजूद भी समय-समय पर आयोजित होने वाले वी०आई०पी० एवं महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में स्थल पर उपस्थिति / प्रवेश हेतु प्रेस पास की औचित्यहीन अपेक्षा की जाती है तथा कार्यक्रम स्थल पर प्रशासन पर प्रवेश हेतु अनावश्यक दबाव भी बनाया जाता है, जो किसी भी दशा में प्रेस एक्ट के अनुरूप नहीं है।

अतः अनुरोध है कि अपने समाचारपत्र की प्रति नियमित रूप से उपरोक्तानुसार जिला सूचना अधिकारी व अधिनियम में वर्णित विभिन्न कार्यालयों को उपलब्ध करायें तथा जनपद में प्रसारित होने वाले समाचापत्र की संख्या भी अधिकृत एजेन्सी के प्राप्ति रसीद की छायाप्रति के साथ सूचना विभाग को अवगत करायें, जिससे कि भविष्य में आयोजित होने वाले महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में आपके प्रवेश / उपस्थिति की अनुमन्यता पर विचार किये जाने में सुगमता हो यह भी अवगत हो कि समाचारपत्र की प्रति ही नैतिक रूप से उपलब्ध कराया जाना होता है। पीडीएफ / डिजिटल समाचारपत्र स्वीकार्य नहीं किए जायेंगे।

नोटिस से स्पष्ट है कि अखबार के नाम पर रुआब गांठने वालों की पोल खुल गई है। सिर्फ पी.डी.एफ. या ई-पेपर चलाकर लोगों को बेवकूफ बनाने वालों पर भी नकेल कसी जा रही है।

Dr. Bhanu Pratap Singh