इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे पर स्टे को गुरुवार तक के लिए बढ़ा दिया है। अब कल यानी 27 जुलाई को साढे़ तीन बजे फिर सुनवाई होगी। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने ASI से 31 जुलाई तक सर्वे खत्म करने को कहा था। इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रहे ज्ञानवापी केस में शाम 4:30 बजे फिर से सुनवाई शुरू हुई थी।
एएसआई के एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी कोर्ट में पहुंचे। उनका कहना है कि सर्वे से ज्ञानवापी परिसर में कोई नुकसान नहीं होगा। इससे पहले कोर्ट ने बुधवार को साढ़े 4 घंटे तक सुनवाई की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने वाराणसी से ASI सर्वे की टीम को बुलाने का निर्देश दिया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने बुधवार को 4:30 बजे फिर से एएसआई सर्वे टीम को एक्सपर्ट के तौर पर पेश होने के लिए कहा था। एएसआई की टीम साढ़े चार बजे कोर्ट में पेश हुई। मुस्लिम पक्ष ने दावा किया था कि सर्वे से मस्जिद के ढांचे को नुकसान होगा।
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर 21 जुलाई के वाराणसी की जिला अदालत के आदेश को चुनौती दी है। जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था।
मस्जिद कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर की अदालत में इस मामले में जल्द सुनवाई करने का यह कहते हुए आग्रह किया कि उच्चतम न्यायालय का 24 जुलाई का आदेश बुधवार (26 जुलाई) शाम पांच बजे तक ही प्रभावी है। उच्चतम न्यायालय ने मस्जिद कमेटी को उच्च न्यायालय जाने के लिए कुछ मोहलत दी थी। नकवी के अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यदि दोनों पक्षों को कोई आपत्ति ना हो तो वह स्वयं इस मामले की सुनवाई कर सकते हैं। इस पर दोनों पक्षों के वकील सहमत हो गए और अदालत ने इस मामले की सुनवाई शुरू की।
पहले इस मामले को बुधवार को सुना जाना था लेकिन कमिटी के वकीलों ने अर्जेंसी के तहत मंगलवार को ही इसकी सुनवाई किए जाने के लिए चीफ जस्टिस को आवेदन दिया, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने करीब 4:30 बजे खुद इस मामले की सुनवाई शुरू की। इस दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से मुकदमे में ASI के पक्षकार न होने की बात कही गई। लगभग आधे घंटे चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की सहमति से अगली सुनवाई बुधवार को सुबह 9:30 बजे से करने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता के वकील ने विभिन्न आधार पर 21 जुलाई का आदेश रद्द करने का अदालत से अनुरोध किया। उनकी दलील थी कि जिला अदालत ने जल्दबाजी में एएसआई को सर्वेक्षण करने का आदेश दिया और चार अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा। निचली अदालत ने याचिकाकर्ता को इस आदेश को चुनौती देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया। इस मामले में वादी ने ज्ञानवापी मस्जिद स्थल पर काशी विश्वनाथ मंदिर बहाल करने की मांग करते हुए वाराणसी की अदालत में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि संपूर्ण मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण से यह साबित करने में मदद मिलेगी कि मस्जिद स्थल पर मंदिर था।
वादी के वकील ने यह दलील भी दी थी कि इस सर्वेक्षण से अदालत को मंदिर के अस्तित्व के संबंध में संग्रह की गई सामग्री और एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचने में भी मदद मिलेगी। वाराणसी की अदालत में दायर एक अन्य याचिका की पोषणीयता को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 28 अगस्त 2023 तक के लिए अपना निर्णय मंगलवार को सुरक्षित रख लिया। यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड और अन्य द्वारा दायर इस याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने यह निर्णय सुरक्षित रखा।
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