-लॉकडाउन के बीच फुटवियर क्षेत्र में भारत व जर्मन कंपनी के बीच बड़ा करार
-10 हजार लोगों को मिलेगा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारः आशीष जैन
-यूपी सरकार हर तरह पर सहयोग करेगीः चौधरी उदयभान सिंह
New Delhi (Capital of India)। वैश्विक महामारी कोविड-19 (Covid-19) के बीच भारत (India) के लिए एक अच्छी खबर आई है। जर्मनी की कंपनी कासा ऐवर जिम्ब अपना लाखों डॉलर का जूता निर्यात कारोबार (Shoe export business) चीन (china) से समेट कर भारत (India) ला रही है। भारत की जूता निर्यातक कंपनी ((Shoe export company) आई ट्रिक और जर्मनी की कंपनी कासा ऐवर जिम्ब (Casa Everz Gmbh) के बीच समझौता हुआ है। भारत में बनने वाले इस ब्रांड का नाम है वॉन वैल्स जर्मनी- 5 जोन (Von wellx Germany-5 जोन)। भारत में कंपनी के आने से 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार (Employment) मिलेगा। करोड़ों रुपये का डॉलर में बिजनेस (Business in Doller) होगा। माना जा रहा है कि कोविड-19 के प्रकोप के बाद जर्मन कंपनी कासा एवर्ज जिम्ब ने उत्पादन चीन के स्थान पर भारत में करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार (UP government) कंपनी को सहयोग के लिए तैयार है।
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भारत के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा
फुटवियर क्षेत्र में यह पहला समझौता है जो जर्मन तकनीक और भारतीय जनसांख्यिकीय को ध्यान में रखकर किया गया है। इसमें मुख्य बात तकनीक की है, जो भारत में अभी तक उपलब्ध नहीं है। यह पूरी तरह से निर्यात इकाई है और इससे भारत के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। करार के मुताबिक आई ट्रिक कंपनी इस जर्मनी कंपनी का माल बनाएगी और उस माल पर क्वालिटी कंट्रोल जर्मन की कंपनी का ही रहेगा। आई ट्रिक कंपनी के मालिक फैक्ट्री को आगरा में ही लगाना चाहते हैं और भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार से सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं। भारत में आई ट्रिक कंपनी पहले से ही इस जर्मनी कंपनी का माल वन विलेज जर्मन के नाम से बना रही है। कासा एवर्ज जिम्ब भारत के अलावा चीन में भी यह काम कर रही है जिसका करोड़ों डॉलर का टर्नओवर है। अब चीन से यह सारा काम समेट कर भारत में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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सीईओ आशीष जैन ने बदला परिदृश्य
लॉकडाउन के बीच यह शानदार काम किया है एक युवा कारोबारी ने। आशीष जैन आई ट्रिक कंपनी के मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) हैं। ऊर्जावान हैं। हर क्षेत्र में नया करने का प्रयास करते रहते हैं। उन्होंने लाइव स्टोरी टाइम को बताया- कोविड 19 के मद्देनजर परेशानियों को देखते हुए पूरी दुनिया का व्यापार परिदृश्य बदल रहा है। इसी कारण जर्मनी कंपनी कासा ऐवर जिम्ब ने अपना चीन का बिजनेस भारत में लाने के लिए हमारे साथ करार किया है। भारत में लॉकडाउन के बीच यह देशवासियों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। उन्होंने बताया कि हमारी भविष्य की योजना है कि जर्मन सहायक उद्योग भारत में स्थापित हों ताकि जूता निर्माण में प्रयुक्त होने वाला कच्चा माल गुणवत्ता के साथ सुगमता से उपलब्ध हो सके। फिर विश्वस्तरीय जूता बनाकर निर्यात कर सकें।
स्वाथ्य को ध्यान में रखकर जूता बनाती है जर्मन कंपनी
वॉन वैल्स जर्मनी एक जर्मन ब्रांड है जो ‘5 जोन तकनीक’ पर आधारित है। 5 जोन नाम से महिलाओं के लिए जूते, चप्पल, सैंडल बनाकर यूरोपीय बाजार में करोड़ों डॉलर का व्यापार करती है। इसमें जूता का निर्माण आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया जाता है। हड्डी रोग विशेषज्ञ और नेचुरोपैथ डॉ. वाल्टर मौच ने 30 साल पहले रिफ्लेक्सोलॉजी साइंस को आधार बनाकर आविष्कार किया था। यह जूता दुनिया के 80 देशों में पेटेंट है और पहना जाता है। इससे दुनिया के 10 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ पहुंचा है। यह जूता पैर, घुटना और कमर के दर्द में राहत पहुंचाता है। जोड़ों और मांसपेशियों की सुरक्षा करता है ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो। कंपनी डायबिटिक फुटवियर भी बनाती है, जिसे दुनिया के मशहूर चिकित्सक पहनने की सिफारिश करते हैं। भारत में यह गत वर्ष लॉन्च हुआ, जो 500 से अधिक शोरूम और ऑनलाइन उपलब्ध है।
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उत्पादन चीन के स्थान पर भारत में
कासा ऐवर जिम्ब कंपनी के मुख्य अधिशासी अधिकारी मैनफ्रेड एवर्ज कहते हैं- हमें यह बताते हुए प्रसन्नता है कि हम वॉन वैल्स जर्मनी- 5 जोन का उत्पादन चीन से भारत में स्थानांतरित करने जा रहे हैं। यह बड़ा कदम है लेकिन विश्वास है कि परिणाम आश्चर्यजनक होंगे। हमें भारत सरकार औऱ यूपी सरकार से पूर्ण सहयोग की आशा है।
क्या कहते हैं चौधरी उदयभान सिंह
इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार के एमएमएमई और निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री चौधरी उदय भान सिंह कहते हैं- मेरे लिए खुशी की बात है कि जर्मन कंपनी भारत के आगरा में आगरा आ रही है। यह खुशी की बात है कि आगरा का युवा कारोबारी आशीष जैन ऊर्जावान हैं। उनके प्रयास सफलीभूत होंगे। उत्तर प्रदेश सरकार हर स्तर पर सहयोग करेगी।