आगरा। आगामी 12 अप्रैल को आगरा में राणा सांगा की जयंती मनाने की घोषणा करणी सेना ने वापस ले ली है। युवा करणी सेना के अध्यक्ष ओकेंद्र राणा और वीर प्रताप सिंह वीरू ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा कर दी है।
करणी सेना के इस आयोजन से पीछे हटने की वजह यह है कि इसमें करणी सेना का ही एक ग्रुप ऐसे हालात पैदा कर रहा था कि आयोजन के दौरान माहौल खराब हो सकता था। राजस्थान का ग्रुप जिस तरह की बातें कर रहा था, उससे माहौल खराब होना तय था।
राणा सांगा पर विवादित बयान देने के विरोध में करणी सेना के नेता ओकेंद्र राणा और वीर प्रताप सिंह वीरू के नेतृत्व में 26 मार्च को सांसद सुमन के आवास पर प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान तोड़फोड़ होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। करणी सैनिकों ने आरोप लगाया था कि सुमन के आवास की छत से पथराव हुआ, जिसमें तमाम करणी सैनिक घायल हुए।
इस घटना के बाद ओकेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर ऐलान किया था कि वे 12 अप्रैल को फिर से आगरा आ रहे हैं और आगरा में राणा सांगा की जयंती मनाएंगे। ओकेंद्र राणा हरियाणा से हैं। उनकी इस घोषणा के बाद राजस्थान में सक्रिय करणी सेना के एक गुट ने भी इसमें एंट्री कर ली। यह गुट अपने बूते पर कार्यक्रम करना चाहता था और इस तरह की बातें कर रहा था कि आयोजन के दौरान माहौल बिगड़ना तय था। राजस्थान के इस गुट की बातों को लेकर स्थानीय क्षत्रिय संगठन भी असहज हो गए थे। इसके अलावा भी करणी सेना के कई गुट इस आयोजन को लेकर अलग-अलग बातें कर रहे थे। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी।
राजस्थान की करणी सेना की ओर से कार्यक्रम के लिए अनुमति लेने के लिए कई दिन से आगरा में डेरा डालीं एक महिला अधिवक्ता को लाख कोशिशों के बाद भी कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं मिल सकी। इसकी एक वजह यह भी थी कि इनके तीखे तेवरों की वजह से स्थानीय क्षत्रिय संगठन भी सहज नहीं थे।
स्थानीय क्षत्रिय नेताओं ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। एक दिन पहले स्थानीय क्षत्रिय नेताओं ने करणी सेना की उक्त महिला अधिवक्ता को बुलाकर साफ-साफ कह दिया था कि राणा सांगा की जयंती का कार्यक्रम आगरा में गठित की गई राणा सांगा स्वाभिमान संघर्ष समिति के बैनर तले होगा, करणी सेना से हमें कोई मतलब नहीं है।
राजस्थान की करणी सेना द्वारा पैदा किए जा रहे हालातों की जानकारी ओकेंद्र राणा और वीर प्रताप सिंह वीरू को भी हो गई थी, इसलिए इन दोनों ने भी सोशल मीडिया पर इस बात का ऐलान कर दिया कि अब राणा सांगा जयंती का कार्यक्रम आगरा की संघर्ष समिति के बैनर तले ही होगा।
आगरा के क्षत्रिय समाज द्वारा गठित संघर्ष समिति के संयोजक गौरी शंकर सिंह सिकरवार हैं। अब इस समिति में अध्य़क्ष का दायित्व राजवीर सिंह को दे दिया गया है। समिति से जुड़े लोग अब उचित स्थान तलाश रहे हैं। यह काम होते ही प्रशासन के समक्ष राणा सांगा जयंती कार्यक्रम की अनुमति के लिए आवेदन दिया जाएगा।
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