आगरा: फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट पर निर्दलीय नामांकन पत्र भरने वाले भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी ने अपना नाम वापस नहीं लिया है। सोमवार को नाम वापसी का दिन था। इस बीच खबर मिली कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चौधरी बाबूलाल को दिल्ली तलब कर लिया है। रामेश्वर चौधरी को “चारपाई” चुनाव चिन्ह मिला है। देखना होगा कि अमित शाह से बात के बाद भी उनकी खाट चुनाव मैदान में बिछी रहेगी या नहीं!
बता दें कि भाजपा द्वारा राजकुमार चाहर को फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट से पुनः टिकट दिए जाने के बाद से ही विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर ने बगावत कर रखी है। बेटे की बगावत में चौधरी बाबूलाल हर कदम पर साथ हैं। चाहें जाटों के बीच पंचायत करनी हो या जनसभा, नामांकन करना हो या वोट के लिए अपील हो। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मामले की जानकारी ले चुके हैं। संभावना व्यक्त की जा रही थी कि नाम वापसी की तिथि पर रामेश्वर अपना नाम वापस ले लेंगे।
इससे पहले बाबूलाल को भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने भी बुलाया था। बंद कमरे में हुई मीटिंग के बारे में चर्चा थी कि संगठन मंत्री ने भाजपा विधायक को कहाकि वे अपने बेटे को चुनाव न लड़वाएं।
भाजपा हाईकमान इससे नाराज है, लेकिन उसके दूसरे ही दिन चौधरी बाबूलाल नामांकन के लिए पहुंच गए थे। उसी दिन आगरा सुरक्षित सीट से एसपी सिंह बघेल भी नामांकन करने आए थे। चौधरी बाबूलाल ने कलेक्ट्रेट में किसी भी भाजपा नेता से मुलाकात नहीं की थी। चौधरी बाबूलाल के दूसरे बेटे राकेश सिंह ने भी नामांकन पत्र जमा किया था, उसने सोमवार को अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया।
चौधरी बाबूलाल ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बुलावे पर वे दिल्ली पहुंचे हुए हैं। अमित शाह के दिन में चुनावी दौरे और शाम को राष्ट्रपति भवन में समारोह के कारण रात आठ बजे तक मुलाकात नहीं हो सकी, देर रात या मंगलवार की सुबह मुलाकात होने की संभावना है। विधायक ने कहा कि वह अमित शाह के सामने अपना पक्ष पूरी मजबूती से रखेंगे। मुलाकात का क्या नतीजा निकलेगा, अभी कहना मुश्किल है।
गौरतलब है कि अपनी चुनावी सभाओं में रामेश्वर जहां खुले मंच से राजकुमार चाहर की विफलताओं को गिना रहे हैं। चौधरी बाबूलाल भी कह चुके हैं कि किसी भी स्थिति में वह राजकुमार चाहर का समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने पार्टी हाईकमान से अनुरोध किया था कि राज कुमार चाहर का टिकट किसी और को दे दें, तभी मेरा बेटा चुनाव से अपने पैर खीचेंगा। भाजपा विधायक ने कहा था कि रामेश्वर जनता का प्रत्याशी है। जनता उसे चुनाव लड़वा रही है। रामेश्वर चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल होगा।
फतेहपुरसीकरी को जाट लैंड कहा जाता है। रामेश्वर चौधरी के चुनाव लड़ने के प्रभाव को कम करने के लिए ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फतेहाबाद में जनसभा के बाद सोमवार को फिर किरावली में राजकुमार चाहर के समर्थन में जनसभा कराई गई।
रामेश्वर चौधरी के पिता चौधरी बाबूलाल फतेहपुर सीकरी से विधायक हैं। रामेश्वर भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य रहे हैं। वर्ष 1998 में आगरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इसमें वे 1.99 लाख वोट लेकर आए थे। इसके बाद उन्होंने 1999 में मथुरा लोकसभा सीट से रालोद से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में वह 11 हजार वोटों से हार गए थे।
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