आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा में इनर रिंग रोड के किनारे रहनकलां और रायपुर गांव की अधिग्रहीत जमीन का चार गुना मुआवजा देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब यह जमीन एडीए के पास ही रहेगी। किसानों को मुआवजे के साथ ही ब्याज का भी भुगतान किया जाएगा। कैबिनेट द्वारा इस प्रस्ताव को पास किए जाने से ग्रेटर आगरा परियोजना के साकार होने का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही कैबिनेट ने आगरा नगर निगम के बॉन्ड के लिए भी मंजूरी दे दी है।
इनर रिंग रोड के सहारे रहनकलां और रायपुर समेत कई अन्य गांवों की जमीन का मुआवजा अभी तक न मिलने पर तीन सप्ताह पहले किसानों ने इनर रिंग रोड को रोककर बेमियादी धरना शुरू कर दिया था। इससे आगरा से लखनऊ तक खलबली थी क्योंकि किसान सीएम से कम किसी से बात करने को तैयार नहीं था। बाद में विधायक डॊ. धर्मपाल सिंह किसानों को लेकर सीएम के पास पहुंचे थे। तब सीएम ने वायदा किया था कि हम उनकी जमीन लौटाएंगे, लेकिन तकनीकी और कानूनी पेंचों को देखते हुए ऐसा न हुआ तो उन्हें चार गुना मुआवजा ब्याज के साथ दिया जाएगा।
किसानों और सीएम की इस मुलाकात के बाद ही एडीए के अधिकारियों को लखनऊ बुला लिया गया था। लखनऊ में शासन ने इस बात पर नाराजगी जताई कि अधिग्रहीत जमीन को वापस लौटाने का प्रस्ताव बोर्ड से क्यों पास किया। लखनऊ से लौटकर एडीए की आपात बैठक बुलाकर फिर से यह प्रस्ताव पास किया गया कि इनर रिंग रोड के आसपास की अधिग्रहीत जमीन को एडीए वापस नहीं करेंगा, अपने पास ही रखेगा।
विधायक ने जताया सीएम का आभार
इसी क्रम में आज यूपी की कैबिनेट के समक्ष यह प्रस्ताव आया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने कहा कि कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कराकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से किया वायदा पूरा कर दिया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
नगर निगम के बांड के लिए मंजूरी मिली
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को प्रयागराज महाकुम्भ परिसर में हुई कैबिनेट की बैठक में ये प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं। आगरा नगर निगम हेतु म्युनिसिपल बांड निर्गत करने तथा अवस्थापना विकास निधि से क्रेडिट रेटिंग वृद्धि के लिए धनराशि उपलब्ध कराए जाने पर अनुमोदन प्राप्त किये जाने के सम्बंध में मंजूरी दे दी गई। बॉन्ड से मिलने वाले पैसे से नगर निगम बड़े विकास कार्य करा सकेगा।
बता दें कि नगर निगम का बॊन्ड लाने की कसरत नवीन जैन के मेयर काल में शुरू हुई थी। तब से आकर अब इसे हरी झंडी मिल पाई है।
हाथरस-कासगंज में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॊलेज
कैबिनेट ने अलीगढ़ मंडल में हाथरस और कासगंज जनपद के अलावा बागपत में भारत सरकार की वायबिलिटी गैप फंडिंग के अंतर्गत पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज संचालित किये जाने को भी मंजूरी दी है। इस हेतु सफल निविदादाता का चयन किये जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया.
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