अफगानिस्‍तान: पंजशीर घाटी में फिर जंग, 20 तालिबानियों को मार गिराने का दावा

अफगानिस्‍तान: पंजशीर घाटी में फिर जंग, 20 तालिबानियों को मार गिराने का दावा

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अफगानिस्‍तान की पंजशीर घाटी में एक बार फिर से तालिबानी आतंकियों के खिलाफ जोरदार जंग छ‍िड़ गई है। अहमद मसूद के नेतृत्‍व में नेशनल रजिस्‍टेंस फोर्स के लड़ाके तालिबान के खिलाफ भीषण हमले कर रहे हैं। विद्रोहियों का दावा है कि उन्‍होंने पंजशीर घाटी के तीन ज‍िलों को तालबान के कब्‍जे से मुक्‍त करा लिया है। इस बीच तालिबान ने विद्रोहियों को कुचलने के लिए हेलिकॉप्‍टर से हमले करने शुरू किए हैं। मसूद समर्थकों ने 20 तालिबानियों को मार गिराने का भी दावा किया है।
तालिबान के पूरी तरह से सत्‍ता में आने के बाद अब यह पहले सशस्‍त्र विद्रोह बताया जा रहा है। एनआरएफ के प्रवक्‍ता और विदेशी मामलों के प्रमुख अली नजारे ने कहा कि अहमद मसूद के आदेश पर पंजशीर घाटी के 3 बड़े जिलों को मुक्‍त करा लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि मसूद समर्थकों ने इन जिलो में मुख्‍य सड़क, सैन्‍य चौकियों और गांवों पर कब्‍जा कर लिया है। उन्‍होंने कहा, ‘तालिबान के कई लड़ाकुओं ने आत्‍मसमर्पण के लिए समय मांगा है। दुश्‍मन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।’
यह पवित्र प्रतिरोध है: अमरुल्‍ला सालेह
नजारी ने कहा कि उत्‍तरी अफगानिस्‍तान के 12 प्रांतों में मसूद समर्थकों का अभियान जारी रहेगा जहां उसके लड़ाकुओं की उपस्थिति है। इस बीच तालिबान ने नजारी के दावे को खारिज किया है। उसने दावा किया कि पंजशीर या देश के किसी अन्‍य हिस्‍से में कोई सैन्‍य घटना नहीं हुई है। तालिबानी प्रवक्‍ता जबीउल्‍ला ने कहा कि मीडिया में किया जा रहा दावा गलत है। उधर, पंजशीर के लोगों का कहना है कि रात के समय भीषण लड़ाई हो रही है।
इस बीच तालिबान के एक स्‍थानीय कमांडर ने माना है कि मसूद समर्थकों से उनकी लड़ाई चल रही है। उसने दावा किया कि हमने न तो सरेंडर किया है, न ही हम पर घात लगाकर हमला हुआ है। इस बीच तालिबान ने बड़े पैमाने पर सैनिकों को पंजशीर घाटी में भेजा है। अहमद मसूद के करीबी पूर्व उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने ट्वीट करके कहा, ‘यह पवित्र प्रतिरोध है। हां यह कुछ इलाकों में ही सिमटा हुआ है लेकिन यह संघर्ष की प्रकृति है। जिस तरह से कागज पर तेल की एक बूंद गिरने पर वह जल्‍द ही पूरे कागज पर फैल जाती है। यह संघर्ष फैल जाएगा। जनता को अपनी पसंद का नेता और सरकारी सिस्‍टम चुने जाने का अधिकार दिए जाने तक इस संघर्ष को कोई रोक नहीं सकता है।’
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh