Yamuna Express-way

अगर जिन्दगी है प्यारी तो यमुना एक्सप्रेस-वे पर इस समय न चलाएं वाहन

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली ने यमुना एक्सप्रेसवे की सड़क सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट 29 अप्रैल 2019 को इस एक्सप्रेसवे के कन्सेशनेयर जे0पी0 इन्फ्राटेक को दी जा चुकी है और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) तक पहुँच चुकी है। लेकिन इस एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे घटें इसे लेकर जो एनफोर्समेन्ट के लिये पहल की जानी है, जिसकी सिफारिशें आई0आई0टी0 दिल्ली ने की हैं वे अभी तक लागू नहीं हो सकी हैं। यह मुद्दा आगरा डवलपमेन्ट फाउन्डेशन (एडीएफ) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मेल भेजकर और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर उठाया है। एक्सप्रेस-वे पर चौबीस घंटे में दो बार एक्सीडेंट अधिक होते हैं।


एडीएफ के सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता के0सी0 जैन द्वारा दर्ज की गयी शिकायत में यह उल्लेख किया गया कि ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाले अगस्त 2012 से प्रारम्भ हुये 165.537 किलोमीटर लम्बे यमुना एक्सप्रेसवे आवागमन की सुविधा हेतु बनाया गया था किन्तु 2012 से लेकर जून 2018 तक 5189 सड़क हादसों में 746 व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी और 8145 व्यक्ति घायल भी हो गये। इसको लेकर एडीएफ की ओर से लगातार चिन्ता व्यक्त की जाती रही है। अप्रैल 2019 में आई0आई0टी0 दिल्ली द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे की ‘सड़क सुरक्षा ऑडिट’ किया गया और एक्सप्रेसवे डिजायन में एवं सुरक्षा को लेकर यातायात नियमों के एनफोर्समेन्ट के लिये अनेकों सुझाव दिये गये लेकिन ये सुझाव अभी तक लागू नहीं हो सके हैं और यमुना एक्सप्रेसवे जानलेवा बना हुआ है। 


आई0आई0टी0 दिल्ली द्वारा यातायात नियमों को लेकर जो एनफोर्समेन्ट के लिये अनेकों सिफारिशें की गयी हैं जो लागू होनी चाहिए। इन सिफारिशों में गति नियंत्रण के लिये मुख्य सिफारिशें इस प्रकार हैं:-


1- दो टोल बूथ के बीच में औसत स्पीड की गणना की जाये और जो इसका उल्लंघन करे उसे फाइन लगाया जाये।


2- एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह पर स्पीड कैमरे के विषय में लिखा जाये ताकि वाहन चालक के मन में गति उल्लंघन के प्रति जागरूकता और भय दोनों बना रहे। 


3- प्रतिदिन एक्सप्रेसवे के अलग-अलग स्थानों पर स्पीडिंग और जिगजैगिंग की चैकिंग के लिये पेट्रोल वाहन होने चाहिए।


4- ऐसे वाहन जो एक्सप्रेसवे के किनारे रुक जाते हैं उनकी सख्त चेंकिंग होनी चाहिए।


5- टोल बूथ पर प्रतिदिन किन्हीं भी वाहन चालकों की मदिरापान की चेकिंग होनी चाहिए।


6- यातायात नियमों के एनफोर्समेन्ट के लिये यह पहल उ0प्र0 पुलिस द्वारा की जानी है। 


पुलिस विभाग द्वारा आई0आई0टी0 दिल्ली की सिफारिशों को यमुना एक्सप्रेसवे पर लागू नहीं किया गया है जिनको लागू करने के लिए शासन द्वारा आदेश दिये जाने चाहिए। 


आई0आई0टी0 दिल्ली ने अपनी रिपोर्ट में इस मुद्दे को भी उठाया कि जो सड़क हादसों का डेटा जे0पी0 इन्फ्राटेक लि0 द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है उसमें भी अनेक कमियाँ हैं जिसमें सुधार की जरूरत है। जिस प्रकार हादसा होने के स्थान में केवल चैनेज न लिखी जाये बल्कि जी.पी.एस. कोर्डिनेट भी लिखे जायें। हादसों के कारणों का भी स्पष्ट खुलासा हो। किस प्रकार का हादसा है उसका स्पष्ट उल्लेख हो।


आई0आई0टी0 दिल्ली की रिपोर्ट में यह बात करके खुलासा किया गया है कि इस एक्सप्रेसवे पर 21 प्रतिशत जानलेवा हादसे सांय 6 बजे से लेकर रात्रि 12 बजे तक और 43 प्रतिशत हादसे रात्रि 12 बजे से 6 बजे तक हुये जो इस बात को जाहिर करता है कि एक्सप्रेसवे पर रात्रि में वाहन चलाना खतरनाक है     


एडीएफ के सचिव जैन द्वारा यह बात भी उठायी गयी कि गति सीमा उल्लंघन के लिये वाहन चालकों के बहुत कम संख्या में चालान होते हैं जिससे वाहन चालकों के मन में कोई भय नहीं रहता है और वाहन अनियंत्रित होकर हादसों का शिकार बन जाते हैं। सूचना अधिकार अधिनियम में प्राप्त सूचना के अनुसार ओवर स्पीडिंग वाहनों की संख्या इस प्रकार हैः-


वर्ष                ओवर स्पीडिंग वाहनों की संख्या
2012                       3,87,601
2013                     52,42,055
2014                     58,41,658
2015                     49,97,875
2016                      41,32,240
2017                      24,45,113
2018
(30 जून तक)             5,63,799



आई0आई0टी0 दिल्ली की रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में निम्न माँग प्रदेश के मुख्यमंत्री से की गयीः-


1- रिपोर्ट में यातायात नियमों को लागू करने के सम्बन्ध में जो सिफारिशें की गयी हैं उन्हें कड़ाई से लागू करने के लिए पुलिस विभाग को आदेश जारी किये जायें और प्रत्येक तिमाही की रिपोर्ट पुलिस विभाग जारी करे।


2- गति सीमा उल्लंघन के जितने वाहन पाये जायें उन सभी का चालान अनिवार्यतः हो और इसकी जिम्मेदारी यातायात पुलिस के उपर हो। इस सम्बन्ध में उल्लंघनकर्ता वाहनों का विवरण जे0पी0 इन्फ्राटेक द्वारा पुलिस विभाग को उपलब्ध कराया जाये।


3- आई0आई0टी0 दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार एक्सप्रेसवे पर होने वले हादसों के सम्बन्ध में सूचना फॉरमेट में भी आवश्यक संशोधन किया जाये।


4- एक्सप्रेसवे पर रात्रि में 1 बजे से 4 बजे तक वाहनों के आवागमन पर रोक लगायी जाये। जब तक वाहन चालक अपनी इमरजेन्सी ना दिखाये।


5- धीसे हुये टायरों वाले वाहन एक्सप्रेसवे पर प्रतिबन्धित हों।


6- ये सुझाव 302 किमी लम्बे आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के लिये भी पूरी तरह लागू होने चाहिये क्योंकि इस एक्सप्रेसवे पर भी जानलेवा सड़क हादसे हो रहे हैं।


एडीएफ ने आशा व्यक्त की कि यदि हमारे इन सुझावों को सरकार मान लेती है तो यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों की संख्या में बड़ी कमी आ सकती है।