बॉशिंगटन डीसी। टेस्ला के मालिक और अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने ट्रम्प प्रशासन छोड़ दिया है। मस्क ने गुरुवार सुबह एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि ट्रम्प के सलाहकार के तौर पर उनका समय समाप्त हुआ। मस्क को ट्रम्प प्रशासन में सरकारी खर्च में कटौती और नौकरशाही को कम करने के लिए बने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के प्रमुख की जिम्मेदारी मिली थी।
मस्क ने इस जिम्मेदारी के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प का धन्यवाद किया। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर मस्क के इस्तीफे की पुष्टि की। मस्क ने बुधवार शाम ट्रम्प के एक विधेयक की निंदा की थी, जिसे खुद ट्रम्प ने बड़ा सुंदर बिल बताया था। इस बिल में टैक्स में कटौती जैसे प्रावधान शामिल हैं। मस्क ने इसे फिजूल खर्ची बढ़ाने वाला बिल बताया था।
वहीं सूत्रों का कहना है कि इलॉन मस्क भारत में पाकिस्तानी आतंकी हमलों से नाराज थे। वहीं ट्रंप पाकिस्तान की तरफ झुके हुए थे वहीं इस दौरान भारत के प्रमुख उद्योगपति अडाणी इस दौरान अमेरिका यात्रा पर गये थे उन्होंने इलॉन मस्क से भी मुलाकात की थी। इलॉन मस्क और डोनाल्ड ट्रम्प का 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में साथ आए।
मस्क ने ट्रम्प के चुनाव प्रचार में 277 मिलियन से खर्च किए और प्रचार का हिस्सा बने। ट्रम्प ने मस्क को प्रशासन में 20 जनवरी, 2025 को स्पेशल गवर्नमेंट एम्प्लॉयी के तौर पर नियुक्त किया। मस्क को ट्रम्प प्रशासन में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का नेतृत्व सौंपा गया। इसका काम सरकार में फिजूल खर्ची रोकना था।
मस्क ने 56,000 सरकारी कर्मचारियों की छंटनी की और 75,000 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक बायआउट स्वीकार किया। USAID और वॉयस ऑफ अमेरिका जैसी एजेंसियों को बंद करने की कोशिश की। मरक की DOGE टीम ने ट्रेजरी डिपार्टमेंट और सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन जैसे डेटा सिस्टम तक पहुंच हासिल की, जिसे लेकर विवाद हुआ।
मस्क ने ईमेल भेजकर सरकारी कर्मचारियों से उनके काम का हिसाब मांगा, जिसे कई एजेंसियों ने नजरअंदाज करने को कहा। मस्क की कार्रवाईयों को लेकर अप्रैल में उनके खिलाफ लाखों लोगों ने प्रदर्शन किया। यूरोप-अमेरिका में टेस्ला कार जलाई गई। ट्रम्प के टैक्स कटौती वाले बिल पर नाराजगी को लेकर प्रशासन से इस्तीफा दिया।
इस बिल का नाम है वन बिग ब्यूटीफुल क्लि एक्ट ऑफ 2025 (OBBBA)। ट्रम्प ने जिस बिल को बहुत सुंदर बिल बताया था, एलन मस्क ने उसे फिजूलखर्ची वाला कहकर निंदा की। मस्क ने माना कि सरकारी व्यवस्था में बदलाव लाना बेहद मुश्किल काम है।
फेडरल ब्यूरोक्रेसी की हालत जितनी सोची थी, उससे कहीं ज्यादा खराब है। ट्रम्प इस बिल को बिग ब्यूटीफुल बिल इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें एक साथ कई मकसद पूरे हो रहे हैं। मस्क इस बिल का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे सरकारी खर्चे और बढ़ जाएंगे। मस्क सरकारी खर्च कम करने के लिए प्रशासन का हिस्सा बने हैं, लेकिन बिल इस मकसद के खिलाफ है।
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई ने मस्क को 20 फरवरी 2025 को एक कस्टमाइज्ड चेनसीं (आरी) गिफ्ट किया था। मस्क को यह चेनसों इसलिए दी गई क्योंकि वे सरकारी खर्च और नौकरशाही में कटौती की वकालत करते हैं। मस्क ने इस्तीफे के बाद कहा कि उम्मीद थी कि DOGE विभाग के जरिए मैं 1 ट्रिलियन डॉलर की बचत करवा लूंगा, लेकिन वह लक्ष्य पूरा नहीं हुआ।
उन्होंने ऐलान किया कि राजनीति में जितना करना था, कर लिया है। अब और चंदा नहीं दूंगा।
जानिए उस बिल को, जिससे मस्क नाराज
1. यह 2017 में ट्रम्प ने जो इनकम टैक्स और एस्टेट टैक्स में कटौती की थी, उसे बढ़ाता है और स्थायी बनाता है।
2. इसमें ओवरटाइम, टिप्पर, और सोशल सिक्योरिटी इनकम पर नए टैक्स कटौती के नियम हैं। व्हाइट हाउस का कहना है कि जो लोग सालाना 30,000 से 80,000 डॉलर कमाते हैं, उनके टैक्स में अगले साल 15% की कटौती होगी।
3. बॉर्डर सिक्योरिटी (अवैध इमिग्रेश रोकने के लिए) और अमेरिकी सेना व रक्षा को मजबूत करने पर ज्यादा खर्च करना।
4. सरकार के खर्च में जो फिजूलखर्ची, धोखाधड़ी और दुरुपयोग होता है, उसे कम करना।
5. डेब्ट सीलिंग यानी सरकार कितना कर्ज ले सकती है, उसकी सीमा बढ़ाना। ये सीमा समय-समय पर बढ़ानी पड़ती है ताकि सरकार अपने बिल और खर्चे चुका सके। अगर इसे नहीं बढ़ाया गया, तो सरकार अपने बिल नहीं चुका पाएगी। मस्क ने डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने का पहली बार समर्थन 13 जुलाई 2024 को सार्वजनिक रूप से किया। इसी दिन ट्रम्म पर पेनसिल्वेनिया में जानलेवा हमला हुआ था। इसके बाद उन्होंने ट्रम्प के अभियान के लिए अमेरिका PAC (पॉलिटिकल एक्शन कमेटी) के माध्यम से लाखों डॉलर का दान देना शुरू किया।
2016 के राष्ट्रपति चुनाव में मस्क ने ट्रम्प की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि वे इस पद के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं। उन्होंने 2020 में जो बाइडेन का समर्थन किया था और 2022 तक ट्रम्प के साथी कुछ तीखी बहस भी हुई थी।
-साभार सहित
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