वाराणसी। प्रयागराज की दमक अब काशी की चमक बन गई है। महाकुंभ से लौटे जूना अखाड़ा के संन्यासियों की संख्या काशी में पहली राजसी यात्रा के पश्चात और बढ़ गई है। प्रयागराज की दमक अब काशी की चमक बन गई है। यहां गंगा घाटों पर बने छोटे-छोटे शिविरों में नागा संन्यासियों ने अपना डेरा बना लिया है।
ये लोगों के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हुए हैं, उनके दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों लोग वहां उमड़ रहे हैं तथा संतों की रज लेकर माथे से लगा रहे हैं। जूना अखाड़ा के अतिरिक्त अन्य शैव अखाड़ों के संत भी काशी पहुंच गए हैं और गंगा घाटाें पर अपने-अपने शिविर स्थापित कर लिए हैं।
उनका मानना है कि महाकुंभ की पूर्ण पवित्रता बाबा विश्वनाथ की इस नगरी की तीर्थयात्रा के बिना अधूरी है। इनमें बहुत सी साध्वियां भी हैं। इनके रहस्यमय संसार में अनेक प्रकार के स्वरूप दृष्टिगोचर हाे रहे हैं।
भस्म भभूत का शृंगार किए दिगंबर नागा संन्यासियों का दर्शन कर उनका आशीष पाने तथा उनके साथ सेल्फी लेने का लोभ भी लोग संवरण नहीं कर पा रहे। बुधवार को नागा संन्यासियों की प्रथम पेशवाई यानी राजसी यात्रा के बाद इनकी संख्या और बढ़ गई है शनिवार को लगभग प्रत्येक शिविर में देशी-विदेशी श्रद्धालुओं की कतार दिखी।
विदेशी पर्यटक भी इस रहस्यमय संसार को देख आश्चर्यचकित थे और उनके बारे में अधिक से अधिक जानकारी पाने तथा उनके जीवन दर्शन को समझने के लिए उत्सुक भी। चेतसिंह घाट से मानसरोवर घाट तक तक लगे शिविरों में बाबाओं का रहस्यमय संसार काशी में लघु कुंभ को साकार बना रहा है।
साभार सहित
- Agra News: हनीट्रैप गैंग का भंडाफोड़, महिला ही निकली गिरोह की सरगना, अश्लील वीडियो बनाकर करती थी लाखों की उगाही - December 2, 2025
- Agra News: पूर्व छात्राओं का भावनात्मक मिलन, श्री राम स्वरूप सिंघल गर्ल्स इंटर कॉलेज में यादों से महका परिसर - December 2, 2025
- यूपी के देवरिया में चप्पल पर थूक चटवाकर पिटाई का वीडियो वायरल, चार आरोपी गिरफ्तार, एक के पास तमंचा बरामद - December 2, 2025