चाणक्य नीति: माता-पिता को इन बातों का रखना चाहिए ध्यान, बच्चों के सामने कभी न करें ये बातें

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Agra (Uttar Pradesh, India)। माता-पिता से ही बच्चों को अच्छे संस्कार मिलते हैं। जीवन के पहले गुरु माता-पिता ही होते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चों की सफलता में माता-पिता का अहम योगदान होता है। बच्चे अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखते हैं। हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार ही देते हैं। परंतु कभी-कभी जाने अनजाने में हमसे कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिसका सीधा असर हमारे बच्चों के संस्कारों पर पड़ता है। आइए, आज जानते हैं माता-पिता को किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए…

बच्चों से प्यार से बात करनी चाहिए
माता-पिता को बच्चों से प्यार से बातें करनी चाहिए। ऐसा करने से वे भी प्यार से बात करना सीखते हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार जैसा हम आचरण करते हैं वैसे ही हमारे बच्चे भी करते हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार माता-पिता को अपने बच्चों के सामने दिखावा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चों के मन में गलत धारणाएं बैठने लगती हैं।

नहीं करना चाहिए गलत भाषा का प्रयोग
बच्चों के सामने माता-पिता को हमेशा अच्छी भाषा का प्रयोग करना चाहिए। अगर आप घर में गलत भाषा का प्रयोग करेंगे तो आपके बच्चे भी उसी भाषा का प्रयोग करेंगे। आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार अगर आपके बच्चे गलत भाषा का प्रयोग करना सीख गए तो आपको उनकी वजह से समाज में शर्मिंदा होना पड़ सकता है।

एक दूसरे का अपमान नही करना चाहिए
पति-पत्नि में लड़ाई होना आम बात है, परंतु बच्चों के सामने ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उनके दिमाग में बुरा असर पड़ता है। आर्चाय चाणक्य की नीतियों के अनुसार अगर आप अपने बच्चों के सामने एक दूसरे का अपमान करेंगे तो बच्चे भी ऐसा ही करेंगे और किसी का भी सम्मान नहीं करेंगे।

बुराई करना बुरी आदत है
किसी की बुराई करना बहुत ही बुरी आदत होती है। खासकर माता-पिता को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चों को सबकी भलाई करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।