Agra, Uttar Pradesh, India. विकास खंड अकोला की ग्राम पंचायत नगला कारे न्यू दक्षिणी बाईपास पर स्थित है। कोरोना काल क दौरान गांव में एक के बाद एक 17 मौतें हो चुकी हैं। तीन बच्चों के सिर से तो मां-बाप का साया भी उठ गया। ग्रामीण समझ भी नहीं पा रहे कि आखिर मौतें क्यों हो रही हैं। कोरोना के भय से लोग घरों में बंद हैं। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी तक नहीं पहुंची है। इसके बाद युवाओं ने स्वयं गांव को विसंक्रमित किया है।
गांव में अब तक सत्यवती, सुखवीरी, वीरमती, प्रह्लाद, थानसिंह, प्रेम सिंह, रणवीर सिंह, अनोखे, ओमवीर, शरबती, उर्मला देवी, सत्यवती, साजन देवी, रामभरोसी, हरबक्स सहित कुल 17 महिला- पुरुषों की मौत हो चुकी है। इसक बाद भी गांव में किसी भी जनप्रतिनिधि ने जाना उचित नहीं समझा है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
नगला कारे निवासी जयपाल (16 वर्षीय) और विजयपाल (11वर्षीय) के सिर से माता पिता का साया उठ गया। चार वर्ष पूर्व उनके पिता गिर्राज सिंह की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। तीन दिन पहले उनकी मां उर्मिला देवी की भी मौत हो गई। अंतिम समय में मां का चेहरा भी नहीं देख पाए। हॉस्पिटल से सीधे लाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
समाजसेवी सावित्री चाहर के नेतृत्व में युवाओं ने कोरोना को हराने के उद्देश्य से गांव को विसंक्रमित किया। लोकेश चौहान, संतोष चाहर, मुकेश चाहर, संजय चाहर, अमन खान, संदीप चाहर की मुख्य भूमिका रही। मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम कर प्रत्येक ग्रामीण की कोरोना जांच करे। अभी अनेक लोग बुखार से पीड़ित हैं।
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