युवी का दर्द: तेंदुलकर का साथ देने के कारण नहीं मिली कप्तानी

युवी का दर्द: तेंदुलकर का साथ देने के कारण नहीं मिली कप्तानी

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भारतीय क्रिकेट के इतिहास में युवराज सिंह का नाम हमेशा लिया जाता है। कभी टीम इंडिया की बैक बोन रहे युवराज सिंह ने भारत के लिए दो-दो वर्ल्ड कप जीतने में अहम भूमिका निभाई। 2011 वर्ल्डकप के दौरान तो युवराज कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने मैदान पर हिम्मत नहीं हारी और भारत को दूसरी बार विश्वकप उठाने में पूरा सहयोग दिया। युवराज सिंह टीम में पांचवें नंबर पर खेलने आते थे और अगर वो क्रीज पर थोड़ी देर भी रुक गए तो गेंदबाज की खैर नहीं होती थी। युवराज सिंह ने एक स्पोर्ट्स चैनल से बातचीत के दौरान चौंकाने वाली बातें बताईं।
सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह का साथ
युवराज सिंह और सचिन तेंदुलकर का लगाव किसी से छिपा नहीं है। जब भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ल्डकप जीता था तो युवराज सिंह सचिन तेंदुलकर से लिपटकर रो पड़े थे। सचिन का सपना था कि वो वर्ल्डकप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहें। युवराज सिंह भी कहते थे कि वो सचिन का सपना पूरा करना चाहते हैं। अब युवी पाजी ने ग्रेग चैपल विवाद पर बात करते हुए कहा कि सचिन तेंदुलकर का समर्थन करने के कारण उनको कभी कप्तानी नहीं मिली।
टीम पर गहरा प्रभाव पड़ा था ग्रेग चैपल विवाद का
भारतीय टीम में ग्रेग चैपल विवाद बहुत गहरा गया था। उस वक्त टीम पर बुरा असर पड़ा था। ग्रेग चैपल टीम के कोच थे और लगातार ऐसे प्रयोग करते थे जिससे टीम के खिलाड़ियों में बुरा असर पड़ता था। उस वक्त सचिन और सहवाग टीम को ओपन देते थे मगर ग्रेग चैपल ने सचिन को फर्स्ट डाउन भेजने का फैसला किया। इससे उनके खेल पर असर पड़ा। अब इस विवाद पर बात करते हुए युवराज ने एक स्पोर्ट्स चैनल पर भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर से बात करते हुए बताया कि ग्रेग चैपल विवाद में सचिन तेंदुलकर का समर्थन करने के चलते उन्हें कप्तानी नहीं मिल पाई।
कप्तानी तो मिली नहीं, उपकप्तानी भी गई: युवराज
युवराज सिंह ने खुलासा किया कि सचिन तेंदुलकर का समर्थन करने के निर्णय बीसीसीआई के अधिकारियों को नहीं पचा। उन्होंने स्वीकार किया कि इस निर्णय के चलते उन्हें उप-कप्तानी की भूमिका से हटा दिया गया। युवराज सिंह ने कहा, ‘2007 इंग्लैंड दौरे पर वीरेंद्र सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ी टीम में नहीं थे। मैं उस दौरान वनडे टीम का उपकप्तान था और राहुल द्रविड़ कप्तान थे। वनडे टीम का उपकप्तान होने के नाते मुझे लगा था कि मैं कप्तान बनने वाला हूं, लेकिन अचानक मुझे उपकप्तानी से भी हटा दिया गया। 2007 टी20 वर्ल्ड कप के लिए अचानक ही महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान बना दिया गया।’
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh