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महापौर नवीन जैन की अद्भुत पहलः आगरा का जन्म दिन मनाया जाएगा और पूरा शहर कहेगा- Happy Birth day Agra

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Agra, Uttar Pradesh, India. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हमारे देश की पुरातन भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाने का काम किया जा रहा है। प्रमुख एवं धार्मिक शहरों को विश्व पटल पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्हीं की प्रेरणा से प्रत्येक शहरवासियों में अपने शहर आगरा के प्रति जुड़ाव और लगाव बढ़ाने के उद्देश्य से महापौर नवीन जैन एक नई कवायद करने जा रहे हैं। महापौर नवीन जैन ने प्रत्येक वर्ष के एक दिन आगरा शहर का जन्मदिवस मनाने का निर्णय लिया है, जिसमें सभी शहरवासी किसी न किसी रूप में भागीदारी करते हुए आगरा का जन्मदिवस बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाएं। आगरा शहर का जन्मदिवस यह किस दिन मनाया जायेगा, यह सुनिश्चित करने लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो आगरा के इतिहास और उससे जुड़े तथ्यों को परखते हुए आगरा शहर का जन्मदिवस मनाये जाने की तिथि तय करने पर फैसला करेगी।

ताजमहल के अलावा क्या

आगरा नगर निगम के कार्यकारिणी कक्ष में हुए प्रेस वार्ता में महापौर नवीन जैन ने कहा कि विश्व के सात आश्चर्यों में से एक ताजमहल होने के चलते आगरा अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शहर है। ताजमहल के अलावा आगरा में ऐसे कई विख्यात स्मारक, क्षेत्र, बाजार इत्यादि स्थल हैं जो अपने आप में इतिहास को समेटे हुए हैं। यमुना तट पर बसे आगरा शहर में बृज क्षेत्र संस्कृति की झलक दिखाई देती है। आगरा शहर के वर्तमान कवियों ने अपनी सुप्रसिद्ध रचनाओं और कविताओं के माध्यम से आगरा की प्रमुख विरासत को जिंदा रखने का काम किया है।

शिव मंदिर

आगरा शहर कई प्राचीन मान्याताओं को अपने अंदर समेटे है। दुनिया का खूबसूरत स्मारक यहां स्थित है तो वहीं ऐतिहासिक मंदिर भी है। शहर के चारों कोनों पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर है। भोलेनाथ चारों दिशाओं से शहर को अपना आशीर्वाद देते हैं। प्राचीन शिवालयों का अपना एक इतिहास भी है जो स्थानीय ही नहीं दूर-दराज से आए लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। शहर में कैलाश पर्वत से आए दो शिवलिंग आगरा-मथुरा रोड कैलाश मंदिर में लोगों की आस्था का केंद्र है। पृथ्वीराज चौहान के स्थापित शिवलिंग से लेकर दिन में चार बार रंग बदलने वाले राजेश्वर महादेव की पूजा के लिए आस्था का सैलाब उमड़ता है।

बटेश्वर और शौरीपुर की महिमा

आगरा में बटेश्वर में भी मंदिरों का शहर है जो पवित्र यमुना नदी के तट पर बसा हुआ है। माना जाता है कि भगवान शिव इस तीर्थ शहर के इष्टदेव हैं। असल में, यहाँ एक समय में कुल 101 मंदिर हुआ करते थे जिसमें से 42 मंदिर अभी भी यहाँ मौजूद हैं। इस तीर्थ शहर की असली सुंदरता यहाँ घाटों पर मौजूद मंदिरों की श्रृंखला में है। आज भी, यहाँ के कुछ मंदिरों की छतों पर सुंदर मूल भित्ति-चित्र मौजूद हैं जो कि पारंपरिक वनस्पति रंगों द्वारा बनाए गए थे। साथ ही, इस तीर्थ शहर का वर्णन पौराणिक शास्त्रों में भी किया गया है। दंतकथा के अनुसार 22वे तीर्थंकर भगवान नेमिनाथजी का जन्म भी बटेश्वर के पास स्थित शौरीपुरा नामक स्थान पर हुआ था। वर्तमान में यहाँ कई सुंदर जैन मंदिर हैं। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक शहरवासी अपने शहर से जुड़े। उसके मन में जन्मस्थान के प्रति लगाव पैदा हो और वह अपने शहर को लेकर गौरान्वित महसूस करे, इसलिए हमने आगरा शहर का जन्मदिवस मनाए जाने का फैसला किया है।

आगरा अग्रवन था

आगरा शहर का जन्मदिवस किस दिन मनाया जायेगा, इसको लेकर महापौर नवीन जैन ने कहा कि सबसे पहले हमें यह जानने का प्रयास करना है कि हमारे शहर का नाम आगरा कब और कैसे पड़ा। इतिहास में इसको लेकर हमें विभिन्न मत देखने को मिलते हैं। हम इतिहास की किताबों में पढ़ते हैं सिकंदर लोदी ने आगरा शहर की स्थापना की थी तो वहीं हमें यह भी जानकारी मिलती है कि द्वापर युग में बृज धाम के जो 12 वन थे उनमें से एक अग्रवन भी था जिसके नाम पर इस शहर का नाम आगरा पड़ा।

शहर का जन्मदिन

महापौर नवीन जैन ने कहा कि जितने इतिहासकारों ने आगरा शहर के बारे में लिखा है उतनी ही बार एक नयी जानकारियां उसमें परोसी हैं। हम शहरवासियों को ठोस रूप में यह नहीं पता कि हमारे शहर का नाम आगरा कैसे पड़ा। अगर किसी से भी इस बारे में पूछा जाये तो सभी अपनी जानकारियों और तथ्यों के साथ अलग-अलग तरह से आगरा के इतिहास का वर्णन करेंगे। इसलिए वास्तविक ऐतिहासिक तथ्यों पर अमल करते हुए आगरा का जन्मदिवस मनाने के उददेश्य के साथ विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 9 लोगों की कमेटी बनाई है जो न केवल आगरा शहर से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को जुटाने का प्रयास करेगी बल्कि कमेटी के द्वारा एक ऐसा दिन भी निश्चित किया जायेगा कि उस दिन हम सभी शहरवासी हर्षोल्लास और धूमधाम से अपने शहर आगरा का जन्मदिवस उत्सव मना सके।

9 लोग तय करेंगे आगरा का जन्म कब हुआ

महापौर नवीन जैन ने 9 सदस्यीय कमेटी की घोषणा की है। इस कमेटी में इतिहासकार के रूप में प्रो. सुगम आंनद (9319105821), डॉ. तरुण शर्मा जी (9412332074), पुरातत्व विभाग से डॉ. आर के दीक्षित (9412261760), स्वतंत्र पत्रकार राजीव सक्सेना (9837098028), वरिष्ठ पत्रकार एस. पी. सिंह (9837081871), वरिष्ठ पत्रकार अमित कुलश्रेष्ठ (9675835436), वरिष्ठ पार्षद शिरोमणि सिंह (9837022789), वरिष्ठ पार्षद रवि माथुर (7906035369) और वरिष्ठ पार्षद प्रकाश केसवानी (9319107816) शामिल हैं। यह कमेटी अपने स्तर पर एक ड्राफ्ट तैयार करेगी जिसमें शहर का नाम ‘आगरा’ पड़ने को लेकर उससे जुड़ा वास्तविक इतिहास और आगरा शहर के जन्मदिवस तिथि को तय करने काम होगा। पहले चरण में ड्राफ्ट बनाकर उसे शहरवासियों को भी अवगत कराया जायेगा और तय अवधि में उस ड्राफ्ट पर तथ्यपरक सुझाव मांगे जायेंगे। उस ड्राफ्ट में लिखे गये विभिन्न बिंदुओं पर यदि कोई भी अपना सुझाव देना चाहेगा तो वह कमेटी के सदस्यों से संपर्क करेंगे।

क्या है उम्मीद

महापौर नवीन जैन ने बताया कि शहर के संभ्रांत लोगों से मिले सुझावों पर अमल करने के बाद संशोधित ड्राफ्ट को लागू करते हुए आगरा शहर के जन्मदिवस के तिथि की घोषणा की जायेगी। जिसके बाद हम प्रतिवर्ष अपने आगरा शहर का जन्मदिवस एक महोत्सव के रूप में मना सकेंगे। मुझे उम्मीद है कि इस महोत्सव से जुड़कर प्रत्येक शहरवासी आगरा शहर से अपना एक जुड़ाव महसूस करेगा और फिर अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने में पहले से अधिक सहयोग व सेवा प्रदान करेगा।

Dr. Bhanu Pratap Singh