ram shankar katheria bjp

डॉ. रामशंकर कठेरिया इटावा से सांसद तो आगरा में रामकथा क्यों करा रहे हैं?

POLITICS

3 अप्रैल से कोठी मीना बाजार मैदान पर होने जा रही रामकथा को लेकर हलचल

इस बार तगड़ा मीडिया मैनेजमेंट किया गया, तीन लाख लोगों से सीधे संपर्क होगा

रामकथा के लिए 100 वार्ड में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ की जा रही बैठकें

 

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra, Uttar Pradesh, India. भारतीय जनता पार्टी के इटावा से सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वे रामकथा को लेकर चर्चा में आए हैं। 3 अप्रैल से 11 अप्रैल,  2023 तक आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान पर श्रीराम कथा करवा रहे हैं। पद्म विभूषण रामभद्राचार्य महाराज रामकथा का श्रवण कराएंगे। प्रतिदिन 25 हजार लोग आएंगे। एक दिन के लिए किसी का भी पर्चा निकालने के कारण चर्चा में आए धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री भी आ रहे हैं। उन्हें देखने के लिए एक लाख लोग आने वाले हैं। कुल मिलाकर यह रामकथा डॉ. कठेरिया को तीन लाख से अधिक लोगों से संपर्क कराएगी। रामकथा धार्मिक आयोजन है, जिसे राजनीतिक पहलू से देखना उचित नहीं है, लेकिन कोई राजनेता कथा कराए तो अवश्य ही गंभीर बात है।

श्रीराम कथा का ताना-बना कई माह पहले बुना गया मार्च माह में आगरा में चर्चा शुरू हुई। यह सवाल सबको काट रहा है कि डॉ. रामशंकर कठेरिया इटावा से सांसद हैं तो आगरा में श्रीराम कथा क्यों करा रहे हैं? कहीं इसके पीछे कोई राजनीतिक हेतु तो नहीं है? कहीं डॉ. रामशंकर कठेरिया यह तो दिखाना नहीं चाहते हैं कि आगरा में उनके चाहने वाले कम नहीं हैं? उन्होंने एक-एक करके अपने सभी पुराने साथियों को जोड़ लिया है। कुछ लोग तो पूर्णकालिक काम कर रहे हैं। डॉ. कठेरिया के आगरा से इटावा चले जाने के बाद जो लोग ‘कठेरिया मार्ग’ से भटक गए थे, वे फिर वापस आ गए हैं।

श्रीराम कथा के लिए आगरा के सभी 100 वार्ड में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें की जा रही हैं। इन बैठकों में भाजपा के उपेक्षित कार्यकर्ता जुट रहे हैं। तमाम कार्यकर्ता पर्दे के पीछे रहकर सहयोग कर रहे हैं। ‘कठेरिया के फाइनेंसर’ के रूप में प्रख्यात तीन व्यापारी तो खुलकर साथ हैं।

पद्मविभूषण रामभद्राचार्य जी महाराज के मुखारविंद से नगरवासी करेंगे श्रीराम कथा का श्रवण

वैसे सांसद कठेरिया कभी मीडिया के पीछे नहीं भागे लेकिन इस बा तगड़ा मीडिया मैनेजमेंट किया गया है। एक पत्रकार तो 100 लोगों का इंटरव्यू करता फिर रहा है। इंटरव्यू में श्रीराम कथा की कम और सांसद कठेरिया की चर्चा अधिक रहती है।

बता दें कि डॉ. रामशंकर कठेरिया ने 2009 में पहली बार चुना आगरा लोकसभा सीट से लड़ा था।  9,715 वोट से विजयी हुए थे। तब भाजपा की कोई लहर नहीं थी। 2014 के चुनाव में मोदी लहर थी तो करीब 3 लाख वोटों से विजयी हुए। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें समाजवादी पार्टी के गढ़ इटावा भेज दिया गया। इटावा सीट जीतकर हैट्रिक बनाई। भाजपा ने आगरा से प्रो. एसपी सिंह बघेल को टिकट दिया। उन्होंने आगरा से शानदार जीत दर्ज की।

2024 में फिर से लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राजनीतिक प्रेक्षक कयास लगा रहे हैं कि श्रीराम कथा कहीं चुनावी बिसात तो नहीं है। वे यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि कहीं डॉ. कठेरिया को पार्टी ने आगरा का संकेत तो नहीं दे दिया गया है?  नासमझ भी यह समझ सकता है कि इटावा का सांसद आगरा में लगातार दो सप्ताह तक एंवई नहीं रहेगा, कोई न कोई खास बात है, जिसका खुलासा शीघ्र हो सकता है। वैसे भी डॉ. रामशंकर कठेरिया के आगरा आने से हलचल मच ही जाती है।

श्रीराम कथा के लिए निकाली आमंत्रण रैली, कोठी मीना बाजार मैदान पर 100000 वर्ग फुट में बनाया जा रहा पांडाल

डॉ. रामशंकर कठेरिया डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) में हिन्दी के प्रोफेसर रहे हैं। राजनीति में सक्रिय होने से पहले उन्होंने 13 वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के प्रचारक के रूप में काम किया। आगरा में विभाग प्रचारक रहे। वे केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा 2017 में लोक लेखा समिति के सदस्य, 2016 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान परिषद के सदस्य, विशेषाधिकार समिति के सदस्य रहे हैं।

प्रो. कठेरिया मूलरूप से नागरिया सरवा, जिला इटावा के निवासी हैं। उनका कार्यक्षेत्र आगरा रहा है। आगरा में जब भाजपा को कोई खास वजूद नहीं था, तब वे भीड़ एकत्रित कर लिया करते थे। आगरा में विद्युत वितरण संभाल रही गुजरात की कंपनी टोरंट के खिलाफ आंदोलन करके उन्होंने जनता में पैठ बनाई। टोरंट वाले उनके समक्ष नतमस्तक हो गए। इसके बाद टोरंट अधिकारी प्रो. कठेरिया की बात को टालते नहीं थे। इस कारण भाजपा कार्यकर्ताओं को विद्युत चोरी के मामलों में खूब राहत मिली। पार्टी ने सबसे पहले उन्हें जिला महामंत्री बनाया था। तेजतर्रार होने के कारण पार्टी में स्थान बनाते गए।

यहां मैं राजनीति पर एक सुविचार भी उद्धृत करना चाहूँगा-

राजनीति भी गजब खेल है, यहां कभी भी अपना पराया और पराया अपना हो सकता है। लोगों को बदलने में समय नहीं लगता।

Dr. Bhanu Pratap Singh