8 अप्रैल के सूर्य ग्रहण को लेकर अमेरिका में क्यों दी जा रही है चेतावनी?

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8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगेगा। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जो उत्तरी अमेरिका से होकर गुजरेगा। सूर्य ग्रहण सोलर मैक्सिमम के साथ मेल खाता है। इस कारण माना जा रहा है कि यह काफी शानदार दिखाई देगा। नासा के मुताबिक ‘2017 में सूर्य सौर न्यूनतम के करीब था लेकिन इस दौरान भी पूर्ण ग्रहण के दौरान दर्शन लुभावने कोरोना देख सकते थे। लेकिन सूर्य चूंकि शांत था इसलिए सौर वायुमंडल में बहने वाली सट्रीमर केवल तारे के भूमध्यरेखीय क्षेत्रों तक ही सीमित थीं।’ 2024 में सूर्य अपनी गतिविधियों के चरम पर या उसके करीब होगा।

इस दौरान सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र उलझे हुए बालों के गोले की तरह होगा। स्ट्रीमर्स संभवतः पूरे कोरोना में दिखाई देगा। इसले अलावा दर्शकों को सूर्य से निकलने वाले चमकीले कर्ल के रूप में दिखाई देता है। यह ग्रहण मेक्सिको से कनाडा तक दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण के दौरान एक ऐसा समय आता है, जब चांद पूरी तरह सूर्य को ढक लेता है। इसे समग्रता कहते हैं, जो कुछ मिनटों का होता है। समग्रता के दौरान ग्रहण को नग्न आंखों से देखा जा सकता है। सूर्य का कोरोना हमें दिखाई देता है।

क्या खतरनाक होता है सूर्य ग्रहण?

साल 2017 के सूर्य ग्रहण के दौरान दिखने वाले कोरोना से यह ज्यादा व्यापक होगा। नासा ने यहां तक कहा है कि इस दौरान कोरोनल मास इजेक्शन भी देख सकते हैं। बेशक ग्रहण पृथ्वी पर लोगों के लिए खतरनाक नहीं है। लेकिन फिर भी इसे लेकर कई तरह की चेतावनियां दी जा रही हैं। लोगों से ईंधन, भोजन और पानी का स्टॉक रखने के लिए कहने के साथ-साथ कई आपातकालीन अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि स्कूल को बंद कर देना चाहिए।

क्यों दी जा रही चेतावनी?

सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा कुछ देर के लिए सूर्य की यूवी किरणों को धरती पर आने से रोक देता है। अमेरिका के जिन राज्यों में यह दुर्लभ घटना देखने को मिलेगी वहां पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच सकते हैं। पर्यटकों की अपेक्षित वृद्धि, स्थानीय परिवहन और आपातकालीन सेवाओं पर दबाव बढ़ा सकता है। ऐसे में यह सलाह दी गई है कि ग्रहण के दिन आसपास सड़क पर कारों की संख्या कम करने के लिए सामान पहले से स्टॉक कर लें।

कनाडा सीमा के करीब अमेरिका के ओहायो राज्य के लोरेन काउंटी के निदेशक डेव फ्रीमैन ने कहा कि ग्रहण के दौरान हमारे शहरों में भीड़ हो सकती है, जिसकी हमें आदत नहीं है। ज्यादातर सड़कें दो लेन की हैं, जो ज्यादा गाड़ियों के आने से भर सकती हैं।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh