सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना का देश के कई हिस्सों में पुरजोर विरोध हो रहा है। बिहार, यूपी समेत कई राज्यों में युवा उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस ने अग्निपथ योजना की खुलकर मुखालफत की है मगर पार्टी के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी की राय जुदा है। वह योजना को अमलीजामा पहनते हुए देखना चाहते हैं। मनीष का ट्वीट जब चैनलों पर चला तो एक अन्य कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका ने सफाई की मांग कर दी। वह एक चैनल से चाहते थे कि कांग्रेस के बजाय मनीष तिवारी की राय है, यह बताया जाए। उलाका ने लिखा कि ‘अग्निपथ योजना पर हमारा स्टैंड अलग है जिसके बारे में जिम्मेदार लोगों की ओर से बताया जा चुका है।’ उलाका का यह ट्वीट तिवारी को खासा नागवार गुजरा। तिवारी ने उलाका से तल्ख लहजे में कहा कि ‘जब आप अपनी निक्कर में इधर-उधर दौड़ रहे थे, मैं कांग्रेस के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा था।’
मनीष तिवारी ने सप्तगिरि उलाका को नसीहत दी कि वे ‘ऐसे दुष्टता भरे ट्वीट करने से बाज आएं।’ कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित देसाई ने तिवारी के इस ट्वीट पर कहा कि ‘अग्निपथ पर आपका स्टैंड बड़ा अजीब लगा। संभव है कभी पार्टी की बात से सहमति ना हो, पर जब देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ करें तब यह सिर्फ अलग दिखने के लिए सरकार के झांसे में आना दुखद है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा बाजार के नजरिए से नहीं देखना चाहिए।’
तिवारी ने ‘अग्निपथ’ योजना पर क्या कहा था?
तिवारी ने गुरुवार शाम को एक ट्वीट में सीधे तौर पर नई योजना का समर्थन नहीं किया, मगर उसे जरूरी बताया। उन्होंने लिखा, ‘अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया को लेकर जिन युवाओं को चिंता है, उनसे मेरी सहानुभूति है। वास्तविकता यह है कि भारत को एक युवा सैन्य बल की जरूरत है जो तकनीक में पारंगत हो, सबसे बेहतरीन हथियारों से लैस हो। संघ के सैन्य बल रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होने चाहिए।’
नई भर्ती योजना पर कांग्रेस का क्या स्टैंड है?
शनिवार को कांग्रेस ने इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘सरकार की नई योजना को लेकर देश का माहौल देख ही रहे हैं। सरकार इस योजना को लाने का कारण आर्थिक बता रही है, कई विशेषज्ञों के साथ चर्चा करने के बाद यह पता लगा है कि यह योजना दिखाने के लिए आर्थिक है लेकिन असल में सरकार की नियत कुछ और है। सरकार संघ की मानसिकता को सेना में लाना चाहती है।’ कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘वन रैंक वन पेंशन का सरकार का वायदा था और संकल्प था लेकिन आज वास्तविक स्थिति क्या है? यदि अग्निपथ योजना लागू हो गई तो वन रैंक वन पेंशन का वायदा हो जाएगा- ‘नो रैंक, नो पेंशन, सिर्फ टेंशन, विदआउट डायरेक्शन।’
-एजेंसियां
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