डॉ. भानु प्रताप सिंह
चाय पीते-पीते तीन दोस्तों का दिमाग चला। स्टार्टअप शुरू करने के लिए भविष्य की तकनीक के बारे में सोचा। फायर (5ire) कंपनी बनाई और दुनिया में छा गए। 150 मिलियन डॉलर जुटाए। अगर रुपयों में बात करें तो यह राशि 12 हजार करोड़ रुपये है। अभी तो शुरुआत है। 5ire को यूनिकॉर्न कंपनी का दर्जा मिल चुका है। कंपनी ने ऐसी तकनीक विकसित की है जो पूरे विश्व में ही नहीं, चांद और मंगल पर भी काम करेगी। यह कंपनी आगरा के प्रतीक द्विवेदी और दिल्ली के प्रतीक गौरी ने मिलकर स्थापित की। अब वे यूरोप के बाद दुबई आ गए हैं। प्रतीक द्विवेदी आज आगरा आए। आगरा की आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-9 में उनकी मां अनीता दुबे और पिता सुरेश चंद दुबे रहते हैं। अनीता दुबे समाजसेवी हैं। सेवा भारती में काम करती हैं। जिसे भी प्रतीक के आने की खबर लगी, वह स्वागत के लिए दौड़ा चला गया। अधिकांश लोग तो प्रतीक को देखने आए थे। उत्सुकता इस बात की थी कि कम उम्र में ही प्रतीक ने यह चमत्कार कैसे कर दिया।
5ire की स्थापना प्रतीक द्वय ने अगस्त 2021 में web3 फाइनेंसर Vilma Matila (फिनलैंड) के साथ की थी। कंपनी ने शामिल होने के दो महीने के भीतर, सीड फंडिंग में $21 मिलियन जुटाए थे। फरवरी में 5ire ने GEM Global Yield LLC SCS (GGY) से 100 मिलियन डॉलर की पूंजी प्रतिबद्धता हासिल की थी, क्योंकि इसने IPO के लिए फाइल करने की मांग की थी। कंपनी ने अब आईपीओ दाखिल करने के बजाय सीरीज़ ए बढ़ाने का विकल्प चुना है। बता दें कि 5ire एक ब्लॉकचेन नेटवर्क है। कंपनी ने यूके स्थित समूह SRAM और MRAM से सीरीज ए फंडिंग में 100 मिलियन की राशि पाई है। इसी के साथ ही 1.5 बिलियन वैल्यूएशन की फंडिंग ने वेब3 स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया है।
5‘ में ‘5ire’ का अर्थ 5वीं औद्योगिक क्रांति है। Google ने web1 के लिए क्या किया, Facebook ने web2 के लिए क्या किया, हम web3 में समान स्थान को क्यूरेट करने का प्रयास कर रहे हैं। 5ire chain अन्य पारंपरिक ब्लॉकचेन की तुलना में न केवल तेज है, बल्कि सबसे टिकाऊ ब्लॉकचेन भी है, एप्लिकेशन-आधारित उपयोग के मामलों को अनुकूलित किया है। यदि कोई एफएमसीजी कंपनी को अपनाता है तो उसकी आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित करते हैं। यदि पुलिस विभाग द्वारा अपनाए जाते हैं, तो आवेदनों में आग्नेयास्त्र लाइसेंसिंग, स्मार्ट पुलिसिंग, भविष्य की पुलिसिंग, एफआईआर पंजीकरण आदि पर शामिल होंगे।
5वीं औद्योगिक क्रांति के मूल दर्शन के बारे में बताते हुए प्रतीक ने कहा कि
पांचवीं औद्योगिक क्रांति में मुनाफे और दान के बीच की जगह तलाशना है। हम व्यवसाय में केवल मुनाफे के बारे में सोच रहे हैं। बड़े अमीर घराने केवल दान में विश्वास करते हैं, लेकिन मैं दोनों के बीच संतुलन और काम करने का माहौल बनाना चाहता था। भारत को अपना परिचालन केंद्र बनाते हुए, कंपनी विभिन्न क्षेत्रों और तीन महाद्वीपों: एशिया, उत्तरी अमेरिका और यूरोप में विस्तार और उद्यम करने की योजना बना रही है।
हमने प्रतीक से उनकी कंपनी, विवाह, नरेन्द्र मोदी आदि के बारे में कई सवाल पूछे। उनकी मां अनीता दुबे और पिता सुरेश चंद द्विवेदी से भी बातचीत की। कई मजेदार सवालों के जवाब भी मजेदार मिले। पूरा इंटरव्यू सुनने के लिए यहां क्लिक करें-
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