संसद के विशेष सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय इतिहास में योगदान के लिए जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक का ज़िक्र किया है.
उन्होंने कहा कि इन 75 सालों में हमारी संसद जन-भावनाओं की अभिव्यक्ति का भवन भी बनी है. हम देखते हैं कि राजेंद्र बाबू से लेकर डॉ कलाम, रामनाथ कोविंद जी और अभी द्रोपदी मुर्मू जी. इन सबके संबोधन का लाभ हमारे सदनों को मिला है. उनका मार्गदर्शन मिला है.
पंडित नेहरू, शास्त्री जी एवं अटल जी से लेकर मनमोहन सिंह जी तक एक बहुत बड़ी श्रंखला है, जिसने इस सदन का नेतृत्व किया है और सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है. देश को नए रंग रुप में ढालने के लिए परिश्रम किया है. आज उन सबका गौरवगान करने का भी अवसर है.”
उन्होंने कहा- “सरदार वल्लभ भाई पटेल, लोहिया जी, चंद्रशेखर जी और आडवाणी जी जैसे न जाने अनगिनत नाम हैं जिन्होंने हमारे इस सदन को समृद्ध करने में, चर्चाओं को समृद्ध करने में, देश के सामान्य से सामान्य व्यक्ति की आवाज को ताकत देने का काम इस सदन में किया है.”
पीएम मोदी ने कहा, पुराने सदन से विदाई लेना एक भावुक पल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कि कहा कि संसद में जो कुछ हुआ, वह हमारी साझी विरासत है. उन्होंने कहा- “सदन से विदाई लेना, यह एक बहुत ही भावुक पल है. परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें, कुछ पल के लिए उसको झकझोर देती हैं. हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन-मस्तिष्क भी उन यादों से भरा हुआ है.”
“खट्टे-मीठे अनुभव भी रहे हैं. नोकझोंक भी रही. कभी संघर्ष का तो कभी इसी सदन में उत्सव और उमंग का माहौल भी रहा है. ये सारी स्मृतियां हमारी साझी हैं. ये साझी विरासत है और इसका गौरव भी हम सबका साझा है.” पीएम मोदी ने उस पल को भी याद किया जब वे पहली बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे थे.
उन्होंने कहा, “मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना और पहली बार सांसद के रूप में मैंने इस भवन में प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद के दरवाजे पर अपना शीश झुकाकर इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करते हुए पैर रखा था.”
“वो पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था. मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है, भारत के सामान्य मानव की लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा का प्रतिबिंब है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक गरीब बच्चा संसद पहुंच गया. मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा, इतना आशीर्वाद देगा, इतना प्यार देगा. सोचा नहीं था.”
मीडिया से क्या बोले मोदी
सदन की शुरुआत होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से कहा कि ये संसद का सत्र छोटा ज़रूर है लेकिन ये काफ़ी मूल्यवान सत्र है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- “मून मिशन की सफलता, चंद्रयान 3 हमारा तिरंगा फहरा रहा है. शिव शक्ति प्वाइंट नई प्रेरणा का केंद्र बना है, तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है. जब इस प्रकार की उपलब्धि होती है तो उसे आधुनिकता, विज्ञान, टेक्नॉलजी से जोड़ कर देखा जाता है, और जब ये सामर्थ्य सामने आता है तो अनेक अवसर हमारे दरवाज़े पर आकर खड़े हो जाते हैं.”
“जी20 की अभूतपूर्व सफलता, 60 से अधिक जगहों पर विश्व भर के नेताओं का स्वागत, मंथन. एक सच्चे मायने में संघीय ढांचे का एक जीवंत अनुभव था. जी20 अपने आप में हमारी विविधता का जश्न बन गया.”
“भारत हमेशा इस बात पर गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज़ बने. अफ़्रीकी यूनियन को शामिल करना और सर्वसम्मति से डिक्लेयरेशन पास कर पाना ये सारी बातें भारत के उज्जवल भविष्य के संकेत दे रही हैं. कल यशोभूमि, एक इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर राष्ट्र को समपिर्त किया गया. एक नया आत्मविश्वास हम सब महसूस कर रहे हैं.”
“कल गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर हम नई संसद में जाएंगे. ये सत्र छोटा है लेकिन बहुत मूल्यवान है.”
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