Textile park

आगरा में टैक्सटाइल पार्क की स्थापना की ओर एक और कदम

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अपर मुख्य सचिव टैक्सटाईल ने थीम पार्क योजना की भूमि पर टैक्सटाईल पार्क बनाने की बात यूपीसीडा से की

पूरन डाबर और अशोक गोयल ने की महत्वपूर्ण मांग, दो पार्क बनाने का सुझाव भी दिया गया

Agra (Uttar Pradesh, India) आगरा टैक्सटाईल एवं एप्रेल पार्क बनाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव रमा रमन ने अपनी टीम के साथ दोनों उद्योग समूहों से वेबिनार की, जिनके द्वारा पार्क की स्थापना के लिये अपने ई-निविदायें 20.08.2020 को दी थीं। निविदादाता-समूहों की ओर से अपनी माँगें भी शासन के समक्ष रखीं गयीं।

पूरन डाबर की मांग
अपर मुख्य सचिव रमा रमन द्वारा पूरन डाबर  समूह द्वारा दी गयी ई-निविदा के सन्दर्भ में बधाई दी गयी। कहा कि प्रदेश में जितनी भी टैक्सटाईल पार्क के लिये ई-निविदायें प्राप्त हुई हैं उसमें पूरन डाबर का समूह ही एकमात्र ऐसा समूह है जिनके पास 36 एकड़ भूमि उपलब्ध है और वह इस पार्क को बिना किसी देरी के बना सकते हैं। डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट को छः सप्ताह में दाखिल करने के लिए पूरन डाबर से उन्होंने अनुरोध किया। इस क्रम में श्री डाबर द्वारा यह कहा गया कि सरकार द्वारा सुविधायें दी जानी चाहिये। प्रदेश में विद्युत की दरें अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत अधिक हैं इसलिये विद्युत दरों को घटाया जाना चाहिये। जहां तक सोलर प्लान्ट की बात है तो प्रदेश में सौर्य ऊर्जा के लिये जो नेट-मीटरिंग की व्यवस्था है वह दोषपूर्ण है, उसमें सुधार की आवश्यकता है। टैक्सटाईल पार्क बनाने के लिये उद्यमियों को सामने आना होगा और प्लॉट लेने के लिये अपनी प्रतिबद्धता दिखानी होगी।

थीम पार्क की भूमि पर बात
पूरन डाबर समूह की ओर से के0सी0 जैन अधिवक्ता द्वारा भी टैक्सटाईल पार्क के लिये नीतिगत परिवर्तन के लिये बात उठाई गई। सबसे पहली मांग उनके द्वारा इनर रिंग रोड पर स्थित यूपीसीडा की थीम पार्क परियोजना में टैक्सटाईल पार्क को आवंटित करने के लिए भूमि की मांग की गयी इस पर रमा रमन ने कहा कि उन्होंने यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से बात कर ली है और भूमि वहां आवंटित हो सकती है। 

 छत्तीसगढ़ की तरह मिले छूट
जैन द्वारा वेबिनार में यह भी मांग की गयी कि औद्योगिक भूमि की जो आबादी के रूप में घोषणा उ0प्र0 रेवेन्यू कोड की धारा-80 में होती है उसके लिये एक प्रतिशत घोषणा शुल्क व एक प्रतिशत कोर्ट फीस देनी पड़ती है जिससे टैक्सटाईल पार्क को मुक्त किया जाये। इसी प्रकार विकास शुल्क से भी छूट का आदेश शासन द्वारा किया जाना चाहिये। गारमेन्ट यूनिट के लिये सब्सिडी के रूप में टैक्सटाईल नीति के अन्तर्गत 3200/- रू0 प्रतिमाह सब्सिडी की व्यवस्था है लेकिन यह सब्सिडी जब ही मिलती है जब 1000 से अधिक लोग काम करें यह 1000 की संख्या को घटाकर 100 किया जाना चाहिये और सब्सिडी कम से कम 6000/- रू0 प्रति व्यक्ति प्रतिमाह मिलनी चाहिये जैसे छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों में मिल रही है अन्यथा बड़ी इकाईयां नहीं आयेंगी। नगर निगम के भवन कर से भी औद्योगिक इकाईयों को छूट होनी चाहिये जैसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में है, नहीं तो एक ओर तो इण्डस्ट्रियल एरिया का मैन्टिनेन्स चार्ज देना पड़ता है वहीं दूसरी ओर भवन कर देना पड़ेगा जिससे दोहरा भार पडे़गा।

सूरत से आगरा आ सकते हैं उद्यमी और श्रमिक
सूरत से वेबिनार में सम्मिलित हुए अशोक गोयल ने थीम पार्क परियोजना की भूमि को उनके टैक्सटाईल पार्क के लिये आवंटित करने की मांग उठायी और कहा कि भूमि आवंटन की स्थिति स्पष्ट होने पर ही वे अपनी डीपीआर दाखिल कर सकेंगे। उनके द्वारा बताया गया कि उ0प्र0 के लगभग पौने दो लाख श्रमिक सूरत में कार्य करते हैं और लगभग 1000 उद्यमी भी उ0प्र0 के हैं। बड़ी संख्या में ब्रज क्षेत्र के उद्यमी अपना उद्यम प्रस्तावित टैक्सटाईल पार्क में लगाने के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार को इसमें सुविधायें देनी होंगी और यूपीसीडा से भूमि आवंटित करानी होगी। गोयल द्वारा टैक्सटाईल क्षेत्र के अपने लम्बे अनुभवों को भी साझा किया गया। 

बन सकते हैं दो टैक्सटाईल पार्क
गोयल के साथ कन्सलटेंट कोन्सेप्चुअल क्रिएशन्स फर्म के प्रमोद अग्रवाल ने वेबिनार में कहा कि आगरा में टैक्सटाईल पार्क की संभावनाओं को देखते हुए दो पार्क बन सकते हैं। एक पार्क मथुरा रोड पर हो सकता है और दूसरा पार्क थीम पार्क परियोजना स्थल पर। सूरत में भी 14 टैक्सटाईल पार्क चल रहे हैं। अग्रवाल के साथ चार्टड इंजीनियर अनुपम वाजपेयी भी थे।

ये दो मुद्दे महत्वपूर्ण
प्रदेश से अन्य ई-निविदाकर्ता भी वेबिनार में सम्मिलित हुए थे लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा जो वेबिनार में निकलकर आया वह था टैक्सटाईल पार्क के लिये सस्ती भूमि की उपलब्धता का था जिस पर यह पार्क विकसित हो सके और दूसरा मुद्दा यह था कि किस क्षेत्र में कितने उद्यमियों की मांग औद्योगिक भूखण्डों के लिये है।