हिन्दूवादी नेता पर लगी रासुका, थाना हाइवे में दर्ज हुआ था मुकदमा

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा। राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग रघुवंशी पर रासुका लगाई गयी है। इस समय रघुवंशी जेल में बंद है। आरोपी अनुराग द्वारा मुकदमा दर्ज होने के बाद वीडियो वायरल करके हाईवे थानाध्यक्ष को धमकाया गया था। हिन्दूवादी नेता के कई वडियो वायरल हुए थे जिसमें वह प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर पुलिस अधिकारियों तक को धमकी दे रहा था। गिरफ्तारी पर खुलेआम खुन रखाबे की बात कर रहा था।

इससे पूर्व उस पर महिला अधिवक्ता ने भी मुकदमा दर्ज कराया था। हाईवे थाना पुलिस ने उसे 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था। 19 जुलाई को थाना हाईवे क्षेत्र में राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी की एक सभा का आयोजन हुआ था। बिना अनुमति के लॉकडाउन के दौरान सभा होने पर हाईवे पुलिस की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग गोस्वामी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अपने खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अनुराग गोस्वामी ने 22 जुलाई को एक धमकी भरा वीडियो वायरल किया था। इस कार्यक्रम में महिला अधिवक्ता के साथ अभद्रता हुई थी। वीडियो में अनुराग ने हाईवे थानाध्यक्ष पर अभद्र टिप्पणी के अलावा स्थानातंरण कराने की धमकी तक दी। इस मामले में थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने अनुराग गोस्वामी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इससे पूर्व महिला अधिवक्ता ने भी उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 
हाइवे थाना पुलिस ने अनुराग गोस्वामी को 31 जुलाई को लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अनुराग गोस्वामी पर 24 अगस्त को जेल में रासुका तामील करा दी। हाईवे थानाध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर रासुका तामील करा दी है।

कार्यक्रम के दौरान पुलिस रही थी मौजूद, मिली थी पूरी सुरक्षा
जिस हिंदूवादी नेता अनुराग रघुवंशी पर रासुका की कार्यवाही की गई है, उसी के कार्यक्रम में मथुरा पुलिस मौजूद रही थी। अनुराग को पुलिस फ्लीट दी गई थी। कार्यक्रम लॉकडाउन के दौरान हुआ था और नियम कायदों को ताक पर रख दिया गया था। तथाकथित हिन्दूवादी नेता को इतना गुमान था कि वह पुलिस और प्रशासन को भी कुछ मानने को तैयार नहीं था। अगर कार्यक्रम में हंगामा नहीं हुआ होता, महिला अधिवक्ता की ओर से रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गयी होती तो शायद यूपी पुलिस आज भी उसे सुरक्षा दे रही होती।

सवाल जिनके उत्तर चाहते हैं लोग आयोजकों ने इतनी बडी संख्या में लोगों को एकत्रित करने की अनुमति कहां से ली।, अगर आयोजन की अनुमति नहीं थी तो कार्यक्रम पूरे दिन कैसे चलता रहा।, बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित हो रहा था तो पुलिस की तैनाती किस के आदेश पर रही।, कार्यक्रम की अनुमति नहीं थी तो संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पुलिस सुरक्षा क्यों देती रही?, जब इतने बडा आयोजन हो रहा था तो कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन कराने के लिए कोई अधिकारी मौजूद क्यों नहीं रहा?

Dr. Bhanu Pratap Singh