कहते हैं कि सफलता को पचाना हर किसी के बस की बात नहीं है। ऐसा ही कुछ हुआ है उत्तराखंड की मशरूम उत्पादन की ब्रांड एंबेसडर दिव्या रावत के साथ। एक कमरे से मशरूम उत्पादन का काम शुरू कर साल भर में करोड़ों कमाने वाली दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत को महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन दोनों को फिलहाल दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि पुणे पुलिस दिव्या और उसके भाई को लेकर देहरादून भी आ सकती है। दिव्या रावत उत्तराखंड में मशरूम गर्ल के नाम से पहचानी जाती हैं। वह अपने भाई के साथ सौम्या फूड नाम की कंपनी चलाती हैं।
पुणे मानसेलक भुकूम (पौड़) निवासी परामर्श फॉर्म के मालिक जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने 27 दिसंबर, 2022 को पुणे में दिव्या रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। वह अपनी कंसलटेंसी फर्म का काम घर से ही ऑनलाइन और फोन के माध्यम से चलाते थे। 2019 में वह अपना उद्योग शुरू करना चाहते थे तो इसी दौरान उनका परिचय दिव्या रावत की बहन शकुंतला से हुआ। शकुंतला ने जनवरी 2019 में उन्हें देहरादून के मोथरोवाला में प्रशिक्षण के लिए बुलाया। वहां उनकी मुलाकात दिव्या रावत से हुई। प्रशिक्षण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद वह पुणे वापस आ गए।
दिसंबर 2019 में दिव्या ने उन्हें फोन करके उनकी सौम्या फूड्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ने का ऑफर दिया और उन्हें देहरादून बुलाया। दिव्या ने उन्हें माइग्रेशन 2020 प्रोजेक्ट के तहत मशरूम उत्पादन में पार्टनरशिप का प्रस्ताव दिया। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वह प्रशिक्षण के लिए टीम के साथ गुजरात भी गए। इस दौरान टीम में शामिल सदस्यों के वेतन, रहने-खाने और मशीनों को खरीदने का खर्चा उन्होंने ही किया।
दिव्या ने भाखड़ा पर 77 लाख ठगी का आरोप लगाया
इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 1.20 करोड़ का खर्चा आया। इसमें से कुछ रुपए दिव्या ने उन्हें दिए, लेकिन बाद में किसी बहाने से वापस भी ले लिए। जब बाद में नंदकिशोर भाखड़ा ने दिव्या रावत से अपने पैसे वापस मांगे तो सितंबर 2022 में दिव्या रावत के भाई राजपाल रावत ने भाखड़ा के खिलाफ थाना नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज करा दिया। भाखड़ा पर 77 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया।
10 लाख का चेक देने के लिए दिव्या को पुणे बुलाया
दिव्या ने आरोप लगाया था कि भाखड़ा ने 77 लाख रुपए लेने के बाद भी काम नहीं किया। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में भाखड़ा को गिरफ्तार कर लिया था और लगभग 3 महीने भाखड़ा जेल में रहे। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली। जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित ने पुलिस विभाग से सूचना के अधिकार के तहत अपनी गिरफ्तारी को लेकर जानकारी मांगी तो पता चला कि दिव्या ने फर्जी एफिडेविट मेरठ से बनवाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद उन्होंने पौड़ थाने में दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
दिव्या रावत, नंदकिशोर भाखड़ा से समझौते के लिए 32.5 लाख रुपये मांग रही थी। भाखड़ा ने दिव्या को 10 लाख रुपये का चेक देने के लिए पुणे बुलवाया था। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी। जिसके बाद पुलिस ने दिव्या और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया।
नोएडा में 25 हजार रुपये की नौकरी की
दिव्या रावत मशरूम गर्ल के नाम से उत्तराखंड में विख्यात है। वर्तमान में लग्जरी लाइफ जीने वाली दिव्या रावत ने जबसे मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखा तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। दिव्या मूलतः चमोली जिले की निवासी हैं। उनके पिता आर्मी में थे। 12वीं की पढ़ाई के दौरान उनके पिता का निधन हो गया था। 12वीं करने के बाद दिव्या ने एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से एमएसडब्यू (मास्टर इन सोशल वर्क) की पढ़ाई की। इसके बाद एक प्राइवेट कंपनी में 25000 रुपये की नौकरी शुरू की।
कुछ नया करने की चाह में देहरादून लौट आई
दिव्या ने एक के बाद एक लगभग आठ नौकरियां बदलीं, लेकिन नौकरी से असंतुष्ट दिव्या कुछ अलग करने की चाह में अपने घर वापस लौट आई। दिव्या ने 2013 में देहरादून के मोथरोवाला क्षेत्र में एक कमरे से मशरूम की खेती शुरू की। यहां पर उन्होंने 100 बैग मशरूम उत्पादन के साथ अपना काम शुरू किया। इस काम ने जल्द ही रफ्तार पकड़ ली और मशरूम दूर-दूर तक मशरूम की आपूर्ति होने लगी। दिल्ली की आजादपुर मंडी तक दिव्या के मशरूम की मांग बढ़ गई। इसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग टू ट्रेडिंग कॉन्सेप्ट पर काम किया और भी उत्तर प्रदेश हरियाणा दिल्ली और हिमाचल सहित अलग-अलग राज्यों तक पहुंच बनाई।
हजारों लोगों को दिया रोजगार
मशरूम गर्ल ने इस खेती के जरिए अपने देश तक ही नहीं बल्कि विदेशों तक का सफर तय किया। अपना काम शुरू करने के साथ ही हजारों लोगों को रोजगार भी दिया। मशरूम की खेती से देश-विदेश तक अपनी पहचान बनाने वाली दिव्या रावत ने पहाड़ों से पलायन कर रोजगार के लिए दूसरे शहरों में जाने वाले लोगों को पहाड़ों में रहकर ही मशरूम की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कीड़ा जड़ी 3 लाख रुपये किलो तक बिकता है
दिव्या रावत ने कीड़ा जड़ी का उत्पादन भी शुरू किया। अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कीड़ा जड़ी की मांग अच्छी खासी होने के कारण इसके व्यावसायिक उत्पादन के लिए दिव्या रावत ने देशभर में लगभग 25 लैब भी स्थापित की। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीड़ा जड़ी दो से तीन लाख रुपए किलो तक बिकता है। वर्ष 2017 में महिला दिवस के मौके पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी उनको नारी शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया था। वहीं, मशरूम के क्षेत्र में बेहतर योगदान और लोगों को रोजगार देने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दिव्या रावत को उत्तराखंड का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था।
-एजेंसी
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