SP singh baghel video speech

UP Election 2022 एत्मादपुर, करहल और बघेलों को लेकर एसपी सिंह बघेल का जबर्दस्त भाषण, अखिलेश को हराना पुण्य का काम, देखें वीडियो

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Agra, Uttar Pradesh, India. केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री, आगरा के सांसद और मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हैं प्रो. एसपी सिंह बघेल। करहल में उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से है। उनके आगमन से करहल के समीकरण दिन प्रतिदिन बदल रहे हैं। चुनाव एकतरफा नहीं रहा है। सैफई परिवार को वोट मांगने पड़ रहे हैं। प्रो. एसपी सिंह बघेल 8 फरवरी, 2022 को आगरा में एत्मादपुर विधानसभा सीट के आंवलखेड़ा आए। उन्होंने यहां बघेल समाज को झकझोरा। उन्होंने एत्मादपुर से भाजपा प्रत्याशी डॉ. धर्मपाल सिंह के लिए खुलकर वोट मांगे। ऐसी-ऐसी बातें कहीं कि बघेल समाज का यह विचार ही बदलता दिखाई दिया कि वोट किसी और को देना है। एत्मादपुर के साथ-साथ करहल पर भी चर्चा की। कहा कि डिम्पल यादव पल्लू के साथ पैर छूकर वोट मांग रही हैं। आइए जानते हैं उनके भाषण के मुख्य बिन्दु-

मेरी सबसे प्रिय विधानसभा एत्मादपुर है। भाजपा की टिकट पर एत्मादपुर से चुनाव लड़ रहे डॉ. धर्मपाल सिंह मेरे छोटे भाई और मित्र हैं।

समाजवादी पार्टी का नम्बर वन सीट को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुना। करहल से मैं भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी हूँ। योगी आदित्यनाथ अपनी प्रिय विधानसभा गोरखपुर से लड़ रहे हैं। जो मुख्यंमत्री बनने का सपना देख रहा है, उसने अपनी टिकट पर खुद दस्तखत किए हैं। उन्होंने करहल से खुद को प्रत्याशी बनाया है। क्या मजेदार बात है कि मैं समाजवादी पार्टी की नम्बर वन सीट पर चुनाव लड़ रहा हूँ। यह बीजेपी और समाजवादी पार्टी की नूराकुश्ती थोड़े ही है। अगर समाजवादी पार्टी ने अपना नम्बर वन पट्ठा उतारा है तो भारतीय जनता पार्टी ने भी नम्बर वन पट्ठा उतारा है। उसने अपनी टिकट पर दस्तखत किए हैं। मेरी टिकट पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के दस्तखत हैं। काश ये बात हमारी बिरादरी भी जान लेती।

मैंने अपने इलेक्शन की शुरुआत धर्मपाल जी के गांव से की है। मेरे प्रस्तावक धर्मपाल के खानदान के पूर्व विधायक अशोक चौहान हैं। वहां हमारे ये प्रस्तावक हों और तुम यहां दूसरी भाषा बोलो तो ये अच्छी बात नहीं है।

पूरे उत्तर प्रदेश में हमारे प्रत्याशी को वोट नहीं मांगने पड़ रहे हैं, केवल एत्मादपुर में मांगने पड़ रहे हैं। मेरी बड़ी डिमांड आई थी। मैं यहां दो बडी मीटिंग्स में आ चुका हूँ। मेरे पास बड़े फोन आते हैं कि क्या करना है। मैंने उसी दिन कह दिया था कि मैं मन, वचन, कर्म से डॉ. धर्मपाल सिंह के साथ हूँ। राजनीति में न मैं आँख मारता हूँ, न मैं हाथ दबाता हूँ। न वोट मांगते में बाद में ऐसे-ऐसे (हाथ हिलाकर दिखाया) करता हूँ। मैंने यहां तक कहा था कि जिसकी बात में फर्क है उसके बाप में फर्क होता है। क्या मुझे रोज-रोज निवेदन करना होगा, क्या मैं बच्चा हूँ। पटवारी के चक्कर में कलक्टर को सस्पेंड मत करा देना, मैंने सारी बात कह दी है।

मेरे से अच्छा सुरक्षित बिरादरी का नेता तुम्हें मिल जाए तो मैं राजनीति से संन्यास लेने को तैयार हूँ। गंगा गंगोत्री की जगह गंगासागर से निकल सकती है, सूरज महाराज पूरब की जगह पश्चिम से निकल सकते हैं लेकिन बहुजन समाज पार्टी की सरकार नहीं बन रही है। लड़ाई भाजपा और सपा की है। हाथी वाला जीता तो कलक्टर कुर्सी भी नहीं देगा। किस बात के लिए बौरा रहे हो। अभी टाइगर जिन्दा है। हाथी मरने के बाद सवा लाख का होता है। अभी तो मेरा दिमाग भी ठीक है।

32 दातों के बीच में करहल में फँसा है तो कुछ तो बात होगी कि वह एत्मादपुर क्यों आ रहा है। कुछ तो बात होगी। अंदाज लगा लो मेरी नाक और मूँछ की कितनी प्रतिष्ठा लगी है। नाक कट गई तो प्लास्टिक सर्जरी भी नहीं हो पाएगी। नकटा कहलाऊँगा।

प्रधानमंत्री यूपी में दो जगह देख रहे हैं- करहल और एत्मादपुर में क्या होगा।

मेरे जिस कद के अनुसार करहल लड़ाया गया है, क्या उसका प्रभाव एत्मादपुर पर नहीं पड़ना चाहिए। दुनिया जीत जाए और मेरी लोकसभा हार जाए तो लोग कहेंगे तुम्हारा प्रभाव नहीं है, पार्टी का प्रभाव है।

जब निधौली मुझे 53 हजार से जिताती थी, तब भी ये बात कहता था कि एत्मादपुर मेरी प्रिय विधानसभा है।

कोई शादी ब्याह, तेरहवीं, कथा, भागवत, रसिया, दंगल, एकादशी का उद्यापन छोड़ा है? रात तीन बजे भी देखा होगा। एसपी सिंह बघेल के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगर कोई भ्रमण करने वाला विधायक है तो उसका नाम धर्मपाल सिंह है। मेरे बारे में कहा जाता है कि भैंसिया के मरने पर जाते हो तो तुम्हारे बारे में भी कहा जाता है कि पड़रा के मरने पर जाते हो। इससे ज्यादा विनम्र आदमी आपने देखा हो तो बता दो। आदमी प्रधान बन जाता है तो स्टाइल बदल जाती है लेकिन धर्मपाल व्यवहार में सबसे ज्यादा है।

करहल में नारा चल रहा है- काहे पड़े हो चक्कर में करहल आ गई टक्कर में, जिसने डाली नाक में नकेल- उसका नाम एसपी सिंह बघेल। किसकी नाक में नकेल डाल रहा है.. जनता ने कहा- अखिलेश। तो फिर यहां नहीं डालोगे बीएसपी के।

आज तक दुनिया में तीन सर्जिकर स्ट्राइक हुई हैं। एक ओसामा बिन लादेन  को मारा गया। एक उरी में हुई। जब हम नास्ता करने लगे तब दुनिया ने जाना कि हमने पाकिस्तान में घुसकर मारा है। 31 जनवरी को दो बजकर 15 मिनट पर जब मैंने मैनपुरी में पर्चा दाखिल किया तब लोगों के पैरों के नीचे से जमीन निकल गई। इस बात का अंदाज कोई अखबार, कोई चैनल नहीं लगा सका। सवेरे सात बजे पर्चा भरा है। वो तो 10-12 चुनाव लड़ लिए हैं इसलिए पर्चा भरना जानते हैं।

कुछ समाज ऐसे होते हैं जब उनका नेता राष्ट्रीय राजनीति की ओर चार कदम चल देता है तो उसकी भ्रूण हत्या कर दी जाती है। उसकी हैसियत नहीं है कि मैं नाम लूँ। तीन बार का जलेसर से एमपी। चौथी बार राज्यसभा से एमपी। फिर टूंडला से विधायक। इसके बाद आगरा का एमपी और भारत सरकार का मंत्री। करहल से चुनाव लड़ रहा हूँ। ईमानदारी से बताओ छह बार का एमपी, एमएलए और मंत्री हो तो क्या एमएलए के लिए चुनाव लड़ा जाता है। करहल जिताएगी तो घी के दीपक एत्मादपुर में भी जलेंगे।

श्री अखिलेश यादव ने सोचा था कि कन्नौज से डिम्पल के खिलाफ किसी ने पर्चा नहीं भरा था, निर्विरोध हो गई, ऐसे ही मैनपुरी में होगा। घमंड में कहकर गया कि आज पर्चा भर रहा हूँ, इसके बाद सर्टिफिकेट लेने आऊँगा, कार्यकर्ता चुनाव लड़ाएंगे। अगर उसे पता होता कि मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूँ तो इतनी बड़ी लफ्फाजी नहीं करता। मैंने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा- अखिलेश, रामगोपाल, शिवपाल, तेज प्रताप, अक्षय को घर-घर वोट न मंगवा दूँ तो मेरा नाम एसपी सिंह बघेल नहीं है। मैंने कॉन्फिडेंस में कहा था। इसके बाद अखिलेश ने छह तारीख को करहल में आकर मीटिंग की। डिम्पल यादव पल्लू लगाकर पांव छू रही है, जैसे मायावती के छूती थी। रामगोपाल कैम्प कर रहे हैं। तेज प्रताप तेजू तो भैंसिया, बकरियों के पांव छूता घूम रहा है। क्या आप मुझे यहां कमजोर करेंगे?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को होना चाहिए, मैं उस सीट के लिए नहीं लड़ रहा हूँ क्योंकि अभी मथुरा बाकी है। अभी बुलडोजर और चलाना है। अभी कुछ योजनाएं और लानी हैं। मेरा इतिहास है कि मैं अन्याय और शोषण के खिलाफ लड़ा हूँ।

बघेलों को यह बात समझ में नहीं आती है कि हमारे प्रिय नेता की जान कितने खतरे में है। मेरे भी बीवी बच्चे हैं। श्री मुलायम सिंह यादव ने जलेसर भेजा, मैं लड़ा। मायावती ने फोन पर कहा, मैं लड़ा। तीन महीने बाद फिर कहा लड़ो, मैं लड़ा। इसके बाद कहा 16 बार टूंडला हार गई है, लड़ो, मैं लड़ा। फिर फोन आया मंत्री की शपथ लो। मैंने ले ली। एक दिन फोन आया कि आगरा लोकसभा लड़ो। फिर फोन आया शपथ लेने आना है। ले ली। फिर फोन आयो करहल जाओ। ये सौभाग्य मिला है किसी को? मैं अखिलेश से लड़ा, दुश्मनी हुई। थोड़ी शांति हुई तो डिम्पल से लड़ा, दुश्मनी का लाइसेंस रिन्यू हो गया। फिर थोड़ी शांति हुई तो अक्षय यादव से लड़ा। मैं हार गया।

कातिल बहुत जलील हुआ मेरा सिर काटकर

हमने दिलों को जीत लिया सिर उठाकर।

अखिलेश से लड़ाकर फिर लाइसेंस रिन्यू हो गया दुश्मनी की। ऐसे में ताकत दी जाती है या पैर खींचा जाता है। करहल में कुछ भी हो, एत्मादपुर मुझे चाहिए। उस आदमी से तुलना कर रहे हो जिसका छोटा सा कार्यकाल दो साल का था। कमीशनखोर और चरित्रहीन आदमी है। काजल की कोठरी में 36 साल से हो और कोई दाग न लगे ऐसा नेता फकीर हो सकता है, एसपी सिंह बघेल हो सकता है। कोई ऐसा है जो मंच से कह सके। कभी तुम लोग पैसा देने में सफल हो पाए। जब रिश्वत छोड़ते हैं, कमीशन छोड़ते हैं, घमंड छोड़ते हैं, एटीट्यूट नहीं आने देते, तब जाकर एसपी सिंह बघेल बन पाता है। अब मैं वो चुनाव लड़ने जा रहा हूँ कि जिन्दगी भर भारतीय जनता पार्टी यहां बैठाएगी। तुम्हारी पार्टी है कौन सी। यहां से मैं बसपा से लड़ा तो आठ हजार से भाजपा को हरा दिया। मैं साइकिल पर आया तो एमपी बना दिया। अबकी बार भाजपा से आया तो 50-60 हजार से जिता दिया। टूंडला से तो अखिलेश, डिम्पल, अक्षय को हरा दिया। अब पार्टी क्यों बदल रहे हो। न हाथी की सरकार बन रही है, न जीत रहा है। मेरा मन खराब मत करो। आपके पास 72 घंटे हैं। निकल पड़ो। ढाई साल मेरे पूरे बाकी हैं। मैं बघेलों से नहीं कह रहा हँ, चौहानो तुम भी सुन लो। मैं बिरादरी का नेता रह गया हूँ क्या। अगर करहल नहीं गया होता तो एक चौथाई कर देता। जिनके कंधा पर बंदूकें लटक रही हैं, वे हमारी हैं। थानों में से हाथ खींचकर ले आते थे। मेरे नाम के पत्थर से सड़क पर टकराते हैं। एत्मादपुर के लोगो, तुम्हारे मान-सम्मान पर कभी आंच आने दी है क्या?  गूंगी-बहरी क्षत्रिय महिला के साथ बलात्कार करने वाले को आजीवन कारावास करा दिया है। दूधिया लोगो, बीस साल पहले जब सैम्पल भरने पर दूध फैलाते थे। ऐसा आंदोलन किया कि कलक्टर के घर में एक बूंद दूध नहीं जाने दिया।

हाथी वाला घमंड में रहता है। 600 करोड़ का बजट मिला। कमीशन खाया। उसी पैसे के लिफाफे बांटने तुम्हारे पास आया है।

एत्मादपुर के खतना तक में जाता हूँ, शादी तो छोड़ो। हम लोग समदर्शी हैं। बीएसपी सवा जात है। टाइगर अभी जिन्दा है। जब भी हमारे सामने कोई बघेल आया, वोट मुझे मिले। वीरेन्द्र चौहान और धर्मपाल सिंह लड़ रहे हैं तो वोट मिलना चाहिए धर्मपाल को। जो बँटेगा सो कटेगा। तीसरी बार विधायक होंगे तो मंत्री कौन बनता है। हमसे भी तो पूछा जाएगा। चौबीसी को मजबूत करने के लिए बाईसी की मजबूत करें।

जब से करहल में टिकट हुई है, तब से जैसे ही बघेलों में भाजपा प्रत्याशी जाता है तो अरे साब, एसपी सिंह बघेल को एकदम अखिलेश के बराबर कर दिया। इस समय प्रत्याशी के साथ मेरा नाम बोला जाता है जब मेरा कुटम्ब का मोहल्ला या गली आ जाती है। जहां मेरी प्रतिष्ठा लगी है, वहां परेशानी आ रही है। रामवीर उपाध्याय घिघाय रहे हैं कि वीडियो भेज दो, बाह वाली रानी कह रही है कि आप आ जाओ, मधु को भेज दो, वीडियो भेज दो, बेटी, बेटी, दामाद आ जाए। ये सम्मान एत्मादपुर के लोगों ने दिया है।

मैंने करहल में पर्चा दाखिल किया तो किशनी और भोगांव जीत गए। हमने करहल फँसाई तो बगल में जसवंत नगर भी फँसा दी है।

बाबाजी ने सभी पेंशन एक-एक हजार कर दी। अगर तुम अपने बच्चों के नाम खेती न करो तो हम क्या करें, वरना ये भी किसान सम्मान निधि पा रहे होते।

अगर मैं करहल जीता तो भारत सरकार का मंत्रालय छोड़ दूंगा, वहां की विधायकी को पसंद करूँगा। मैं अपनी लोकसभा में यह बात कह रहा हूँ। करहल वाले जिताएंगे तो क्या छोटा-मोटा काम करेंगे। अखिलेश को हरा देंगे तो पुण्य का काम होगा। अखिलेश हारा तो बेटियां तो सुरक्षित हैं भैंसिया भी सुरक्षित होंगी। वहां तो कोई प्लॉट सुरक्षित नहीं है। जब उसने कह दिया कि आऊँगा नहीं हो काहे को आ रहा है। बड़े चैनलों के एंकर आ रहे हैं। शशि शेखर मेरे से समय मांग रहे हैं। चुनाव फँस गया है, इसलिए हो रहा है यह सब। यह शोहरत आपने दी है। अगर आप जलेसर से तीन बार एमपी नहीं बनाते तो कुछ नहीं होता। सेवा में धर्मपाल और एसपी सिंह बघेव कम हों तो बताओ। अभी कत्ल की रात बाकी है, निकल पड़ो।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh