Dr bhanu pratap singh UP election

UP election 2022 घाघ नेता वोटर कूँ पटाय लेत एं, अपनौ काम चलाय लेत एं..

Election POLITICS REGIONAL साहित्य

डॉ. भानु प्रताप सिंह

 

वोटर: आइगौ, आइगौ, बोट मांगिबे आइगौ। इत्ते दिननते कांओ रे, नाय झांकिबेकूं आयो रे। घर पै जाओ तो कैतए कि ‘नखलऊ’ में हैं, फिर गए तो बतायौ कि छिबरामऊ में है। हम का तोते मिलबे नखलऊ जाएं कि छिबरामऊ, बताय दै मेरे ताऊ। हमन्नैऊ सोच लई कै कबऊ न कबऊ तो बेटा आबैगौ, फिर चक्करु लगबाबिंगे और तोय बताबिंगे। तौ अब आय गयौ..

विधायक: ऐसैं चौं कै रहे हो ताऊ, मैं का तुमन्नते मिल्तु नाऊ। तुमन्नै एैमेले बनायो है तो लखनऊ तो जांगौ, हां अबकें तुमन्नै जरूर बतांगौ।

 

वोटर: ज्यादा बक-बक मत कर, नैंक भगवान ते डर। तू पैलैऊं मीठी-मीठी बात बनाय कैं, हम गाम बारेन कूं पोटाय कें एैमेले बनिगौ, बाके बाद तो तनिगौ। अब तौपै कैसें बिसुवास करें, तेरी बातन पै कान चौं धरें। तू फित्ते पुरानी चाल चल्लौए, तू सोचि रौ ए कि जे गांव तोई तो पल्लौए। भगवान ने चौंच दई ऐ तो गोई चुग्गा देगौ, तू का कल्लेगौ।

विधायक: मैं तुमारौ ही छोरा ऊं, याई मारें हाथ जोररौऊं। तुम कछू कहौ मैं तो सुनुंगौ, तुम्हारे आसीर्वाद के बिना नाय टरुंगौ।

 

वोटर: अच्छा तौ अब हाथ जौररौऐ, मेरे घर पै सिर फौररौए। तू पैलैऊं ऐसेंई बोलतो, मिसरी की डली सी घोलतो। तेरी बातन में आइकैं बटन दबाय दौ, तोय जिताय दौ। जीत कैं तो ‘सेर’ है गौ, नई गाड़ी लै आयौ, नई कोठी बनाय ली, किसानन की जमीन अपने नाम कराय ली। हमारे तांई तौपे चिट्ठीऊ नांय लिखी गई, एक बार लिखी तो वो फाइल में ई धरी की धरी रई।

विधायक: ताऊ मेरी बात सुनि लेू, एकु मौको और देऊ। शिकायत कौ कोई मौकौ नाय दंगो, सबरे कम तुमन ते पूछि-पूछि के करुंगौ।

 

वोटर: जरूरत पत्तै तो खाद नांय, बोइबे कूं बीज नांय। सिंचाई के टैम पर बिजली नांय, तौऊ तेरे थूथरे से आवाज निकली नांय। सड़क कूं देख, दगरौ बनि गई ऐ, बनिबे के एक साल में ई बिधवा सी है गई है। पर तोय का फरकु पत्तुऐ, तू कौन सा या पे रोज-रोज चल्तु ऐ। तू तो अगले चुनाव में ही आबैगौ, फिर ते बातें बनाबैगौ। तू कछू कल्लै, बोट नांय दिंगे, ज्यादा करैगो तो खींच के कान पै दिंगे।

 विधायक: ताऊ, मैं नाऊं, तुमन्नैई सब कन्नौ ऐ, तुमन्नैई चुनाव लड़नौ है।

 

वोटर: सही कै रौऐ बेटा, हम काम करिंगे, तोय जितांगे, फिर तू नखलऊ चलौ जइयो और हमे आँख दिखइयो। तू जा बेटा, अबकें आराम कर, तोय नखलऊ बारे ही जितांगे और बोट डलबांगे।

विधायक: गंगा मइया की सूं, दुबारा गलती नांय करुंगौ, तुमारे सामने ही उठक-बैठक करुंगौ।

ये बात सुनकर वोटर का दिल पिघल गया, वो फिर से वोट करेगा और चोट पर चोट सहेगा। घाघ नेता वोटर कूं पटाय लेत एं, अपनौ काम चलाय लेत एं..

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