durga shankar mishra

आगरा के डीएम रहे हैं यूपी के नए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, ताजमहल के शहर को बहुत उम्मीदें, Agra के चार डीएम पहुंचे हैं देश-प्रदेश के सर्वोच्च प्रशासनिक पदों पर, पढ़िए कुछ अनसुनी बातें

NATIONAL REGIONAL लेख

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा में तैनात रहे कई जिलाधिकारी उत्तर प्रदेश और केन्द्र सरकार में सर्वोच्च प्रशासनिक पद पर पहुंचे हैं। पीके सिन्हा केन्द्रीय कैबिनेट सचिव बने। बाद में वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार भी रहे। आगरा में साक्षरता अभियान चलाने वाले आलोक रंजन उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव बने। रिटायर होने के बाद में वे अखिलेश यादव सरकार के सलाहकार भी बने। साक्षरता अभियान को और गति देने वाले तथा ‘पहियों पर प्रशासन’ अभियान के माध्यम से अफसरों को गांवों में ले जाने वाले देशदीपक वर्मा राज्यसभा के महासचिव रहे हैं। आगरा में ही जिलाधिकारी रहे राजेन्द्र कुमार तिवारी भी यूपी के मुख्य सचिव बने। अब उनके स्थान पर आगरा के जिलाधिकारी रहे दुर्गा शंकर मिश्र को उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया गया है। उनकी योग्यता पर सरकार को भरोसा है, तभी तो सेवा विस्तार दिया गया है। आगरा के मंडलायुक्त रहे बालकृष्ण चतुर्वेदी (बीके चतुर्वेदी) भी केन्द्रीय कैबिनेट सचिव रह चुके हैं। बाद में वे योजना आयोग के सदस्य भी रहे।

 

पहले डीएम जिन्होंने पर्यटन की बात की

अब बात करते हैं दुर्गा शंकर मिश्र की। 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। आगरा में वे 1996 से 1999 तक जिलाधिकारी रहे। तब मैं ‘अमर उजाला’ में रिपोर्टर हुआ करता था। पूरी दबंगई के साथ जिलाधिकारी का कार्यकाल पूरा किया। उस समय आगरा में बिजली और पानी की विकट समस्या थी। जब कोई नया जिलाधिकारी कार्यभार ग्रहण करता तो वह अपनी पहली प्रेसवार्ता में आगरा की समस्याओं पर बात करता था। एक ही जुमला- बिजली और पानी की समस्या प्राथमिकता पर होगी। जब श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने जिलाधिकारी का कार्यभार ग्रहण किया तो उन्होंने पत्रकारों से कहा- आगरा का विकास पर्यटन को केन्द्र में रखकर किया जाएगा। उनकी बात सुनकर हर कोई चौंक गया। आगरा में पहली बार पर्यटन की महत्ता का प्रतिपादन हुआ। इससे पहले तो पर्यटन का काम सिर्फ पर्यटन विभाग के जिम्मे था। जिलाधिकारी तो सिर्फ हस्ताक्षर करने के लिए थे।

 

दिशासूचक और एमजी रोड

श्री दुर्गाशंकर मिश्र ने अपने विचार के अनुसार कार्य भी किया। उन्होंने कई देशों का भ्रमण किया था, इसलिए संज्ञान में था कि क्या होना चाहिए। आज आप आगरा की सड़कों पर हरे रंग के बड़े-बड़े दिशासूचक देख रहे हैं, वह श्री दुर्गाशंकर मिश्र की सोच का परिणाम है। एमजी रोड को चित्ताकर्षक बनाने का अभियान भी उन्होंने ही शुरू किया। माल रोड पर चौराहे अगर सुंदर दिखते हैं तो इसकी शुभारंभ श्री मिश्र ने ही किया था। उन्होंने एमजी रोड के दोनों ओर फुटपाथ को ऊंचा कराया ताकि पैदल राहगीरों को सुरक्षित मार्ग मिल सके। यह अलग बात है कि अब फुटपाथ पर अवैध कब्जे हैं, पार्किंग बन गई हैं, खोखे लग गए हैं।

 

पॉलीथिन के खिलाफ

एक और काम उस समय हुआ था। श्री दुर्गाशंकर मिश्र ने जगह-जगह कहना शुरू किया कि पॉलीथिन का प्रयोग बंद करो क्यूंकि यह पर्यावरण को खराब कर रही है। इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों की संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित की। मुंह को पॉलीथिन से ढककर बताया कि एक बार इसके चक्कर में आ गया तो मौत तय है। तब पत्रकारों को लगता था कि कैसे डीएम हैं जो पॉलीथिन की चर्चा करते हैं। बाद में पॉलीथिन के खिलाफ जबर्दस्त अभियान चला।

 

ग्रीन आगरा- क्लीन आगरा

उन दिनों आगरा की गंदगी जगविख्यात थी। विदेशी पर्यटक ताजमहल के साथ गंदगी के फोटो भी खींचकर ले जाते थे। श्री दुर्गाशंकर मिश्र का कहना था कि जनसहयोग के बिना गंदगी की समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। उन्होंने  ‘ग्रीन आगरा- क्लीन आगरा’ अभियान शुरू किया। शहर में चलने वाले सभी टेम्पो हरे रंग के कराए। उन पर लिखवाया- ‘ग्रीन आगरा- क्लीन आगरा’। यह अभियान ऐसा चला कि प्रत्येक कार्यक्रम में  ‘ग्रीन आगरा- क्लीन आगरा’ की गूंज होने लगी। बैनर्स पर लिखा जाने लगा – ‘ग्रीन आगरा- क्लीन आगरा’।

 

यान्नी शो से ताजमहल का प्रचार

दुर्गा शंकर मिश्र ने ही ताजमहल के पार्श्व में 1997 में यान्नी का म्यूजिक शो कराया था। इस कार्यक्रम की पूरे विश्व में चर्चा हुई थी। इसके बदले आगरा को अच्छी धनराशि मिली थी। यह शो कराने में तमाम बधाएं थीं, लेकिन उनका निवारण किया। ताजमहल का देश-विदेश में खूब प्रचार किया। यह कार्यक्रम भी पर्यटन को केन्द्र में रखकर किया गया था। फतेहपुर सीकरी के विकास के लिए भी वे चिंतित रहते थे। इसी कारण फतेहपुर सीकरी का दौरा अकसर करते रहते थे। कई बार मुझे भी साथ ले गए। वे कहते थे- ‘ताजमहल सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है। यह हमारे ऊपर है कि रोज सोने का अंडा लें या मुर्गी को हलाल कर दें। हमें ताजमहल को प्यार से संवारना है।’

 

कुछ मुद्दों पर अनबन भी हुई

उन दिनों ‘अमर उजाला’ से मैं (भानु प्रताप सिंह), आज से अरविन्द शर्मा गुड्डू और दैनिक जागरण से लाखन सिंह बघेल की तिकड़ी चलती थी। प्रशासनिक बीट में हम तीनों रिपोर्टर जो चाहते थे, वह होता था। कुछ खबरों को लेकर श्री दुर्गा शंकर मिश्र से कुछ मुद्दों पर अनबन भी हुई। मेरा मानना है कि अगर किसी रिपोर्टर की जिलाधिकारी से अनबन नहीं है तो इसका मतलब है कि वह रिपोर्टिंग ठीक से नहीं कर रहा है। खैर, बाद में सब ठीक हो गया। उस समय अधिकारी संवेदनशील थे। आज तो हालत यह है कि अगर रिपोर्टर अफसर के मनमाफिक नहीं चलता है तो उसके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर जेल भेज दिया जाता है। श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने कभी भी अहम नहीं पाला। हमारी तमाम मुद्दों पर बहस होती थी। उन्होंने हर कार्य में पारदर्शिता रखी। पत्रकारों के सामने वे खुली किताब की तरह थे। कभी भी मिल लो और कभी भी फोन पर बात कर लो।

 

क्या कहते हैं पर्यटन व्यवसायी

शहर का सुंदरीकरण, पौधारोपण, स्वच्छता.. इनका सीधा संबंध पर्यटन से है। तभी तो पर्यटन व्यवसायी प्रहलाद अग्रवाल कहते हैं- श्री दुर्गाशंकर मिश्र के समय किए गए कार्य याद आते हैं। अब वे उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव हैं। आशा है कि एक बार फिर आगरा को केन्द्र में रखकर कार्य करेंगे। अगर पर्यटन व्यवसाय ठीक चलेगा तो आगरा में उच्च शिक्षित से लेकर अनपढ़ तक रोजगार पाता रहेगा।

Dr. Bhanu Pratap Singh