up journalist pension scheme

यूपी सरकार की पत्रकार पेंशन योजना यानी ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’

REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. उत्तर प्रदेश सरकार की पत्रकार पेंशन योजना के सम्बन्ध में आगरा के वरिष्ठ पत्रकारों की एक बैठक ताज प्रेस क्लब में हुई। बैठक में पत्रकारों के प्रदेश शासन द्वारा पेंशन के लिए तय की गई पत्रकारों की परिभाषा को लेकर घोर आपत्ति की गई। पत्रकारों ने एक स्वर से मांग की कि पेंशन की परिधि में उन सभी पत्रकारों को लाया जाए जो जीवन भर श्रमजीवी पत्रकार की परिभाषा के अन्तर्गत काम करते रहे हैं। पत्रकार पेंशन योजना फिलहाल तो ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ कहावत को चरितार्थ कर रही है।

 

पत्र‌कारों ने कहा कि पत्रकारों का सेवा पर्यन्त प्रोवीडेन्ट फन्ड कटता रहा है और पत्रकारों द्वारा जमा कराये गये फंड में से ही उनको अपने ही धन में से नाममात्र की पेंशन मिल रही है। वे सभी पत्रकार सरकार से पेंशन पाने के योग्य घोषित किए जाने चाहिये। ये पेंशन ई.पी.एस. 95 के अन्तर्गत दी जाती है।

 

पत्रकारों ने स्पष्ट किया कि सभी बड़े संस्थानों की हर यूनिट में तीस से चालीस पत्रकार सम्पादकीय विभाग में काम करते हैं। सरकार और प्रशासन द्वारा उनमें से हर यूनिट से अधिकतम पांच रिपोर्टर्स और एक फोटो ग्राफर को ही मान्यता दिलाई जाती है, जबकि प्रोवीडेन्ट फंड सभी पत्रकारों का कटता है। ऐसे में यह कतई न्याय और तर्कसंगत नहीं माना जा सकता कि पेंशन या अन्य योजनाएं सिर्फ मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही दी जाएं। सैद्धांतिक रूप से संपादकीय विभाग के सभी पत्रकारों को सभी सरकारी योजनाओं के लिए योग्य घोषित किया जाना चाहिए।

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पत्रकारों की बैठक में सेल्फी लेते एमडी खान

इस सम्बन्ध में सभी पत्रकार साथियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार और नौकरशाही पत्रकारों की आधी-अधूरी मनमानी परिभाषा तय करती आ रही है। इस सरकारी प्रवृत्ति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए। पत्रकारों ने मांग की कि पत्रकारों की परिभाषा को कम से कम प्रोवीडेन्ट फंड के आधार पर परिभाषित किया जाना चाहिए। पत्रकारों ने अपनी चर्चा के दौरान पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा की पेंशन योजनाओं पर भी चर्चा की। सभी पत्र‌कारों ने मांग की कि जिन पत्रकारों का भी प्रोविडेंट फंड कट रहा है, उन सबको पेंशन और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए।

 

बैठक में यह तय किया गया कि इस सम्बन्ध में पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव और सूचना सचिव से मुलाकात कर उनके सामने अपना पक्ष स्पष्ट करेगा। इस आशय का मांगपत्र सभी दलों के मुख्य जन प्रतिनिधियों को भी दिया जायेगा।

 

बैठक में विनोद भारद्वाज, राजीव सक्सेना, सुनयन शर्मा, संजय तिवारी, ओम ठाकुर, विवेक जैन, अशोक अग्निहोत्री, भुवनेश श्रोत्रिय, नरेंद्र प्रताप सिंह, रमेश राय, लाखन सिंह बघेल, एम डी खान समेत करीब चार दर्जन पत्रकार उपस्थित थे ।

Dr. Bhanu Pratap Singh