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नए श्रम कानूनों में उद्योग और श्रमिक दोनों के हित सुरक्षित, विदेशी कंपनियां आएंगीः संतोष गंगवार

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

-उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री का स्वागत करते हुए आभार जताया

-आई ट्रैक का जर्मन कंपनी वोन वैलेक्स के साथ हुए करार से अवगत कराया

New Delhi (Capital of India). केन्द्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि हाल ही में 27 श्रम कानूनों के स्थान पर बनाए गए चार श्रम कानून भारत में श्रम और रोजगार बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि उद्योग लगेंगे तो श्रमिकों को काम मिलेगा। उसी उद्देश्य से विदेशी कंपनियों के भारत में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। श्रम कानूनों में उद्योग और श्रमिक दोनों के हित सुरक्षित किए गए हैं।

आई ट्रैक और जर्मन कंपनी के करार से अवगत कराया

नए श्रम कानून लाने के लिए उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने श्रम मंत्री संतोष गंगवार का दिल्ली में स्वागत किया। मंत्री को अवगत कराया कि नए कानून से उद्योगों और श्रमिकों को भला होगा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल जूता निर्यातक कंपनी आई ट्रैक के प्रंबध निदेशक सुनील कुमार जैन ने मंत्री को बताया कि आई ट्रैक कंपनी ने जर्मन फुटवियर कंपनी कासा ऐवर जिम्ब Casa Everz Gmbh (von wellx Germany) के साथ करार किया है। कंपनी ने चीन से अपना उत्पादन समेट कर आगरा में उत्पादन शुरू कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर का जूता बनाया जा रहा है। जेवर और कोसी के बाद भी नई यूनिट लगाने पर विचार किया जा रहा है।

वित्तीय समस्याओं से अवगत कराया

डेल्टा कंपनी के एमडी मनोज अग्रवाल ने स्वागत किया। फुटवियर इंडस्ट्रीज आईआईसी के पदाधिकारी सुधीर रस्तोगी ने मंत्री को बधाई दी। आई ट्रैक के चेयरमैन राजकुमार जैन ने नए श्रम कानूनों के प्रति खुशी जताई। आई ट्रैक कंपनी के सीईओ आशीष जैन और निदेशक (वित्त) सीए आयुषी जैन ने von wellx Germany कंपनी की ओर से सहभागिता की। उन्होंने उद्यिमों के समक्ष आ रहीं वित्त संबंधी समस्याओं के बारे में अवगत कराया। संदेश जैन ने नए कानून लाने के लिए मंत्री के साहस को सराहा।

29 के स्थान पर चार श्रम कानून

बाद में श्रम मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा-  वाजपेयी सरकार के दौरान 2003 में श्रम कानूनों में परिवर्तन करने का प्रयास किया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर 10 साल तक दूसरी सरकार रही और कोई ध्यान नहीं दिया। अब राजग सरकार ने 29 श्रम कानूनों के स्थान पर चार कानून बनाए हैं। अब तक के कानून हमारे उद्योगों और बाहर से आ रही कंपनियों के लिए विपदा की तरह थे। नए श्रम कानूनों से उद्योगों को राहत मिली है। मजदूरों और उद्मियों दोनों का ध्यान रखा गया है। 70 साल से जो कमियां बनी हुई थीं, मोदी के नेतृत्व में उन्हें दूर किया गया है। यह काम पूरे चार साल की मेहनत के बाद हो पाया। खुशी है कि श्रम कानून दोनों संसद में बहुमत से पारित किए गए। आने वाले कुछ ही महीनों में क्रियान्वित हो जाएंगे।

रोजगार बढ़ाने के लिए विदेशी कंपनियों को ला रहे

यह पूछे जाने पर बिहार और बंगाल में श्रमिक अधिक हैं, कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में इन कानूनों का क्या प्रभाव पड़ेगा, संतोष गंगावर ने कहा कि विपदा देश पर आई थी। लोगों को परेशानी हुई। सरकार आभारी है कि श्रमिकों और मध्यम उद्यमों ने इसका मुकाबाल किया। सरकार ने श्रमिकों को तीन महीने का आधा वेतन देने की घोषणा की है। आगे भी देंगे। देश के लोगों ने संयम से संकट की घड़ी का सामना किया है। सरकार रोजगार के लिए नए माध्यम तालश रही है। विदेशी कंपनियों को ला रहे हैं ताकि रोजगार के अवसर बढ़ें। इन कंपनियों को लाने के लिए श्रम कानूनों में परिवर्तन जरूरी था।

यूपी सरकार को सराहा

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उद्योगों और श्रमिकों के लिए तत्परता के साथ डायनमिक काम कर रही है। यूपी नए उद्योग लगाने में सबसे आगे है। गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार ने भी अच्छा काम किया है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि उदयोग होंगे तभी श्रमिकों को काम मिलेगा। काम मिलेगा तो बेरोजगारी का संकट दूर हो पाएगा।