क्या विधायक की शिकायत से बंद हो सकते हैं एक सैकडा आईटीआई ?

BUSINESS Crime NATIONAL POLITICS PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। मथुरा के चार ब्लाक राया, फरह, बलदेव और मथुरा में एक सैकडा आईटीआई संचालित हैं। अब इनमें बवाल मचा है। बवाल में बलदेव क्षेत्र से भाजपा विधायक पूरन प्रकाश का नाम भी शिद्दत से लिया जा रहा है। इन संस्थानों के संचालक विधायक पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। आरोपों की गंभीरता इतनी है कि विधायक की छवि भी धूमिल हो सकती है। वहीं सवाल उठ रहा है कि सिर्फ विधायक की शिकायत भर से 100 से अधिक संस्थान बंद हो सकते हैं। विधायक ने विधान सभा में इन आईटीआई का मामला उठाया था। अपनी तरफ से पत्र भी लिखा था। इसके बाद जांच हुई, जांच की आंच इन संस्थानों तक अभी तक पहुंची नहीं है लेकिन संस्थाओं के संचालकों ने हंगामा खडा कर दिया है।

विधायक पर करोडों रूपये की चौथ मांगने का आरोप लगा चुके हैं

आईटीआई संचालकों की ओर से कहा जा रहा है कि उन्होंने कडी मेहनत कर इन संस्थानों को खडा किया है। इनमें निजी संस्थानों में सरकारी आईटीआई की तुलना बेहतर शिक्षण प्रशिक्षण मिल रहा है। बच्चों का भविष्य सवांर रहे थे कि विधायक ने अडंगा लगा दिया और अब उनकी विश्वसनीयता पर ही सवाल खडे हो गये हैं। भले ही उनके उपर किसी तरह की कोई कार्रवाही न हो लेकिन छात्र एडमिशन लेने से कतरा रहे हैं। विधायक की बुद्धि शुद्ध के लिए संचालक कलक्ट्रेट पर हवन कर चुके हैं। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप चुके हैं और विधायक पर करोडों रूपये की चौथ मांगने का आरोप लगा चुके हैं।

आईटीआई सिर्फ विधायक की शिकायत भर से बंद होने के कगार पर आ सकते हैं

इन संस्थानों की ओर से खुद को पाक साफ बताया जा रहा है। अब सवाल यह उठ रहा है कि शतप्रतिशत नियमों का पालन करते हुए संचालित हो रहे एक सैकडा से अधिक आईटीआई सिर्फ विधायक की शिकायत भर से बंद होने के कगार पर आ सकते हैं, तो यह बेहद गंभीर मामला है और अगर ऐसा नहीं है तो विधायक पर करोडों रूपये की चौथ वसूली का आरोप लगाने का मामला भी उतना ही गंभीर है। विधायक चौथ मांगने जैसे गंभीर आरोप लगाये जाने के बाद भी चुप्पी साधे हैं, हालांकि पूरी कार्रवाही उन्हीं के द्वारा प्रस्तुत साक्षों के बाद ही आगे बढी है।

जनता की ताकत को विधायक नजर अंदाज करते हुए गलत प्रयास कर रहे हैं
कलक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन के दौरान संचालकों द्वारा आरोप लगाये गये कि एक बार विधान सभा में मुद्दा उठाया, एक बार व्यक्तिगतरूप से पत्र लिखा। आरोप यह भी लगाये गये कि विधायक कहते हैं कि विधान सभा चुनाव में 3.5 करोड रूपये खर्च कर चुनाव जीता हूं। आरोप यह है कि धरातल पर आईटीआई ही नहीं हैं। एक परिसर में दो दो आईटीआई चल रही हैं। जब वह इतना ज्ञान रखते हैं, इतनी हिम्मत है तो नाम लेकर क्यों शिकायत नहीं करते हैं, इस तरह की शिकायत नहीं होनी चाहिए। शैक्षणिक संस्थानों को बंद कराने का प्रयास कर रहे हैं, अभी जनता की ताकत को विधायक नजर अंदाज करते हुए गलत प्रयास कर रहे हैं। सभी लोगों से धनराशि की मांग की जा रही है। संस्थानों को बंद कराने की धमकी दी जा रही है।

विधायक द्वारा अर्जित संपत्ति की सीबीआई जांच होनी चाहिए जनपद स्तर पर, प्रदेश स्तर पर और आगे चलकर देश भर में आंदोलन खडा किया जाएगा। विधायक द्वारा अर्जित संपत्तियों का भी आंकलन किया जाये। उनकी जांच की भी मांग करते हैं। विधायक निधि लगाई गयी है उसकी जांच की भी मांग की गई है। डीएम को ज्ञापन देकर हम यह सब मांग कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि विधायक द्वारा अर्जित संपत्ति की सीबीआई जांच होनी चाहिए। निजी आईटीआई वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले आंदोलन जारी रहेगा। विधायक ने चार ब्लाक की शिकायत की हैं, राया, फरह, बल्देव, मथुरा, 100 आईटीआई को नोटिस दिलवाया है। जनवरी माह में विधान सभा में सवाल उठाया, लॉकडाउन में 16 जून से 30 जून तक जांच की गई। जांच या तो फर्जी हैं अनुचित तरीके से की गई हैं। यह प्रवेश फर्जी आईटीआई नहीं हो सकती हैं, अगर फर्जी हैं तो जिन अधिकारियों ने इन्हें मान्यता दी है उनके खिलाफ कार्रवाही की जाए।  

Dr. Bhanu Pratap Singh