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ताजमहल में असली कब्रों के नीचे दो मंजिला भव्य भवन, 1977 में खोले गए थे ताले, केशो मेहरा ने किया खुलासा

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1977 में ताजमहल की ऊपरी मंजिल से नीचे जाने वाले दरवाजों को खोला गया था

ताले लगाने का सरकार या न्यायालय से कोई आदेश नहीं है, इसलिए इन्हें खोला जाए

विवाद समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री और केन्द्रीय संस्कृति मंत्री को पत्र लिखा

Dr Bhanu Pratap Singh

Agra, Uttar Pradesh, India. भारतीय जनता पार्टी केन्द्रीय चुनाव समिति (चुनाव आयोग) के सदस्य, पूर्व प्रदेश महामंत्री (संगठन) भाजपा, यूपी एवं पूर्व विधायक केशो मेहरा ने ताजमहल के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि ताजमहल में असली कब्रों के नीचे दो मंजिला भव्य भवन है। इन पर लगे ताले खोले जाना चहिए।

 

केशो मेहरा ने बताया- ‘ताजमहल’ विश्वदाय स्मारक है, विभिन्न कारणों से अनेक बार जनहित याचिकाएं ”ताजमहल“ को लेकर दायर हुई हैं। 12 मई, 2022 को उच्च न्यायालय, प्रयागराज की लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका प्रस्तुत की गई, जिस पर माननीय न्यायालय ने टिप्पणी की कि ”इस याचिका में कोई जनहित की बात नहीं है।“

 

उन्होंने महत्वूर्ण जानकारी दी कि जनता पार्टी की सरकार वर्ष 1977 में गठित हुई, उस समय ताजमहल की ऊपरी मंजिल से नीचे जाने वाले दरवाजों को खोला गया। नीचे जाने पर ज्ञात हुआ कि ताजमहल में जिस स्थान को मुमताज की असली कब्र बताया जाता है, उसके नीचे दो मंजिल हैं, जिनमें भव्य भवन बने हुए हैं। वर्तमान में पर्यटक नीचे नहीं जा सकते हैं, क्योंकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने दरवाजों पर ताले लगाए हुए हैं। न तो भारत सरकार और न ही किसी माननीय न्यायालय के आदेश से उक्त  ताले लगाए गए हैं।

श्री मेहरा ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय पर्ययन एवं संस्कृति मंत्री गंगापुरम किशन रेड्डी को पत्र लिखा है। पत्र में मांग की है कि ताजमहल के विवाद को हमेशा के लिए समाप्त करने हेतु  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को आदेशित करें कि दरवाजों पर लगाए हुए तालों को खोलें, जिससे पर्यटक नीचे बने हुए भव्य भवनों का अवलोकन कर सकें।

Dr. Bhanu Pratap Singh