दुनियाभर में करीब 20 करोड़ लोग पेरिफेरल आर्टिरियल डिजीज से पीड़ित हैं। इस बीमारी में टांगों की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे टांगों में खून नहीं पहुंच पाता। इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति न बने इसलिए जरूरी है कि Peripheral Arterial Disease से पीड़ित मरीजों को पेन फ्री एक्सर्साइज कराई जाएं। यानि उन्हें ऐसी एक्सर्साइज कराई जाएं, जिनसे उन्हें दर्द महसूस न हो।
यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी में यह बात कही गई है। पीड़ित मरीजों में से करीब 30 फीसदी ऐसे हैं जिन्हें चलने के दौरान टांगों में दर्द और ऐंठन महसूस होती है। पीएडी यानि Peripheral Arterial Disease के इलाज में एक्सर्साइज के साथ साथ हेल्दी डायट, हेल्दी लाइफ स्टाइल, सामान्य वजन और धूम्रपान से दूरी एक अहम रोल प्ले करती है। डायबिटीज, धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के हाई लेवल की वजह से पीएडी की समस्या विकराल रूप ले लेती है इसलिए जरूरी है कि शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखा जाए।
यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के स्टडी ऑथर एडवर्ड लिन के अनुसार Peripheral Arterial Disease के निवारण के लिए अब तक मरीजों को वॉक करने के लिए ही फोर्स किया जाता था ताकि वे अपने दर्द पर काबू पा सकें। जाहिर सी बात है कि आप मरीज को चलने के लिए जितना दबाव डालेंगे और वे जितना चलेंगे उतना ही वे अपने दर्द पर काबू कर पाएंगे और अधिक चल पाएंगे। इस प्रक्रिया से धीरे-धीरे उनके चलने-फिरने की स्थिति में सुधार होने लगेगा।
लिन ने आगे कहा कि पारंपरिक एक्सर्साइज प्रोग्राम दर्द के लिहाज से काफी खतरनाक होते हैं। हाल ही के वक्त में कई ऐसी स्टडीज आईं जिनमें दावा किया गया कि पेन फ्री एक्सर्साइज काफी प्रभावी साबित होती हैं लेकिन मरीजों को ये हमेशा उपलब्ध नहीं कराई जातीं। इस स्टडी में पारंपरिक एक्सर्साइज के तौर पर वॉकिंग को शामिल किया गया। स्टडी में शामिल मरीजों को तब तक चलने के लिए कहा गया जबतक कि उन्हें अधिक दर्द महसूस नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें दर्द के खत्म होने तक आराम करने दिया गया। इस प्रक्रिया को फिर से दोहराया गया।
वहीं विकल्प के तौर पर जिन एक्सर्साइज को शामिल किया गया, उनमें वॉकिंग विदाउट पेन, आर्म एर्गोमीटर, रेज़िस्टेंस ट्रेनिंग, सर्किट ट्रेनिंग, लोअर लिंब एरोबिक एक्सर्साइज और पोल्स के सहारे चलना आदि। इस प्रक्रिया में 84 स्टडीज और 4,442 लोगों को शामिल किया गया। साथ ही इसमें 64 टड्रिशनल वॉकिंग प्रोग्राम और 58 वैकल्पिक एक्सर्साइज प्रोग्राम को शामिल किया गया।
-एजेंसियों
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