Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें आज तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। ये परिवार सरकारी योजनाओं के नाम तो जानते हैं, पर जीवन भर लाभ से वंचित रहते हैं। गोवर्धन के गांव नगला आजल में भूदेव का ऐसा ही गरीब परिवार है। इस परिवार को सरकारी नुमाईंदों और जनप्रतिनधियों ने आज तक किसी योजना का पात्र नहीं समझा। भूदेव ने दो बबूर के पेडों के नीचे झौंपडी नुमा घर बना रखा है। वह हर साल मेहनत कर इस झौंपडी को बनाता है। बरसात के मौसम में यह टूट जाती है, ऐसे में बरसात आ जाये तो पास में बने मंदिर या किसी पडोसी के यहां परिवार शरण लेता हैं। भूदेव कहते हैं मंगलदिवस में भी कई बार गुहार लगाई पर सुनवाई नहीं हुई। प्रधान तो सुनता ही नहीं है। भूदेव के परिवार में पांच बच्चों सहित कुल 7 सदस्य हैं, पर घर में सरकारी राशन का एक दाना तक कभी नहीं आया।
खाते में योजनाओं का लाभ तो आ रहा है लेकिन वह इन तक पहुंच नहीं रहा है
जरूरत पडने पर किसी से चावल किसी से गैहूं मांगते हैं। हद तो तब हो गई जब सब का साथ सबका विकास भी इन्हें योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचा सका। भूदेव का परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचायल, राशन कार्ड, विद्युत कनेक्शन, राशन कार्ड, गैस कनेक्शन, आयुष्मान आदि योजनाओं से दूर है। भूदेव की पत्नी मिथलेश देवी कहती हैं गुजारा करना भारी पड रहा है। प्रधान से बात की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। भूदेव का परिवार तो एक उदाहरण भर है। हर गांव में ऐसे दर्जनों परिवार हैं जिन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ का इंतजार है। आर्थिकरूप से बहद कमजोर ये परिवार ग्राम प्रधान से लेकर राशन डीलर तक के लिए मुफीद साबित होते जा रहे हैं। ऐसे परिवारों की संख्या हर ग्राम पंचायत में कहीं ज्यादा है जिनके खाते में योजनाओं का लाभ तो आ रहा है लेकिन वह इन तक पहुंच नहीं रहा है। ऐसे परिवारों के शौचायल का पैसा बडी संख्या में ग्राम प्रधान डकार गये।