हमारे जवानों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए: जयशंकर – Up18 News

हमारे जवानों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए: जयशंकर

NATIONAL

 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज राहुल गांधी द्वारा तवांग की झड़प को लेकर दिए गए बयान पर कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है, लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। मैंने सुना है कि मेरी अपनी समझ को और गहरा करने की जरूरत है। जब मैं देखता हूं कि कौन सलाह दे रहा है तो मैं केवल सम्मान कर सकता हूं। हमारे जवानों के लिए ‘पिटाई’ शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो भारतीय सेना को सीमा पर किसने भेजा। अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो आज चीन पर डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं, हम सार्वजनिक रूप से क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं?

हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। हमारे जवान यांग्त्से में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर खड़े होकर सीमा की रखवाली कर रहे हैं। उनका सम्मान और सराहना की जानी चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, चीनी आक्रामकता का जवाब देने के लिए एलएसी पर भारतीय सेना की ओर से अब तक की सबसे बड़ी तैनाती की गई है।

एकतरफा बदलाव की कोशिश का जवाब देगी सेना

एक मीडिया कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, 2020 के बाद से एलएसी पर चीनी सैनिकों की संख्या बढ़ी है। इसलिए भारतीय सेना ने भी सैनिकों की बड़े स्तर पर तैनाती की है। उन्होंने कहा, चीन द्वारा किसी भी एकतरफा बदलाव की कोशिश का मुकाबला करने के लिए हमारी सेना तैनात है। यह भारतीय सेना का कर्तव्य भी है।

राहुल गांधी का दावा विश्वसनीय नहीं

विदेश मंत्री ने कहा, चीन मुद्द को लेकर भारत सरकार गंभीर है और राहुल गांधी का दावा विश्वसनीय नहीं है। दरअसल, हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि भारत-चीन सीमा पर मौजूदा हालात बहुत गंभीर हैं। हाल में जो हुआ, वह एक सिर्फ झड़प नहीं थी, बल्कि चीन पूर्ण युद्ध की तैयारी कर रहा है। उन्होंने केंद्र सरकारा पर इस खतरे को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था। कहा था कि सरकार हमसे तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह लंबे समय तक चल नहीं पाएगा।

इसके अलावा श्रीलंका से रिहा किए गए भारतीय मछुआरों पर भी बोले विदेश मंत्री

लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि 2014 के बाद से श्रीलंका से रिहा किए गए भारतीय मछुआरों की संख्या 2,835 है। पीएम मोदी ने तमिल मछुआरों की समस्याओं पर ध्यान दिया है। प्रधानमंत्री ने बार-बार श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से बात की है। अगर श्रीलंका में पकड़े गए मछुआरों को आज रिहा किया जाता है, तो इसलिए नहीं कि कोई चेन्नई में पत्र लिख रहा है, बल्कि इसलिए कि दिल्ली में कोई इस मामले को उठा रहा है।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh