नई मानसिक बीमारी फ्रेंडहॉलिक, दोस्तों का भारी-भरकम नेटवर्क जरूरी नहीं – Up18 News

नई मानसिक बीमारी फ्रेंडहॉलिक, दोस्तों का भारी-भरकम नेटवर्क जरूरी नहीं

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जिंदगी में दोस्त चार-पांच ही बेहतर होते हैं, इससे ज्यादा हैं तो निगेटिव असर होगा। हाल में आई किताब में दावा किया है कि बहुत ज्यादा दोस्त होना अच्छी बात नहीं है। सोशल मीडिया के दौर में दोस्तों का भारी-भरकम नेटवर्क होना सामान्य है। पर ब्रिटेन की चर्चित लेखक और रिलेशनशिप एक्सपर्ट एलिजाबेथ डे कहती हैं,‘बहुत सारे करीबी दोस्त होने से आप पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। लोग आपको कम गंभीर समझने लगते हैं।’

‘फ्रेंडहॉलिक’ में एलिजाबेथ (Elizabeth Day) ने कहा- दोस्त चार से पांच ही बेहतर हैं

अपनी नई किताब ‘फ्रेंडहॉलिक’ में एलिजाबेथ ने बताया है कि अच्छी मानसिक सेहत के लिए दोस्त चार से पांच ही बेहतर हैं। इससे ज्यादा हैं, तो फायदा कम या फिर बिल्कुल ही नहीं होता। सात से ज्यादा दोस्त बनाए रखने की प्रवृत्ति को अवसाद के लक्षणों में बढ़ोतरी से जोड़कर देखा जाता है। एलिजाबेथ ने इस तथ्य को खुद से जोड़ा।

दरअसल लॉकडाउन में लंबे वक्त तक उन्होंने अकेलापन महसूस किया। वह कहती हैं, ‘इस दौरान मैंने बड़ी संख्या में दोस्त बनाए और उनसे जुड़ी भी रही। पर सभी से संपर्क बनाए रखना मुमकिन नहीं हुआ। बहुतों को तो मैं जानती भी नहीं। इसलिए कुछ लोगों की बुरी दोस्त भी साबित हुई।’

एलिजाबेथ कहती हैं, जिन लोगों के लिए आप सब कुछ छोड़ देते हैं। सुबह 4 बजे भी उनके कॉल अटैंड करते हैं। आपको भरोसा रहता है कि संकट में वो आपके साथ खड़े रहेंगे। ऐसे लोग मुट्‌ठीभर ही होते हैं। सभी से करीबी जरूरी नहीं है।

एलिजाबेथ ने अपने दोस्तों के बारे में बताया

कई बार गर्भपात झेल चुकीं एलिजाबेथ कहती हैं, ऐसे दुखद पल मूल्यवान सबक देते हैं कि वास्तव में आपके दोस्त कौन हैं? मैं खुशनसीब हूं कि मुझे ऐसे दोस्त मिले।’ उन्होंने सबसे अच्छी दोस्त एम्मा के बारे में बताया। एम्मा हमेशा उनके साथ होती हैं। बदले में वह एलिजाबेथ से कुछ नहीं चाहतीं। एलिजाबेथ भारत व एशियाई देशों की स्टडी का उदाहरण देती हैं, जिसके मुताबिक यहां लोग दोस्ती में समानता व संस्कृति को महत्व देते हैं। इसलिए दोस्ती लंबे समय तक टिकी रहती है।

दायरा बड़ा है तो जरूरी नहीं कि दोस्त भी ज्यादा बनेंगे: स्टडी

ज्यादातर लोगों को यह अहसास नहीं होता कि बहुत सारे दोस्त होना सामाजिक संपर्क में बड़ी बाधा है, क्योंकि लोग मान लेते हैं कि आप दोस्ती की जिम्मेदारियां निभाने में कम सक्षम हैं।

जर्नल पर्सनालिटी एंड सोशल सायकोलॉजी की स्टडी के मुताबिक लोग ऐसे लोगों से जुड़ना पसंद करते हैं, जिनके कम दोस्त होते हैं। इस तथ्य ने इस बात को गलत साबित किया है कि आपका दायरा बड़ा है तो ज्यादा लोग दोस्ती करना पसंद करेंगे।

Dr. Bhanu Pratap Singh