मां, बाप स्टेशन पर ही रह गए, डेढ़ वर्ष बच्चा अन्य महिला के साथ मथुरा जं. पहुंचा

BUSINESS Crime HEALTH NATIONAL POLITICS PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा महिला यात्री की गोदी में बैठा था, माता-पिता दिल्ली स्टेशन पर ही खड़े रह गए, रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम ने छह घंटे बाद बच्चे को बरामद कर माता-पिता को सौंपा परिचित महिला की गोद में बैठा डेढ़ वर्ष का अदनान कर्नाटका एक्सप्रेस ट्रेन से मथुरा जंक्शन तक आ गया। उसके माता-पिता दिल्ली स्टेशन पर ही खड़े रह गए।

माता पिता नई दिल्ली स्टेशन पर ही खड़े रह गए, अन्य महिला बच्चे को लेकर ट्रेन में सवार हो गई

सूचना पर रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम ने छह घंटे बाद मथुरा में बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। इसके बाद राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने बच्चे को माता-पिता को सौंप दिया। बिजनौर जिले के जटपुराखेड़ा निवासी मुस्तकीम और उसकी पत्नी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से डेढ़ वर्ष के बेटे अदनान के साथ रविवार की रात साढ़े सात बजे कर्नाटका एक्सप्रेस में सवार होना था। स्टेशन पर ही उन्हें बिजनौर निवासी हबीबा नामक महिला मिली। 
हबीबा और उसके पति को भी कर्नाटका एक्सप्रेस से सवार होना था। इसी दौरान थोड़ी बहुत जान पहचान होने पर हबीबा ने अदनान को अपनी गोद में ले लिया और उसे लेकर कोच संख्या एस-12 में सवार हो गई। ट्रेन चल दी और मुस्तकीम और उसकी पत्नी दिल्ली स्टेशन पर ही खड़े रह गए। रात 10.20 बजे मथुरा जंक्शन पर पहुंची थी ट्रेन अदनान के पिता मुस्तकीम ने इसकी सूचना रेलवे कंट्रोल को दी। कंट्रोल ने मथुरा जंक्शन पर रेलवे चाइल्ड लाइन और जीआरपी को बच्चा ट्रेन में छूटने की सूचना दी। ट्रेन करीब रात 10:20 बजे जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर पहुंची। 
माता-पिता की जरा सी लापरवाही से बच्चा ट्रेन में रह गया था

रेलवे चाइल्ड लाइन ने जीआरपी के सहयोग से महिला से बच्चे को ले लिया। इसकी सूचना कंट्रोल के माध्यम से मुस्तकीम को भी दे दी गई। मुस्तकीम और उसकी पत्नी इंटरसिटी एक्सप्रेस में सवार होकर रात करीब 1:30 बजे जंक्शन पहुंचे। जीआरपी ने तहकीकात करने के बाद बच्चे को मुस्तकीम को सौंप दिया। बच्चे को पाकर माता-पिता खुश हो गए। रेलवे चाइल्ड लाइन के कोआर्डिनेटर मो. सईद ने बताया कि माता-पिता की जरा सी लापरवाही से बच्चा ट्रेन में रह गया था, जिसे कंट्रोल की सूचना के बाद बरामद कर परिजनों को सकुशल सौंप दिया गया ।

Dr. Bhanu Pratap Singh