विश्व में एकमात्र शिव मंदिर है जहां एक ही जलहरी में दो शिवलिंग विराजमान है जो कि भगवान परशुराम एवं उनके पिता जमदग्नि ऋषि के द्वारा स्थापित हैं।
आज से करीब 10000 वर्ष से पूर्व आगरा में रुनकता क्षेत्र के अंतर्गत रेणुका धाम आश्रम में भगवान परशुराम एवं उनके पिता जमदग्नि ऋषि और उनकी माता रेणुका पूजा अर्चना एवं तप किया करते थे। वह प्रतिदिन रेणुका धाम से कैलाश पर्वत पूजा अर्चना करने जाते थे। पूजा अर्चना करते-करते उन्हें हजारों वर्ष बीत गए।
एक दिन भगवान शंकर प्रकट हुए और बोले- हे महर्षियो, आप कई वर्षों से मेरी पूजा अर्चना कर रहे हैं। आप क्या वरदान चाहते हैं।
भगवान परशुराम और उनके पिता बोले- भगवन, हमारे पास बल की कमी नहीं और धन की आवश्यकता नहीं। कृपया आप हमारे साथ हमारे स्थान रेणुका धाम चलें। हम आपकी पूजा आराधना वहीं किया करेंगे।
इतना सुनते ही भगवान शंकर खुश हुए और बोले- हे महर्षियो, इस कैलाश पर्वत के कण-कण में मेरा वास है। जो भी कण आप अपने साथ ले जाएंगे उसमें मैं विराजमान हो जाऊंगा।
भगवान परशुराम और उनके पिता दो शिवलिंगों को लेकर कैलाश पर्वत से चल दिए। चलते-चलते संध्या वंदन का समय हुआ। समय के बड़े ही प्रतिबंध थे। जिस समय जो कार्य करना है वही करते थे। इसलिए कैलाश मंदिर आगरा के समीप यमुना देखते ही यमुना के निकट दोनों शिवलिंगों को रख दिया। यमुना में स्नान कर दोनों शिवलिंगों का पूजा अर्चन किया। फिर उठाने की कोशिश की। काफी प्रयासों के बाद शिवलिंग टस से मस न हो सके।
फिर एकदम से आकाशवाणी हुई- हे महर्षियो, मैं अचलेश्वर हूँ। जिस जगह पर एक बार स्थापित हो जाता हूँ, वही रहता हूँ। महर्षियो, आप मेरी पूजा अर्चना करने इसी स्थान पर आया करना। फिर यहीं पर मंदिर बनाकर शिवलिंग स्थापित कर दिए गए। आज यह कैलाश मंदिर कहलाता है।
आज से करीब 1500 वर्ष पहले की बात है। एक गाय वाला परेशान था कि गाय का दूध रोज कोई निकाल लेता है। एक दिन उसने गाय का पीछा किया और देखा कि मिट्टी के टीले पर गाय अपने आप दूध दे रही है। उसने आसपास के गांव वालों को बुलाया और खुदाई कराई तो देखा कि दो शिवलिंग यहां पर विराजमान हैं। तभी से यहां पूजा अर्चना आरंभ हो गई और पीठाधीश्वर मठ महंत पूज्य श्री नेत्र गिरी जी महाराज की पीढ़ी ने सेवा करना आरंभ किया। इसी स्थान पर वर्तमान कैलाश मंदिर है।
कैलाश महादेव मंदिर के पूर्व पीठाधीश्वर परम पूज्य श्री श्री 1008 श्री महेश गिरी जी महाराज की 14 से 15 वी पीढ़ी यहां सेवा कर रही है।
विश्व में एकमात्र कैलाश शिव मंदिर है जहां एक ही जलहरी में दो शिवलिंग विराजमान हैं जो कि भगवान परशुराम एवं उनके पिता जमदग्नि ऋषि के द्वारा स्थापित हैं।
महंत गौरव गिरी गोस्वामी, कैलाश मंदिर, आगरा
8057089117, 9675430356
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