अमेरिकी टैरिफ वार के बीच निर्यात संवर्धन में भारतीय उद्योग जगत को बढ़त का मौका, आगरा से 7500 करोड़ रुपये का निर्यात, जो कई गुना बढ़ सकता है

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य में हालिया अमेरिकी टैरिफ नीतियों ने भारत के लिए निर्यात वृद्धि के नए द्वार खोल दिए हैं। इसी संदर्भ में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार, विकास कार्यालय, आगरा द्वारा बुधवार को होटल ओपल कोर्टयार्ड, एनएच-19 पर राष्ट्रीय संगोष्ठी निर्यात प्रोत्साहन’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आगरा सहित विभिन्न जिलों के उद्यमियों, उद्योगपतियों एवं सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।

संगोष्ठी का शुभारंभ नोएडा स्पेशल इकनॉमिक जोन के चेयरमैन एवं सीईओ, आईटीएस ए. बिपिन मेनन, एमएसएमई-डीएफओ आगरा के संयुक्त निदेशक डॉ. आरके भारती, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, फैक्ट्री ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर खन्ना एवं हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अस्थाना ने दीप प्रज्वलित कर किया।

निर्यात में नई ऊंचाइयों की ओर भारत

मुख्य अतिथि ए. बिपिन मेनन ने अपने उद्घाटन संबोधन में केंद्र और राज्य सरकार की निर्यात संवर्धन योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा,
यदि हम निर्यात योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करें और गुणवत्ता, इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्त एवं मार्केटिंग पर ध्यान दें, तो आगरा का 7500 करोड़ रुपये का निर्यात कई गुना बढ़ सकता है। अमेरिका की टैरिफ नीति ने चीन, कनाडा, ब्राजील और मैक्सिको के लिए व्यापारिक बाधाएं उत्पन्न की हैं, जो भारत के लिए एक बड़े अवसर में तब्दील हो सकती हैं। सरकार और उद्यमियों के संयुक्त प्रयास से हम वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं।”

संबोधित करते मुख्य अतिथि।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चार विशेष सत्र

संगोष्ठी के अंतर्गत चार महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए—

  1. निर्यात संवर्धन के माध्यम से नई सीमाओं का अन्वेषण’
  2. निर्यात संवर्धन हेतु सरकारी योजनाओं पर चर्चा’
  3. निर्यात के लिए लॉजिस्टिक समर्थन’
  4. तकनीकी सत्र’

इन सत्रों में जीजेईपीसी नई दिल्ली के क्षेत्रीय निदेशक संजीव भाटिया, सिडबी के शाखा प्रबंधक आकाश सोनी, ईसीजीसी के प्रबंधक ऋतेश कुमार, डाकघर निर्यात केंद्र के आईपीओएस अभिषेक श्रीवास्तव, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के सहायक अधिकारी राजीव कुमार चतुर्वेदी और फियो के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने निर्यात से जुड़ी बारीकियों पर विस्तृत जानकारी दी।

आगरा को मिले विशेष औद्योगिक क्षेत्र की मांग

एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने वैश्विक मांग को ध्यान में रखते हुए कहा कि भारत को विश्व की 800 करोड़ की आबादी के लिए उत्पादन केंद्र बनने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने नोएडा स्पेशल इकनॉमिक जोन की तर्ज पर आगरा में भी एक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की मांग की, जिससे स्थानीय उद्योगों को नई ऊंचाइयां मिल सकें।

संबोधित करते पूरन डावर

नीतिगत सुधारों की आवश्यकता

हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अस्थाना ने पीएलआई स्कीम्स का लाभ सभी उद्योगों तक पहुंचाने और नीतिगत सुधारों पर जोर दिया। वहीं, लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने आगरा में औद्योगिक विस्तार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

उपस्थित निर्यातक

सहयोग और तालमेल से निर्यात वृद्धि संभव

नेशनल एससी एसटी हब ऑफिस के शाखा प्रबंधक पुष्पेंद्र सूर्यवंशी ने एससी-एसटी उद्यमियों के लिए उपलब्ध योजनाओं पर प्रकाश डाला। सिडबी, जीटी भारत, अग्रिम टेक, सीसीएलए के अधिकारीगण और विभिन्न उद्योग संगठन इस आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल हुए।

संभावनाओं पर प्रकाश डाला

लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने आगरा में इंडस्ट्री विस्तार की बात रखते हुए सम्भवनाओं पर प्रकाश डाला।

उल्लेखनीय उपस्थिति

इस दौरान सिडबी के प्रबंधक, आकाश सोनी, जी टी भारत के मंजीत सिंह, नीलम जी, अग्रिम टेक के अचिंतय शर्मा, सीसीएलए के महासचिव अजय शर्मा और समन्वयक ब्रजेश शर्मा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

निष्कर्ष

इस संगोष्ठी ने स्पष्ट किया कि भारत के पास अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का सुनहरा अवसर है। यदि सरकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाए और उद्योगों को सही दिशा में मार्गदर्शन मिले, तो भारत वैश्विक व्यापार में अग्रणी भूमिका निभाने में सक्षम होगा

Dr. Bhanu Pratap Singh