भगवान विष्णु को समर्पित है एकादशी व्रत के लाभ, सिर्फ यहां  संपूर्ण जानकारी

भगवान विष्णु को समर्पित है एकादशी व्रत के लाभ, सिर्फ यहां है संपूर्ण जानकारी

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एकादशी व्रत की पूरी जानकारी

एकादशी व्रत एक हिंदू धार्मिक व्रत है जो प्रत्येक महीने में दो बार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। एकादशी व्रत के कई लाभ हैं, जिनमें पापों का नाश, मोक्ष की प्राप्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति शामिल हैं।

एकादशी व्रत के नियम

एकादशी व्रत के कई नियम हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। इन नियमों में शामिल हैं:

  • व्रत से एक दिन पहले, यानी दशमी तिथि को, शाम को सात्विक भोजन करना चाहिए।
  • एकादशी तिथि को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
  • व्रत के दौरान केवल फलों, सब्जियों और दूध का सेवन करना चाहिए।
  • व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के मांस, मछली, अंडे, प्याज, लहसुन और नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • व्रत के दौरान झूठ बोलना, क्रोध करना, चोरी करना और व्यभिचार करना भी वर्जित है।
  • एकादशी तिथि को सूर्यास्त के बाद व्रत खोला जाता है।

एकादशी व्रत की कथा

एकादशी व्रत की कथा के अनुसार, एक समय में एक ऋषि थे जिनका नाम वशिष्ठ था। एक दिन, वशिष्ठ ऋषि एक जंगल में तपस्या कर रहे थे। तपस्या के दौरान, एक राक्षस ने उन पर हमला किया। राक्षस का नाम मुरदांव था। मुरदांव एक बहुत ही शक्तिशाली राक्षस था। वशिष्ठ ऋषि ने मुरदांव से युद्ध किया, लेकिन वह उसे हरा नहीं पाए।

तभी, भगवान विष्णु ने वशिष्ठ ऋषि की मदद करने के लिए एक सुंदर महिला का रूप धारण किया। महिला का नाम एकादशी था। एकादशी ने मुरदांव से युद्ध किया और उसे हरा दिया। मुरदांव के मरने के बाद, वशिष्ठ ऋषि ने एकादशी को धन्यवाद दिया। वशिष्ठ ऋषि ने एकादशी को बताया कि वह एक देवता है।

एकादशी ने वशिष्ठ ऋषि को बताया कि वह भगवान विष्णु की 11वीं शक्ति है। एकादशी ने वशिष्ठ ऋषि को बताया कि जो कोई भी एकादशी व्रत रखेगा, उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी।

एकादशी व्रत के लाभ

एकादशी व्रत के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • पापों का नाश
  • मोक्ष की प्राप्ति
  • सुख-समृद्धि की प्राप्ति
  • आरोग्य की प्राप्ति
  • बुद्धि का विकास
  • मन का शांत होना
  • जीवन में सुख-शांति का आगमन

एकादशी व्रत के प्रकार

एकादशी व्रत के कई प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • निर्जला एकादशी: इस व्रत में 24 घंटे तक बिना पानी के व्रत रखा जाता है।
  • पारण एकादशी: इस व्रत में व्रत के दौरान केवल फलों का सेवन किया जाता है।
  • फलाहार एकादशी: इस व्रत में व्रत के दौरान फलों, सब्जियों और दूध का सेवन किया जाता है।

पूर्ण एकादशी: इस व्रत में व्रत के दौरान केवल फलों, सब्जियों और दूध का सेवन किया जाता है।

Dr. Bhanu Pratap Singh